दुनिया

पेंटागन लीक में 21 साल के जैक को एफबीआई ने किया गिरफ्तार, चैट ग्रुप पर पोस्‍ट कर दिए थे टॉप मिलिट्री सीक्रेट्स

वॉशिंगटन: 21 साल के जैक टेक्सीरा को अमेरिका की जांच एजेंसी एफबीआई ने गिरफ्तार किया है। जैक, मैसाच्‍यूसेट्स में एयर नेशनल गार्ड्समैन के तौर पर तैनात थे। जैक ही वह शख्‍स हैं जिन्‍हें एफबीआई ने पिछले दिनों हुए पेंटागन लीक का जिम्‍मेदार माना है। इस घटनाक्रम की वजह से अमेरिका के कई साथी देश उससे नारज हैं और कई मिलिट्री सीक्रेट्स सामने आ गए हैं। जो डॉक्‍यूमेंट्स लीक हुए हैं उनमें यूक्रेन युद्ध से लेकर कई और अहम जानकारियां हैं जिनकी वजह से अब बाइडेन प्रशासन को शर्मिंदगी का सामना करना पड़ रहा है।
कई साल तक रहना होगा जेल में
जैक को उस समय गिरफ्तार किया गया जब वह नॉर्थ डाइटन में अपने घर पर थे। हेलीकॉप्‍टर न्‍यूज फुटेज में नजर आ रहा है कि कटे हुए काले बाल, एक ऑलिव ग्रीन कलर की टी-शर्ट और लाल शॉर्ट्स के साथ एक युवक को एजेंटों की एक टीम की ओर पीछे की ओर चलने के लिए ऑर्डर दिया जा रहा है। वाशिंगटन में, अमेरिकी अटॉर्नी जनरल, मेरिक गारलैंड ने इस गिरफ्तारी की पुष्टि की है। उन्‍होंने कहा कि टेक्सीरा को अनधिकृत निष्कासन और क्‍लासीफाइड राष्‍ट्रीय रक्षा सूचना की जानकारी देने के संबंध में गिरफ्तार किया गया है। गारलैंड ने जो भाषा प्रयोग की है, उससे पता चलता है कि टेक्‍सीरा को जासूसी अधिनियम के तहत आरोपों का सामना करना पड़ेगा।

इंटरनेट पर नजर रखने की जिम्‍मेदारी
इस अधिनियम के तहत हर आरोप में 10 साल की जेल की सजा हो सकती है। साथ ही हर लीक हुए दस्तावेज को उसके अभियोग में एक अलग गिनती के तौर पर देखा जा सकता है। ऐसे में माना जा रहा है कि टेक्‍सीरा को काफी सालों तक जेल की सजा का सामना करना पड़ सकता है। गारलैंड ने कहा कि एयर नेशनल गार्ड्समैन बोस्टन में मैसाचुसेट्स जिला अदालत में मौजूद होगा। एयरमैन फर्स्ट क्लास टेक्सेरा मैसाचुसेट्स एयर नेशनल गार्ड के 102वें इंटेलीजेंस विंग में ‘साइबर ट्रांसपोर्ट सिस्टम ट्रैवलमैन’ के ड्यूटी टाइटल के साथ तैनात थे। इस पद के तहत उस पर एयरबेस पर इंटरनेट ठीक तरह से काम कर रहा है या नहीं, इसे देखने की जिम्‍मेदारी थी। साल 2019 में गार्ड में शामिल हुए थे।

ऑनलाइन चैट ग्रुप के लीडर
माना जा रहा है कि टेक्सीरा एक ऑनलाइन चैट ग्रुप के एडमिन या लीडर थे। इसी ग्रुप पर पिछले साल से लेकर इस साल मार्च तक सीक्रेट और टॉप सीक्रेट डॉक्‍यूमेंट की सैकड़ों तस्वीरें पहली बार अपलोड की गई थीं। ऑनलाइन ग्रुप ने खुद को ठग शेकर सेंट्रल के तौर पर बताया था। इस ग्रुप में 20 से 30 साल के युवक और टीनएजर शामिल थे। ये सभी बंदूकों, मिलिट्री गियर और वीडियो गेम के शौकीन थे। साथ ही नस्लवादी भाषा समूह की एक आम विशेषता थी।

राष्‍ट्रीय सुरक्षा खतरे में
ठग शेकर सेंट्रल के पूर्व सदस्यों ने खोजी पत्रकारिता संगठन बेलिंगकैट, वाशिंगटन पोस्ट और न्यूयॉर्क टाइम्स को बताया है कि बाकी लोगों को प्रभावित करने के मकसद से दस्तावेजों को साझा किया गया था न कि विशेष विदेश नीति के बारे में जानने की मंशा के तहत। द गार्डियन के मुताबिक करीब 50 दस्तावेज ऐसे हैं जो काफी सीक्रेट थे। लेकिन ऐसे संकेत हैं कि कई और डॉक्‍यूमेंट्स ग्रुप ठग शेकर सेंट्रल पर पोस्ट किए गए थे। न्यूयॉर्क टाइम्स ने करीब 300 डॉक्‍यूमेंट्स को देखा है। इनमें से सिर्फ एक हिस्‍सा ही जारी किया गया है। इस एक हिस्‍से से ही पता लगता है कि नेशनल सिक्‍योरिटी को कितना नुकसान पहुंचा है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button