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पहले राहुल ने की चर्चा, ऑफर और ‘मीठा’ किया पर… कर्नाटक पर बंद कमरे की ‘कांग्रेस स्टोरी’ पढ़िए

नई दिल्ली: कर्नाटक जीतने के बाद अब सीएम पोस्ट को लेकर कांग्रेस में मंथन चल रहा है। दोनों दावेदार यानी सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार दिल्ली में डटे हुए हैं। मंगलवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के घर पर नेताओं का आना जाना लगा रहा। दोपहर में सबसे पहले राहुल गांधी मिलने पहुंचे और कुछ देर बाद ही निकल गए। सीएम के दावेदार और कर्नाटक चीफ डीके शिवकुमार शाम 5 बजे कांग्रेस अध्यक्ष खरगे से मिले। करीब एक घंटे बाद शाम 6 बजे सिद्धारमैया अलग से खरगे से मिलने पहुंचे। दरअसल डीके अपनी दावेदारी पर अड़ गए हैं जिससे पार्टी हाईकमान के लिए अंतिम फैसला लेने में मुश्किल हो रही है। समझा जा रहा है कि आज सीएम पर फैसला हो सकता है। बेंगलुरु और दिल्ली में कांग्रेस गलियारों में अटकलों का दौर जारी है। बताया जा रहा है कि हाईकमान ने शिवकुमार के लिए स्पेशल ऑफर दिया है लेकिन वह अपनी बात पर अड़े हैं। कांग्रेस नेतृत्व ने DK को भरोसा दिया है कि अभी दो साल के लिए सिद्धारमैया को सीएम बनने दें, उसके बाद तीन साल का कार्यकाल उन्हें दे दिया जाएगा।

पार्टी लीडरशिप कर्नाटक के मुख्यमंत्री की औपचारिक घोषणा से पहले आज एक और दौर की बैठकें करेगा। कल सबसे पहले दोपहर में राहुल गांधी खरगे से मिले थे और उसके बाद कई बैठकें हुईं। शाम को कांग्रेस अध्यक्ष के साथ सिद्धा की बैठक काफी लंबी चली। जी हां, सिद्धा और खरगे ने करीब डेढ़ घंटे तक चर्चा की थी। बताते हैं कि कई विकल्पों और पहलुओं पर मंथन हुआ है। सिद्धा पार्टी के महासचिव केसी वेणुगोपाल और रणदीप सुरजेवाला से भी अलग-अलग मिले। सूत्रों का कहना है कि शिव और सिद्धा दोनों राजधानी में बने हुए हैं और आज उन्हें अगले दौर की बैठक के लिए फिर से बुलाया जा सकता है।

सिद्धा ने अपनी कही, शिव का अलग तर्क

सिद्धारमैया ने यह कहते हुए अपनी दावेदारी पेश की है कि ज्यादातर विधायकों का सपोर्ट उनके साथ है। जबकि शिवकुमार की तरफ से कहा गया है कि पार्टी के दिग्गज नेता (सिद्धा) पूरा एक कार्यकाल सीएम रह चुके हैं और अब पार्टी चीफ होने के नाते उन्हें मौका दिया जाना चाहिए। उन्होंने कर्नाटक की प्रचंड जीत का हवाला देते हुए अपने लिए टॉप पोस्ट मांगी है। वैसे, पूर्व मुख्यमंत्री रेस में आगे हैं लेकिन शिवकुमार के जोर देने से मामला पेचीदा हो गया है। अटकलें यह भी हैं कि राज्य के पार्टी चीफ ने कह दिया है कि अगर मुख्यमंत्री पद नहीं दिया गया तो वह सरकार में शामिल नहीं होंगे।

फैसला खरगे लेंगे, सबसे पहले राहुल मिलने आए

पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने हमारे सहयोगी अखबार TOI को बताया, ‘अब भी कुछ समस्या है अन्यथा मंगलवार को ही सब कुछ स्पष्ट हो जाता। बुधवार दोपहर तक अब यह हो पाएगा।’ कांग्रेस नेता ने कहा कि दोनों क्षत्रपों के साथ चर्चा में बारी-बारी से कार्यकाल दिए जाने पर जोर दिया गया। हालांकि शिवकुमार ने खुले तौर पर कुछ समय के लिए सीएम बनने से इनकार कर दिया है। पूरे घटनाक्रम पर नजर रख रहे वरिष्ठ नेता ने कहा कि तीन विशेष पर्यवेक्षकों की निगरानी में कराई गई सीक्रेट वोटिंग में सिद्धा को बहुमत मिला है, इसके बावजूद शिवकुमार टस से मस नहीं हो रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘कर्नाटक कांग्रेस चीफ दावा कर रहे हैं कि उन्होंने पार्टी को जीत दिलाई है और इसलिए मुख्यमंत्री की पोस्ट के हकदार हैं।’ कल सुबह खरगे, वेणुगोपाल और सुरजेवाला समेत कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की बैठक डेढ़ घंटे चली थी जिसमें पावर-शेयरिंग फॉर्म्युले पर चर्चा हुई। इसमें बात बनी कि सिद्धा को 2 साल और शिवकुमार को तीन साल का कार्यकाल दिया जाए।

क्या आज फैसला हो पाएगा?

कांग्रेस के एक पदाधिकारी ने कहा कि शिवकुमार यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी और राहुल गांधी दोनों से मिलना चाहते थे लेकिन ऐसा नहीं हो पाया क्योंकि सोनिया शिमला में थीं। शिवकुमार आज उनसे मिल सकते हैं। मंगलवार को बेंगलुरु से रवाना होते समय ही शिवकुमार ने अपने इरादे जाहिर कर दिए थे। उन्होंने कहा था, ‘भगवान (पार्टी) और मां (सोनिया) को पता होता है कि बच्चों को क्या चाहिए। मैं मंदिर में अपने भगवान से मिलने जा रहा हूं। मैं अकेले जा रहा हूं। महासचिव ने मुझे अकेले आने के लिए कहा था। हमें कांग्रेस को मजबूत करना है… मां अपने बच्चे को सब कुछ देती है।’ इससे पहले सोमवार को कर्नाटक के तीन पर्यवेक्षकों ने खरगे को रिपोर्ट सौंपी थी। पांच घंटे तक पार्टी नेताओं के बीच चर्चा चली। बताया गया कि ज्यादातर विधायकों ने सिद्धा को सीएम बनाने का समर्थन किया है। अब कर्नाटक ही नहीं, देशभर के लोगों की नजरें आज कांग्रेस की बैठक पर लगी हैं, जहां से राज्य के नए सीएम पर फैसला होने वाला है।

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