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और सस्ता होगा आटा-मैदा, सरकार ने कर दिया यह काम

नई दिल्ली: गेहूं और इसके आटे के दाम में और कमी होगी। बाजार में गेहूं की कोई कमी नहीं हो, इसके लिए केंद्र सरकार ने फिर बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने तय किया है कि एफसीआई खुले बाजार में 20 लाख टन और गेहूं बेचेगी। खुला बाजार बिक्री योजना-2023 के तहत यह गेहूं आटा मिलों, व्यापारियों, थोक खरीदारों, गेहूं से बने उत्पादों के निर्माताओं को ई-नीलामी के जरिए बेची जाएगा। इससे पहले सरकार ने 30 लाख टन गेहूं खुले बाजार में बेचने का फैसला किया था। ताजे फैसले के बाद इस योजना के तहत सरकार ने अब तक 50 लाख टन गेहूं बाजार में बेचने का फैसला किया है। दोनों फैसले महीने भर के अंदर हुए हैं।


क्या है सरकार का ताजा फैसला

कंज्यूमर अफेयर्स, फूड एंड पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन मिनिस्ट्री ने मंगलवार, 21 फरवरी 2023 को इस बात की जानकारी दी। मिनिस्ट्री ने एक बयान जारी कर बताया कि खुले बाजार के लिए 20 लाख टन गेहूं की अतिरिक्त बिक्री की जाएगी। उम्मीद की जाती है कि इससे गेहूं के दाम नरम होंगे। इससे आटा और गेहूं से बनने वाले अन्य प्रोडक्ट की कीमतों में कमी लाने में मदद मिलेगी। इससे पहले 25 जनवरी 2023 को मिनिस्ट्री 30 लाख टन गेहूं बाजार में बेचने का फैसला किया था।

सरकार कर चुकी है गेहूं की कीमतों में कमी

केंद्रीय खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग Department of Food and Public Distribution (DFPD) ने महंगाई पर लगाम लगाने के लिए सरकारी गेहूं की रिजर्व प्राइस पहले ही घटा दी है। इसकी घोषणा बीते 17 फरवरी को हुई थी। घटी हुई कीमतें 31 मार्च 2023 तक लागू रहेंगी। तब तक नया गेहूं बाजार में आ जाएगा। इस कटौती के बाद सरकार के Open Market Sale Scheme (Domestic) {OMSS (D)} के तहत फेयर एवरेज क्वालिटी के गेहूं wheat (FAQ) की कीमत 2150 रुपये प्रति क्विंटल हो गई है। इसी के साथ Under Relaxed Specifications (URS) wheat की कीमत 2125 रुपये प्रति क्विंटल तय की गई है। यह कीमत किसी एक राज्य के लिए नहीं बल्कि पूरे देश के लिए है।

कौन खरीद सकेंगे एफसीआई से गेहूं

सरकार जो एफसीआई का गेहूं बेच रही है, उसे हम और आप सीधे नहीं खरीद सकेंगे। सरकार की घोषित कीमत पर यह इस गेहूं के लिए प्राइवेट मिलर्स और कारोबारी बोली लगाएंगें राज्य सरकार भी चाहे तो वह भी इसी कीमत पर गेहूं खरीद कर अपन योजनाओं के तहत इसका वितरण कर सकती हैं। राज्यों को छूट होगी कि वह रिजर्व प्राइस पर ही गेहूं की खरीद करे। उन्हें बोली प्रक्रिया में भाग नहीं लेना होगा। लेकिन कारोबारियों या व्हीट प्रोडक्ट बनाने वाले और मिलर्स को e-auction में भाग लेना होगा।

घटने लगे हैं गेहूं के दाम

सरकार ने तब खुले बाजार में गेहूं की बिक्री का फैसला लिया था, जबकि गेहूं और आटे का दाम आसमान में चला गया था। जनवरी के दूसरे और तीसरे सप्ताह के दौरान गेहूं की कीमत 2800 से 3000 रुपये प्रति क्विंटल जबकि खुला बिकने वाला आटा 35 रुपये किलो तक चला गया था। इसके बाद सरकार ने 30 लाख टन गेहूं बाजार में उतारने का फैसला किया। अब तो 20 हजार टन अतिरिक्त गेहूं उतारने का फैसला हो गया है। इसका असर दिख भी रहा है। इस समय बाजार में गेहूं के थोक दाम में 700 से 800 रुपये प्रति किलो की कमी हो गई है।

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