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Srijan Ghotala: कैसे हुई रजनी प्रिया की गिरफ्तारी? CBI ने प्लान और मिशन का किया खुलासा

Srijan Scam : भागलपुर। बिहार में 2200 करोड़ रुपये के सृजन घोटाले की कई परतें अब खुलती जा रही हैं। माना जा रहा है कि रजनी प्रिया की गिरफ्तारी के बाद इस मामले में अभी और खुलासे हो सकते हैं।

इस पूरे घोटाले में रजनी की सास मनोरमा देवी को लेकर भी कई बातें सामने आई हैं। बताया गया है कि मनोरमा ने जिसे चाहा उसे करोड़पति बना दिया।

सृजन महिला विकास सहयोग समिति की सचिव रजनी प्रिया गाजियाबाद में रहते हुए भागलपुर की कई महिलाओं के संपर्क में थी। अपने खास दोस्तों से सीबीआई की गतिविधियों की जानकारी लेती रहती थी।

बेटे का माउंट असीसि में नामांकन कराने के बाद रजनी इन महिलाओं के संपर्क में आई थी। धीरे-धीरे दोस्ती प्रगाढ़ होती चली गई। रजनी सृजन मिहला विकास सहयोग समिति के कार्यालय बहुत ही कम जाती थी।

पति अमित कुमार की ए कुमार इंस्टीट्यूट जाना ज्यादा पसंद करती थी। कुछ महिलाओं से संपर्क में आने के बाद एक-दूसरे के घर आना-जाना शुरू कर दिया था। जन्मदिन व मैरेज डे में पार्टी का हिस्सा भी बनती थी।

इस दौरान वह अपने दोस्तों की मदद भी करने लगी थी। किसी को दवा दुकान खुलवा दिया तो किसी को घरेलू सामान दिलवा दिया करती थी। कार्यक्रम में जाती तो महंगे गिफ्ट लेकर जाती थी।

वह अपनी सास मनोरमा देवी के किसी भी काम में दखल नहीं देती थी। मनोरमा के मरने के बाद उसे सृजन का सचिव बनाया गया था।

जुलाई 2017 में जब सृजन घोटाला के उजागर होने का अंदेशा हुआ तो अपनी एक महिला दोस्त को खूब सारे पैसे देकर चली गई थी।

रजनी ने जाते-जाते उससे कहा था कि अभी रखो वापस आकर ले लूंगी। रजनी अमित व बेटे के साथ जो गई, फिर वापस नहीं आई। यहां से रजनी सीधे रांची गई।

सृजन घोटाला उजागर होने के बाद वह छुपती-छुपाती गाजियाबाद में रहने लगी। रजनी प्रिया के पकड़े जाने के बाद संपर्क में रहने वाली महिलाओं के बीच हड़कंप मच गया है। सीबीआई रजनी को अपने साथ भागलपुर भी लाने वाली है।

मनोरमा के नाम अभी भी दुकान

सृजन महिला विकास सहयोग समिति लिमिटेड की सचिव मनोरमा देवी ने अपने नाम एक दुकान सिविल सर्जन मार्केट में ली थी। यह दुकान अभी भी मनोरमा देवी के नाम पर ही है। हालांकि, वह दुकान अभी एक सैलून वाले के कब्जे में हैं।

इसी मार्केट में विपिन शर्मा सहित सृजन से जुड़े कई लोगों के नाम पर है। मनोरमा देवी ने गिफ्ट के तौर पर कई लोगों को दुकान व मकान दिया था।

मनोरमा ने जिसे माना; उसे करोड़पति बना दिया। वह आंचल में पैसा बांधकर रखती थी और देते वक्त यह नहीं देखती थी कि कितनी राशि दे रही है।

2200 करोड़ रुपये के घोटाले में रजनी प्रिया की अदालत में पेशी, 21 तक के लिए जेल

अरबों रुपये के सृजन घोटाला मामले में आरोपित रजनी प्रिया को शुक्रवार को सीबीआई के प्रभारी जज महेश प्रसाद की अदालत में सीबीआई की टीम ने पेश किया।

अदालत ने उसे न्यायिक हिरासत में लेते हुए 21 अगस्त तक के लिए केंद्रीय कारा बेउर जेल भेज दिया। सीबीआई की टीम ने आरोपित को उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिला के साहिबाबाद से गिरफ्तार किया था।

आरोपित को आरसी केस संख्या 14ए/17 में गिरफ्तार किया है। रजनी प्रिया व पति अमित कुमार फरार चल रहे थे।

सृजन घोटाले में सीबीआई ने लगभग 30 अलग-अलग मामले दर्ज किए हैं, जिसमें दो दर्जन से अधिक मामले में रजनी प्रिया वांछित थी।

आरोपित के अधिवक्ता अरविंद कुमार ने बताया कि रजनी प्रिया जिन मामलों में आरोपित है, अगली तारीख को उन मामलों में आवेदन देकर उपस्थित करा दिया जाएगा।

विशेष कोर्ट में पेशी के दौरान रजनी प्रिया ने बताया कि सीबीआई ने उसे गुरुवार की सुबह साढ़े आठ बजे गिरफ्तार किया था।

वह व्रत की हुई थी। सीबीआई के अफसरों ने फलाहार कराया। शुक्रवार को सुबह नाश्ता दिया। वह सीबीआई के व्यवहार से खुश दिखी।

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