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19 साल का असद देश की सुरक्षा के लिए खतरा कैसे? पूछने वाले कपिल सिब्बल ने अतीक की हत्या पर क्‍या कहा

नई दिल्‍ली: उम्‍मीद है सुप्रीम कोर्ट (SC) अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की दिनदहाड़े हत्‍या का स्‍वत: संज्ञान लेगा। देश की सबसे बड़ी अदालत से यह आस है राज्‍यसभा सांसद कपिल सिब्‍बल की। सिब्‍बल ने कहा है कि अदालत को पूरी कानूनी प्रक्रिया तय करनी होगी कि किसे गिरफ्तार करना है, उसे कितने दिन जेल में रखना है। उन्‍होंने कहा कि अगर सुप्रीम कोर्ट की तय गाइडलाइंस का पालन नहीं होता तो प्रशासन पर कार्रवाई होनी चाहिए। अतीक और अशरफ की शनिवार रात प्रयागराज में गोली मारकर हत्‍या कर दी गई थी। उत्‍तर प्रदेश के माफिया-राजनेता अतीक अहमद के बेटे असद का तीन दिन पहले एसटीएफ ने एनकाउंटर किया था। सिब्‍बल ने उसपर भी सवाल खड़े किए। राज्‍यसभा सांसद ने पूछा कि ’19 साल का नौजवान देश की सुरक्षा के लिए खतरा कैसे बन सकता है?’ सिब्‍बल ने कहा, ‘अगर आपको उसे पकड़ना है तो पैर में गोली मारिए, मुकदमा चलाइए… उसे मारना क्‍यों चाहते हैं?’

ओवैसी की भी यही मांग, अतीक की हत्या की सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में हो जांच

AIMIM अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने भी अतीक-अशरफ हत्‍याकांड का सुप्रीम कोर्ट से स्वत: संज्ञान लेने और एक जांच दल गठित करने की अपील की। हैदराबाद के सांसद ने कहा कि निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने के लिए उत्तर प्रदेश के अधिकारियों को जांच दल का हिस्सा नहीं होना चाहिए। ओवैसी ने कहा कि हत्यारों को हथियार किसने दिए, किसने भेजे और वे वहां कैसे पहुंचे, जैसे तथ्यों को सामने लाने के लिए गहन और समयबद्ध जांच की जरूरत है। उन्होंने कहा, जब तक ऐसा नहीं किया जाता, हत्याएं जारी रहेंगी। ओवैसी ने कहा कि जब से भाजपा उत्तर प्रदेश में सत्ता में आई है, तब से राज्य में कानून का राज नहीं बल्कि बंदूक का राज चल रहा है। यह कहते हुए कि सत्ता में रहने वालों में कोई दया या मानवता नहीं है, उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के इस्तीफे की मांग की।

कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने ट्वीट किया, ‘समाज में किसी को डराने व धमकाने के लिए जो भी हमारी न्याय प्रणाली में राजनैतिक उद्देश्य से दखलअंदाजी करता है,अपराधी के साथ वो भी दंड का भागीदार है। किसी भी मुजरिम को सख्‍त से सख्‍त सजा मिले, इसके लिए अदालतें हैं। कानून व्यवस्था से खिलवाड़ करना केवल अराजकता को जन्म देता है।’

बीजेपी ने कैसे किया बचाव
बीजेपी विधायक शलभ मणि त्रिपाठी ने कहा कि जो इस परिस्थिति में बेहतर हो सकता था पुलिस ने वह किया। उन्‍होंने कहा, ‘पुलिस को जितनी मुस्तैदी के साथ काम करना था उन्होंने किया, अतीक और अशरफ को बचाने की कोशिश पुलिस ने जान पर खेल कर की। मीडिया के लोगों को भी बचाने का प्रयास हुआ। 3 हमलावरों को गिरफ्तार किया गया। यह हमला अचानक हुआ था, पुलिस पर सवाल उठाना मुनासिब नहीं है।’

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