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सरकारी बीमा कंपनियों का अडानी ग्रुप में लगा है कितना पैसा? वित्त मंत्रालय ने बताया

नई दिल्ली: अडानी समूह लगाजार सुर्खियों में बना हुआ है। अमेरिकी रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग ने अडानी ग्रुप पर कई आरोप लगाए थे। हिंडनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट पेश की थी। इसके बाद से अडानी ग्रुप के शेयरों में काफी गिरावट देखी जा रही है। अडानी ग्रुप में सरकारी बीमा कंपनियों ने कितना निवेश किया हुआ है, इस बारे में वित्त मंत्रालय ने जानकारी दी है। वित्त मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि पांच सरकारी बीमा कंपनियों का अडानी समूह से संबंधित कंपनियों में कुल 347.64 करोड़ रुपये का निवेश है, जो इनकी (बीमा कंपनियों) कुल संपत्ति का 0.14 प्रतिशत है। वित्त राज्य मंत्री भागवत कराड ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी। उनसे अडानी समूह की कंपनियों में बैंकों एवं वित्तीय संस्थाओं द्वारा किए गए निवेश या कर्ज के संदर्भ में सवाल किया गया था।

मंत्री ने बताया कि भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) ने 30 जनवरी को कहा था कि 31 दिसंबर, 2022 तक उसकी अडानी समूह की कंपनियों से जुड़ी कुल हिस्सेदारी एवं कर्ज 35,917.31 करोड़ रुपये थी। उन्होंने कहा कि यह राशि एलआईसी की कुल पूंजी 41.66 लाख करोड़ रुपये का सिर्फ 0.975 प्रतिशत है।

अडानी ग्रुप के शेयरों में गिरावट जारी

अडानी समूह की ज्यादातर कंपनियों के शेयरों में सोमवार को भी गिरावट जारी रही। कंपनी ने हालांकि बाजार धारणा सकारात्मक बनाने का प्रयास किया और कहा कि उसकी वृद्धि योजनाएं कायम हैं, व्यापारिक योजनाएं पूरी तरह वित्त पोषित हैं और वह शेयर धारकों को लाभ पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध बना हुआ है।अमेरिकी वित्तीय शोध कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च की 24 जनवरी को जारी रिपोर्ट में अडानी समूह पर धोखाधड़ी का आरोप लगाए जाने के बाद से समूह की सात कंपियों का बाजार मूल्य आधा रह गया है। समूह ने हालांकि सभी आरोपों को खारिज कर दिया था।


सही रास्ते पर विस्तार की योजनाएं

समूह के प्रवक्ता ने कहा, “हमारी प्रत्येक स्वतंत्र कंपनी का लेखा-जोखा बहुत अच्छा है। हमारे पास उद्योग जगत की सबसे स्वस्थ विकास क्षमताएं, मजबूत कॉरपोरेट शासन, सुरक्षित संपत्ति, मजबूत नकदी प्रवाह है और हमारी कारोबारी योजनाएं पूरी तरह वित्तपोषित है।” समूह ने वृद्धि लक्ष्य और पूंजीगत व्यय में कटौती की खबरों को खारिज कर दिया। “परियोजनाओं में देरी हो सकती है लेकिन कोई भी स्थगित या रद्द नहीं हुई है और सौर, हरित हाइड्रोजन और हवाई अड्डों के विस्तार की योजनाएं सही रास्ते पर हैं।” प्रवक्ता ने कहा, “मौजूदा बाजार स्थिर होते ही प्रत्येक इकाई अपनी पूंजी बाजार रणनीति की समीक्षा करेगी। निश्चिंत रहें, हम शेयरधारकों को बेहतर लाभ देने के लिए अपनी इकाइयों की सतत क्षमता में विश्वास रखते हैं।”

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