खरीदी हुई प्रॉपर्टी पर था बिजली बिल बकाया तो आपको भरना होगा पैसा, सुप्रीम कोर्ट ने आज साफ कह दिया

नई दिल्ली: मकान, दुकान या कोई संस्थान खरीद रहे हैं तो एक बात गांठ बांध लीजिए- कभी बिजली बिल का पूरा हिसाब-किताब देखे बिना डील फाइनल मत कीजिए। आप जिस प्रॉपर्टी को खरीदने जा रहे हैं, उस पर भारी बिजली बिल बकाया है तो लापरवाही आप पर भारी पड़ेगी। सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा है कि अगर किसी प्रॉपर्टी के पहले के मालिक ने बिजली बिल नहीं चुकाया तो मौजूदा मालिक से इसकी वसूली की जा सकती है। यानी, आपने जिस मालिक से प्रॉपर्टी खरीदी है, अगर उसने आपको बेची गई प्रॉपर्टी का बिल नहीं चुकाया होगा तो वह बोझ आपके सिर मढ़ जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में साफ कहा कि नए प्रॉपर्टी मालिक से पुराने प्रॉपर्टी मालिक पर बिजली बकाये की रकम वसूली जा सकती है, इसमें कुछ भी अवैध नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट बोला- बिजली कंपनी को बकाया वसूलने का अधिकार
कानून का हवाला देकर सुप्रीम कोर्ट ने दिया महत्वपूर्ण फैसला
सुप्रीम कोर्ट बेंच ने कहा कि बिजली कानून की धारा 43 के तहत बिजली आपूर्ति का कोई पूर्ण दायित्व नहीं है बल्कि यह दायित्व शर्तों के साथ पूरा किया जाता है। बिजली बिल चुकाना प्राथमिक शर्त है। इस सवाल पर कि क्या पुराना बिल बकाया, नए मालिक से वसूला जा सकता है, कोर्ट ने कहा- पिछले मालिक का बकाया, नए मालिक से वसूलने की शर्तें रखना 2003 के बिजली कानून के दायरे में आता है। सुप्रीम कोर्ट ने एक और महत्वपूर्ण सवाल का जवाब दिया कि बिजली बकाया की वसूली के लिए 2003 एक्ट के सेक्शन 56(2) में तय की गई दो साल की सीमा का क्या? सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बकाया नहीं चुकाने वाले कन्ज्यूमर के खिलाफ मुकदमा दायर करना अलग बात है और बिल चुकाने का दबाव बनाने के लिए बिजली कनेक्शन काटना अलग बात। बिजली कंपनी ये दोनों काम कर सकती है।