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समंदर के ‘अर्जुन’ तैयार करता है ‘INS द्रोणाचार्य’, समुद्री योद्धाओं के गुरु से मिलिए

नई दिल्ली: ​राष्ट्रपति का रंग या निशान सर्वोच्च सम्मान माना जाता है जो भारत के सर्वोच्च कमांडर, राष्ट्र के लिए अपनी असाधारण सेवा के लिए एक इकाई को प्रदान किया जाता है। आईएनएस द्रोणाचार्य को गोलाबारी और मिसाइल युद्धकला के सभी पहलुओें पर नौसेना के अधिकारियों और नाविकों, तटरक्षकों और मित्रवत विदेशी सामुद्रिक बलों के प्रशिक्षण का दायित्व सौंपा गया है।

समुद्री योद्धाओं को युद्ध कौशल सिखाता है INS द्रोणाचार्य​

कोच्चि स्थित आईएनएस द्रोणाचार्य में नौसेना, तटरक्षक बल और मित्र देशों के बलों के अधिकारियों और नाविकों को गोलाबारी और मिसाइल युद्ध का प्रशिक्षण दिया जाता है। यह समुद्री योद्धाओं को तैयार करता है और उन्हें हमारे शक्तिशाली युद्धपोतों को चलाने के लिए पेशेवर कौशल और अदम्य भावना से सुसज्जित करता है। यह यूनिट सागर प्रहरी बल के प्रशिक्षण के लिए नोडल केंद्र और हिन्द महासागर क्षेत्र (आईओआर) के कई देशों के लिए कांस्टेबुलरी प्रचालनों में प्रशिक्षण के लिए नौसेना केंद्र भी है। यह यूनिट नौसेना और तटरक्षक में ड्रिल और समारोहों के लिए प्रशिक्षण प्राधिकरण भी है।

1971 भारत-पाक युद्ध में थी अहम भूमिका​

INS द्रोणाचार्य देश के प्रमुख प्रशिक्षित गनर प्रतिष्ठान में शामिल है। यह देश में एकमात्र नौसैनिक गनरी स्कूल है। इस स्कूल से ट्रेनिंग लेने वाले योद्धाओं ने आजादी के बाद से कई बार नौसैनिक अभियानों में अहम भूमिका निभाई है, जिसमें ऑपरेशन ट्राइडेंट (1971 के भारत-पाक युद्ध के दौरान कराची पर मिसाइल हमले) और ऑपरेशन कैक्टस (1988 में मालदीव में तख्तापलट का प्रयास करने वाले भाड़े के सैनिकों की ओर से बंधक बनाए गए लोगों को छुड़ाना) शामिल हैं । पहली बार स्वतंत्र भारत के नौसैनिक जहाजों ने ‘ऑपरेशन विजय’ के तहत दुश्मन पर गोलीबारी की थी और 1961 में गोवा को पुर्तगालियों से मुक्त कराया था।

​युद्ध और शांति में अपनी अलग पहचान बनाई

INS द्रोणाचार्य को 2004 में गनरी और मिसाइल युद्ध में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शनकर्ता के रूप में नामित किया गया था। यह यूनिट संयुक्त कौशल की भावना से इंडियन आर्मी स्कूल ऑफ आर्टिलरी से अटैच है। संस्थान के पूर्व छात्रों ने साहस, अटूट प्रतिबद्धता और त्रुटिहीन व्यावसायिकता के अनुकरणीय कार्यों के माध्यम से युद्ध और शांति में अपनी अलग पहचान बनाई है। पूर्व छात्रों में एक महावीर चक्र, कीर्ति चक्र और युद्ध सेवा पदक, पांच वीर चक्र और सात शौर्य चक्र पुरस्कार विजेता शामिल हैं। गनरी स्कूल समय के साथ-साथ अंतर्राष्ट्रीय ख्याति का एक संस्थान बन गया है जो गनरी और मिसाइल युद्ध के सभी पहलुओं पर प्रशिक्षण प्रदान करता है।

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