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नौबस्ता थाने के दरोगा ने कारोबारी को कमरे में बंद कर पट्टे से पीटा, फिर दिए करंट के झटके

यूपी के कानपुर में पुलिस की कार्रवाई एक बार फिर सवालों के घेरे में आ गई है। यहां एक दरोगा ने तो बर्बरता की सारी हदें पार कर दी। उसने एक कारोबारी को बंधक बनाकर उसे थर्ड डिग्री टॉर्चर किया। दरोगा ने युवक को पहले बंद कमरे में बेरहमी से पीटा फिर करंट का झटका दिया। हालत बिगड़ने पर उसे प्राइवेट अस्पताल में भर्ती करा दिया, जहां आईसीयू में युवक मौत से जूझ रहा है। उधर, दरोगा को प्राथमिक जांच में दोषी पाकर सस्पेंड कर दिया गया है।

ये घटना नौबस्ता थाना क्षेत्र का है। हंसपुरम, सरस्वती नगर के रहने वाले हृदेश उर्फ ऋतिक गुप्ता (30) हार्डवेयर का कारोबार करते हैं। उनके छोटे भाई तेजस्वी ने बताया कि नौबस्ता के ही सौरभ भदौरिया भी इसी व्यापार में हैं। साल 2022 में सौरभ भदौरिया ने चकेरी हरजेंदर नगर के एक व्यापारी को माल दिया था। जिसमें भाई ऋतिक गारंटर थे। पार्टी ने जो चेक दीं, वो बाउंस हो गईं। सौरभ भाई पर भुगतान का दबाव बनाने लगा। भाई ने पार्टी से कुछ रुपया भी दिलवाया। बीते एक महीने से सौरभ खुद भुगतान करने का दबाव डालने लगा। यहां तक धमकी भी दी। बीती 19 जनवरी को नौबस्ता थाने में तैनात दरोगा वीरेश यादव फोर्स लेकर दुकान पर आया और अभद्रता कर सौरभ को रुपये देने का दबाव बनाने लगा। इस पर ऋतिक ने पुलिस कमिश्नर से इसकी शिकायत भी की।

तेजस्वी ने बताया कि इससे नाराज दरोगा वीरेश ने गुरुवार सुबह ऋतिक को फोन कर थाने बुलाया। दोनों भाई जब वहां पहुंचे तो वीरेश ने ऋतिक का मोबाइल छीन लिया और तेजस्वी को थाने से भगा कर ऋतिक को प्रथम तल पर बने कमरे में ले गया। दो घंटे बाद अचानक दरोगा वीरेश भागता हुआ नीचे आया और बताया कि तुम्हारा भाई बेहोश हो गया है। ऊपर पहुंचा तो भाई जमीन पर बेहोश पड़ा है। शरीर पर चोट के निशान थे। दरोगा ही गाड़ी से पास के एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराने ले गया। जहां आईसीयू में उसका इलाज चल रहा है। कुछ देर को होश में आने पर ऋतिक ने बताया कि उसे दरोगा वीरेश ने दो घंटे तक यातनाएं दीं। वहीं मामला सामने आने के बाद एडीसीपी अंकिता शर्मा अस्पताल और थाने पहुंचीं। उन्होंने बताया कि प्राथमिक जांच में दरोगा दोषी पाया गया है। उसे निलंबित कर दिया गया है। हालांकि अभी रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई है।

इंस्पेक्टर की बात भी मानी नहीं मानी

तेजस्वी ने बताया कि थाने पहुंचने पर दरोगा भाई को इंस्पेक्टर जेपी पांडेय के पास ले गया। इंस्पेक्टर ने कहा-लेनदेन का विवाद है इसे जाने दो। इसके बाद इंस्पेक्टर क्षेत्र में निकल गए। इंस्पेक्टर के जाते ही दरोगा भाई का मोबाइल छीन कर कमरे में ले गया और बर्बरता की हदें पार कीं। एक घंटे बाद जब भाई नीचे नहीं आया तो मैंने वकील को बुला लिया। उनके थाने पहुंचने पर दरोगा भड़क गया। मुझे थाने से भगा दिया।

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