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किरेन रिजिजू को जो पृथ्वी और विज्ञान मंत्रालय मिला है, आखिर वो करता क्या है, यहां जानिए सबकुछ

नई दिल्ली: पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) कैबिनेट में गुरुवार को अचानक बदलाव किया गया। केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू (Kiren Rijiju) की जगह अर्जुनराम मेघवाल (Arjun Ram Meghwal) को कानून मंत्रालय का जिम्मा सौंपा गया। वहीं, रिजिजू को पृथ्वी और विज्ञान मंत्रालय (Ministry of Earth Sciences) की जिम्मेदारी दी गई है। शुरुआत में ये मंत्रालय 1981 में बनाए गए डिपार्टमेंट ओसन डिवेलपमेंट (Department of Ocean Development) के अंर्तगत आता था। 1982 में सरकार ने इसे अलग मंत्रालय के रूप में मान्यता दी। आइए जानते हैं कि पृथ्वी और विज्ञान मंत्रालय की क्या जिम्मेदारी है और ये क्या करता है।

पृथ्वी मंत्रालय को मिली है ये जिम्मेदारी

पृथ्वी और विज्ञान मंत्रालय भारत सरकार के अंर्तगत काम करता है। ये मंत्रालय मौसम, पर्यावरण, समुद्री हलचल, जल विज्ञान, भूकंप, समुद्री जीव और अन्य चीजों की खोज आदि करने की जिम्मेदारी संभालता है। जुलाई 2006 में भारत सरकार ने राष्ट्रपति की अधिसूचना के जरिए डिपार्टमेंट ओसन डिवेलपमेंट का नाम बदलकर पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय कर दिया गया। इसके के बाद इस मंत्रालय के अधीन मौसम विभाग, दिल्ली, IITM, राष्ट्रीय मध्यम अवधि मौसम पूर्वानुमान केंद्र (NCMRWF) नोएडा आ गए।

इस मंत्रालय का मकसद जान लीजिए

इस मंत्रालय का मकसद समाज के पृथ्वी विज्ञान क्षेत्र में ज्ञान और प्रौद्योगिकी उद्यम के रूप में उत्कृष्टता हासिल करना है जिससे सामाजिक-आर्थिक फायदा हो। इसके जरिए मौसम की जानकारी, पर्यावरण, समुद्र और तटीय राज्यों में मौसम की जानकारी उपलब्ध कराई जाती है। इसके अलावा हाइड्रोलॉजी, भूकंप और प्राकृतिक आपदा को लेकर भी जानकारी दी जाती है। इसके अलावा इस मंत्रालय के पास आर्कटिक, अंटार्कटिक और हिमालय में होने वाली हलचलों आदि की भी जानकारी एकत्र करने के लिए अभियान चलाने की जिम्मेदारी होती है।

मंत्रालय के काम जान लीजिए

-पृथ्वी मंत्रालय पर्यावरण पर लंबी अवधि वाले आकलन, समुद्र और पृथ्वी की हलचलों पर नजर रखता है। इसके अलावा अर्थ सिस्टम में आने वाले बदलाव पर भी मंत्रालय की नजर होती है।

-मंत्रालय कई आधुनिक तरीकों के जरिए मौसमी बदलाव और आपदा के बारे में भी जानकारी देता है। इसके लिए अनुमान लगाने के पुख्ता तकनीक को विकसित करने पर भी मंत्रालय काम करता है।

-इसके अलावा अर्थ सिस्टम और ह्यूमन सिस्टम के बीच स्थानीय और अस्थायी संबंधों को भी समझने की कोशिश की जाती है।

-मंत्रालय के जरिए ध्रुवीय और समुद्र ऊंचाई वाले इलाके पर भी अभियानों को शुरू करने की जिम्मेदारी होती है।

-इसके अलावा मंत्रालय के पास अर्थ सिस्टम से मिलने वाली जानकारी को सर्विस, सामाजिक, पर्यावरण और आर्थिक फायदे के लिए इस्तेमाल करने की भी जिम्मेदारी होती है।

-समुद्री तकनीक के विकास और समुद्र के अंदर मिलने वाले रिसोर्स को ढूंढने के तरीके का भी विकास की जिम्मेदारी।

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