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नाच न जाने आंगन टेढ़ा… पिच पर किच-किच करने वालों के दिल पर दौड़ा Mohammed Shami का बुलडोजर

नागपुर: बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के पहले मुकाबले से एक सप्ताह पहले ही बवाल शुरू हो गया था। ऑस्ट्रेलियाई टीम के क्रिकेटर नागपुर की पिच पर विवादों के बाउंसर मारने लगे थे। इस मामले में उनके पूर्व क्रिकेटर और मीडिया ने भी बखूबी साथ दिया। कंगारू टीम ने बयानों का हव्वा इस कदर बनाया कि हर कोई हिल गया। सभी को लग रहा था कि नागपुर में गेंद गिरने के बाद कम से कम 5 फीट तो टर्न लेगी ही। देखने में यह भी अजीब रहा कि पिछले 6 महीने से भारत दौरे की बात कर रहे कंगारू स्पिन की खूब तैयारी भी किए, लेकिन पहली पारी में 177 रनों पर ढेर हो गए।।

    जिस तरह से ऑस्ट्रेलियाई बैटिंग औंधे मुंह गिरी लगा भारत की हालत भी खराब हो जाएगी, लेकिन ऐसा बहुत कुछ होते दिखा नहीं। कप्तान रोहित शर्मा ने पहले दिन ताबड़तोड़ बैटिंग करते हुए हाफ सेंचुरी पूरी की तो अश्विन ने भी बल्ले का मुंह खोला। उन्होंने दूसरे दिन सेंचुरी पूरी की तो रविंद्र जडेजा और अक्षर पटेल ने अपनी बवाल बैटिंग से कंगारुओं की हालत खराब कर दी। जिस पिच को कंगारू पानी पी-पीकर गाली दे रहे थे भारत ने रनों का अंबार लगा दिया। न केवल 139.3 ओवर तक बैटिंग की, बल्कि 400 रनों का विशाल स्कोर खड़ा किया।

    तूफानी अंदाज में बैटिंग और स्मिथ के बराबर रन बना गए शमी

    जिस पिच पर कंगारुओं की हालत खराब हुई उसी पर मोहम्मद शमी ने बल्ले से बुलडोजर चला दिया। उन्होंने ताबड़तोड़ अंदाज में 47 गेंदों में 2 चौके और 3 छक्के उड़ाते हुए 37 रनों की पारी खेली। रोचक बात यह है कि दुनिया के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों में शामिल स्टीव स्मिथ ने भी 37 रन बनाए थे। हालांकि, उन्होंने 107 गेंदों का सामना किया। शमी ने पारी में 7 विकेट झटकने वाले टोड मर्फी को 3 छक्के उड़ाए।

    अक्षर पटेल और रविंद्र जडेजा ने जड़ा तमाचा

    रोहित शर्मा तो स्पेशलिस्ट बल्लेबाज हैं, लेकिन चोट से वापसी कर रहे रविंद्र जडेजा और अक्षर पटेल ने बताया कि नागपुर की पिच पर बैटिंग कैसे की जाती है। पिच की बहाना करने वाली ऑस्ट्रेलियाई टीम के गेंदबाजों की जमकर कुटाई हुई। स्पिनर नाथन लायन और टोड मर्फी ने क्रमश: 126 और 124 रन लुटाए। जडेजा ने 185 गेंदों में 9 चौके की मदद से 70 रन ठोके तो अक्षर पटेल ने 174 गेंदों में 10 चौके और एक छक्का के दम पर 84 रन की पारी खेली।

    भारत के हर बल्लेबाज ने खली दहाई अंकों में गेंदें

    सबसे रोचक बात यह है कि भारतीय टीम का हर बल्लेबाज दहाई यानी 10 गेंदों से अधिक का सामना किया। दूसरी ओर, ऑस्ट्रेलिया के 6 बल्लेबाज के खाते में रन तो छोड़िए गेंद भी 10 नहीं थे। डेविड वॉर्नर ने 5, उस्मान ख्वाजा ने 3, मैट रेनशॉ ने 1, टोड मर्फी ने 5, नाथन लायन ने 3 और बोलैंड ने 8 गेंदों का सामना किया। तमाम बातों का निचोड़ सिर्फ एक लाइन है कि ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों ने ‘नाच न जाने आंगन टेढ़ा…’ वाला व्यवहार किया है। उन्हें पेस और स्पिन दोनों नहीं खेलने आई तो पिच का बहाना बनाना शुरू कर दिया।

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