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राम-भरत मिलाप की कथा श्रवण कर भावुक हुए श्रोता:- श्याम बाबू त्रिपाठी।

यज्ञेश मिश्रा(कथावाचक)ने कराया कथा का मार्मिक रसपान,

बांदा। संकटमोचन हार्पर क्लब शहरबांदा में चल रही रामलीलाओं में राम वनवास, कैकई संवाद और भरत मिलाप की लीलाओं का सजीव चित्रण वक्ता के द्वारा किया गया। श्रोताओं की भीड़ अब लगातार बढ़ रही है।

राम-भरत मिलाप की लीला का मंचन हुआ। जब भरत बड़े भाई राम की खडाऊ राज सिंहासन पर रखने की बात करते है, तो पूरे समाज को एक संदेश देने का काम किया गया। भाइयों में भरत और लक्ष्मण की तरह त्याग होना चाहिए। एक भाई आज्ञा पाकर उनके साथ चल देता है और एक उनकी खंडाऊ को ही अपना सहारा मान लेता है। भरत मिलाप को देख लोग भावुक हो गए। राजा दशरथ और कैकई का संवाद लोगों को छू गया। पिता की आज्ञा लेकर राम वन गमन करते हैं तो पूरे अयोध्या में किस तरह का माहौल होता है यह कथा मे दर्शाया। इस मौके पर भोला महाराज, श्याम बाबू त्रिपाठी, प्रमोद शास्त्री जी, श्रीकांत तिवारी, पंडित आनंद राज़ तिवारी, पुष्पक, चंद्रभान कछवाह, द्वारिका सिंह कामता सिंह, भगवानदास आदि

उधर आज बाँदा नगर के रामलीला मैदान में आयोजित सामूहिक श्री राम चरित मानस पारायण पाठ संगीतमयी अष्टम श्री राम कथा पंडाल में पहुँचकर पूज्य व्यास श्री श्री 108 श्री राम हृदय दास जी महराज (जिज्ञासु) जी के श्री मुख से दासी मंथरा की सीख पर कैकेयी वरदान में राजा दशरथ से राम को 14 वर्ष का वनवास, भरत को राज तिलक मांगती है। इसके बाद आर्य सुमंत, निषादराज संवाद, दशरथ मरण, भरत-कैकई संवाद और भरत मिलाप की सुंदर लीला का मंचन किया गया। भरत के द्वारा चित्रकूट पहुंच कर भगवान श्रीराम से वापस अयोध्या चलने का आग्रह किया जाता है, लेकिन श्रीराम अपने पिता दशरथ के वचनों को पूरा करने की बात कहकर भरत को वापस अयोध्या लौटने का आग्रह करते हैं, जिसके बाद भरत भगवान श्री राम के चरण पादुका लेकर अयोध्या वापस लौट जाते।

श्री रामनाम संकीर्तन की 14वी वर्षगांठ पर 24 नवम्बर से 5 दिसंबर तक श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है

आयोजन भोले महाराज ने बताया कि धार्मिक अनुष्ठान में श्रीमद् भागवत कथा के अलावा वेदी हवन व एक लाख हनुमान चालीसा पाठ, महामृत्युंजय जप का आयोजन भी होगा। बृहद धार्मिक आयोजन में देश के कई साधु संत और विद्वान एकत्रित होंगे। 6 दिसम्बर को भंडारे का आयोजन किया जाएगा।

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