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जमीन और पैसों का हेर-फेर बना इमरान खान के जेल जाने की वजह, क्या है अल-कादिर ट्रस्ट केस?

इस्लामाबाद : पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के मुखिया इमरान खान को इस्लामाबाद हाई कोर्ट के परिसर से मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया जहां वह दो मामलों में पेश होने के लिए आए थे। बाद में इस्लामाबाद पुलिस ने आईजी अकबर नासिर खान के हवाले से एक बयान जारी कर बताया कि इमरान को अल कादिर ट्रस्ट केस के संबंध में गिरफ्तार किया गया है। इमरान की गिरफ्तारी के बाद एक प्रेस कान्फ्रेंस को संबोधित करते हुए पाकिस्तान के गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह ने दावा किया कि पीटीआई चीफ को अल-कादिर ट्रस्ट भ्रष्टाचार मामले में गिरफ्तार किया गया है। इस केस में इमरान और उनकी पत्नी बुशरा बीबी पर मनी लॉन्डिंग कर प्राप्त की गई 50 अरब रुपए की राशि को वैध बनाने के लिए एक रियल एस्टेट फर्म का इस्तेमाल करने का आरोप है। आइए जानते हैं कि अल-कादिर ट्रस्ट केस क्या है?


इमरान खान, उनकी पत्नी बुशरा बीबी और दूसरे पीटीआई नेता भ्रष्टाचार के एक मामले में राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (NAB) की जांच का सामना कर रहे हैं। यह मामला पीटीआई सरकार और एक बिल्डर के बीच लेनदेन का है जिसने कथित तौर पर पाकिस्तान के राष्ट्रीय खजाने को 190 मिलियन पाउंड का नुकसान पहुंचाया। इमरान, बुशरा बीबी, जुल्फिकार बुखारी और बाबर अवान ने ‘अल-कादिर’ नाम से एक ट्रस्ट बनाया था जिसका उद्देश्य पंजाब के झेलम जिले में अल-कादिर यूनिवर्सिटी की स्थापना करना था। ट्रस्ट के ऑफिस का पता ‘बनी गाला, इस्लामाबाद’ दर्ज किया गया। 2019 में बुशरा बीबी ने ‘दान’ लेने के लिए एक प्राइवेट रियल एस्टेट फर्म बहरिया टाउन के साथ एक ज्ञापन पर साइन किए।

दोस्त को दे दी दान की जमीन

इस डील के तहत बहरिया टाउन ने ट्रस्ट को 458 कनाल, 4 मरला और 58 स्क्वायर फुट जमीन दान की। पाकिस्तान के गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह का आरोप है कि इमरान खान ने दान की गई जमीन में से 240 कनाल अपनी पत्नी की करीबी दोस्त फराह गोगी के नाम कर दी। इस जमीन की कीमत कम करके आंकी गई और इमरान ने यूनिवर्सिटी के नाम पर अपना हिस्सा प्राप्त कर लिया। इमरान खान ने इस मामले को दबाने की बहुत कोशिश की।


रिकॉर्ड में कम दिखाई चंदे की रकम

पाकिस्तान के पूर्व वित्त मंत्री मिफ्ताह इस्माइल का आरोप है कि इमरान ने मलिक रियाज नाम के बिल्डर को 190 मिलियन पाउंड दिए थे। बाद में उन्हें यह राशि ब्रिटिश अधिकारियों को देना पड़ी ताकि इसकी जांच की जा सके कि यह पैसा पाकिस्तान की किसी आय से था या नहीं। मलिक रियाज वही बिल्डर है जिसने उस ट्रस्ट को सैकड़ों एकड़ जमीन दान की जिसके सदस्य इमरान खान और बुशरा बीबी थे। 2021 में ट्रस्ट को यूनिवर्सिटी के नाम पर करोड़ों रुपए का दान मिला। जब पाकिस्तानी मीडिया ने इसका खुलासा किया कि ट्रस्ट को 180 मिलियन पाकिस्तानी रुपए प्राप्त हुए जबकि रिकॉर्ड में सिर्फ 8.52 मिलियन रुपए का खर्च दिखाया गया, तब यह घोटाला सामने आया।

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