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मिलिए सऊदी अरब की उन बहादुर महिलाओं से जो कट्टर इस्लामी देश में चला रहीं हाई-स्पीड ट्रेन

रियाद: सऊदी अरब की पहचान कट्टर इस्लामी देश के तौर पर होती है। इस्लामी कानूनों के अनुसार, सऊदी अरब में महिलाओं को पुरुषों के बराबर का अधिकार नहीं है। लेकिन, अब क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के शासन में यह देश तेजी से बदल रहा है। सऊदी की महिलाओं को 2018 में ड्राइव करने का अधिका प्राप्त हुआ था। इसके बाद बड़ी संख्या में महिलाओं ने कार, बाइक और हैवी वाहन चलाने के लाइसेंस बनवाए हैं। कुछ महिलाएं ऐसी भी हैं, जो अब तक पुरुष प्रधान माने जाने वाली नौकरियों को अपना रही हैं। इन्हीं में से एक नौकरी ट्रेन ड्राइवर की है। जब आप सऊदी अरब के मक्का जाएंगे तो एक हहाई स्पीड ट्रेन में महिला चालकों को देखकर हैरान मत होइएगा।

300 किमी की स्पीड से ट्रेन चलाती हैं महिला चालक

सऊदी अरब की महिला थारा अली तीर्थयात्रियों को मक्का लेकर जाने वाली हाई स्पीड ट्रेन की चालक हैं। पिछले साल उन्होंने हरमैन हाई स्पीड रेलवे में महिला ड्राइवरों के लिए निकाली गई वेकेंसी के लिए आवेदन किया था। उस समय सिर्फ 32 सीटों के लिए 28000 से अधिक आवेदन प्राप्त हुए थे। थारा अली हाई स्पीड ट्रेन को मक्का और मदीना के पवित्र शहरों के बीच 450 किलोमीटर के ट्रैक पर 300 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से चलाती हैं। थारा पहले अंग्रेजी की टीचर थीं, लेकिन उन्होंने पिछले महीने ही हाई स्पीड रेलवे के ड्राइवर की ट्रेनिंग पूरी की है।

महिला ड्राइवर ने कहा- सपने जैसी थी यह नौकरी

थारा ने कहा कि यहां काम करना मेरे लिए एक सपने जैसा था। ट्रेन में घुसना, केबिन का दरवाजा खोलना मेरे लिए काफी खास मौका था। उन्होंने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि जब आप केबिन में होते हैं, तो आप देखते हैं कि चीजें बहुत तेज गति से आपकी ओर बढ़ रही हैं। शुरू में तो मैं बिलकुल ही डर गई थी, लेकिन भगवान का शुक्र है, समय और गहन प्रशिक्षण के साथ, मुझे खुद पर भरोसा हो गया है।

सऊदी की नौकरियों में महिलाओं की हिस्सेदारी दोगुनी हुई

सऊदी अरब में नौकरियों में महिलाओं का अनुपात 2016 से दोगुना से अधिक हो गया है। वर्तमान में 2016 के 17 फीसदी के मुकाबले 37 फीसदी सऊदी महिलाएँ नौकरी करती हैं। ये आकंड़े सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के महिलाओं के प्रति उदार सोच को दिखात हैं। हालांकि, इसके बावजूद सऊदी महिलाओं के बीच बेरोजगारी उच्च स्तर पर है। पिछले साल सऊदी महिलाों की बेरोजगारी दर 20.5 फीसदी थी, जबकि सऊदी पुरुषों के लिए यह दर सिर्फ 4.3 फीसदी ही था।

दूसरी ड्राइवर ने कहा- पहले मैं ही इस नौकरी के खिलाफ थी

हाल ही में सऊदी रेलवे में भर्ती हुईं रानीम अजौज ने कहा कि मदीना की एक यात्रा के अंत में एक महिला यात्री ने समझाया कि उसे विश्वास नहीं था कि महिलाएं भी काम कर सकती हैं जब तक कि उसने इसे अपनी आंखों से नहीं देखा। अजौज ने याद किया कि सच कहूं तो, जब मैंने (नौकरी) विज्ञापन देखा, तो मैं इसके पूरी तरह से खिलाफ थी। मैंने कहा कि अगर मेरी बेटी मुझे ड्राइव करने जा रही है, तो मैं उसके साथ सवारी नहीं करूंगी। लेकिन, एक बार ट्रेन को निर्धारित गंतव्य तक सही से पहुंचाने के बाद उन्हें अपनी सोच बदली हुई लगी। उन्होंने कहा कि महिलाओं ने खुद को साबित किया है और उनमें कोई अंतर नहीं है।

अधिकारियों ने भी महिला शक्ति की तारीफ की

सऊदी रेलवे कंपनी के कार्यकारी उपाध्यक्ष रेयान अल-हरबी ने कहा कि महिला चालक अत्यधिक योग्य हैं और प्रशिक्षण के दौरान उन्होंने अपनी योग्यता साबित की है। यह सबूत है कि सऊदी महिलाओं के पास पूरी क्षमता है जब उन्हें अपने भाइयों की तरह कार्य करने का अधिकार दिया जाता है।"

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