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जब कर्मचारियों को पुरानी पेंशन नहीं तो सांसद विधायकों को क्यों?

 

 

बुरहानपुर ब्यूरो सुभाष सपकाले

 

 

 

मध्य प्रदेश कर्मचारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष एवं राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाल संघ के कार्यकारी अध्यक्ष संयुक्त मोर्चा के जिला संयोजक ठाकुर संतोष सिंह दीक्षित ने पुरानी पेंशन की मांग करते हुए कहा कि जब कर्मचारियों को सरकार पुरानी पेंशन नहीं दे रही है तो सांसद विधायकों को क्यों दे रहे इस प्रकार के पक्षपात क्यों किया जा रहा है जब एक देश एक विधान एक संविधान हैं एक देश एक पेंशन क्यों नहीं कर्मचारी अधिकारियों को पुरानी पेंशन ना देकर उनके बुढ़ापे के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है पक्षपात किया जा रहा है यह तो सरासर अन्याय है जब एक विधायक एक सांसद 1 दिन के लिए अभी अपने पद पर रहते हैं तो वह पेंशन के अधिकारी हो जाते हैं जबकि कर्मचारी अधिकारी 35 से 40 वर्ष सेवा देने के बावजूद भी पुरानी पेंशन के अधिकारी क्यों नहीं यह तो संविधान का खुलेआम मखोल उड़ाने जैसा है लगभग 2 वर्षों से प्रदेश के 800000 कर्मचारी अधिकारी पुरानी पेंशन के लिए आंदोलन कर रहे हैं ऊपर से माननीय वित्त मंत्री जी श्री जगदीश देवड़ा जी ने विधानसभा में लिखित जवाब देते कहा कि पुरानी पेंशन योजना लागू करने का सरकार का कोई इरादा नहीं है योजना नहीं है इस प्रकार का जवाब कर्मचारियों की बुढ़ापे पर बुरा प्रभाव डालेगा नई पेंशन स्कीम योजना में सेवानिवृत्ति के पश्चात मात्र 1000 से लेकर ₹2500 तक मिलेगा यह न्यायोचित नहीं है संयुक्त मोर्चा के जिलाध्यक्ष ठाकुर सिंह गहलोत अजाक्स के जिला अध्यक्ष राजेश साल्वे के अपॉक्स के जिला अध्यक्ष राजेश सावकरें स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के जिला अध्यक्ष हेमंत सिंह बेस शिक्षक कांग्रेस जिलाध्यक्ष शांताराम निंबोरकर विभाग के अध्यक्ष संदीप सिंह ठाकुर उर्दू शिक्षक संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष अशफाक खान लिपिक वर्ग के संभागीय अध्यक्ष ठाकुर अरविंद सिंह मंडी कर्मचारी महासंघ के कैलाश निगम श्रीकांत गंगराड़े शेख महमूद एवं सहयोगी संगठन ने सरकार से मांग की है पुरानी पेंशन देना है तो सभी को दीजिए नहीं तो सांसद विधायकों की भी बन ही उनको भी नई पेंशन स्कीम योजना के अंतर्गत लाया जाए जिससे उन्हें भी पता चले कर्मचारी की पीड़ा क्या है सरकार से निवेदन है बुढ़ापे का टेंशन पुरानी पेंशन दीजिए

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