उत्तर प्रदेशसामाजिक

यूथ फ्रेंडली क्लीनिक (सिफ्सा) के संयुक्त तत्वाधान में विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर संवेदीकरण कार्यशाला का आयोजन:- प्रो० दीपाली गुप्ता संरक्षक / प्राचार्य।

चेहरे को हमेशा खूबसूरत मुस्कान से संवारिए,किसी को देखकर कभी व्यंगात्मक मुस्कान,किसी को दुखी देखकर कभी मत मुस्कराइए:-डॉ० सबीहा रहमानी,नोडल अधिकारी।

डब्ल्यू एच ओ के अनुसार स्वास्थ्य का तात्पर्य है – मनुष्य का शारिरिक,मानसिक स्वास्थ्य और सामाजिक वेल बीइंग अर्थात खुशहाली होना:-डाॅ सचिन मिश्र।

बांदा-आज दिनांक 10/ 10/2023 को महाविद्यालय में यूथ फ्रेंडली क्लीनिक (सिफ्सा) के संयुक्त तत्वाधान में विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर मेंटल हैल्थ (मानसिक स्वास्थ्य) विषय पर संवेदीकरण कार्यशाला का आयोजन किया गया। महाविद्यालय में यह कार्यशाला संरक्षक / प्राचार्य प्रो० दीपाली गुप्ता के दिशा निर्देशन में कार्यक्रम संयोजक एवं नोडल अधिकारी यूथ फ्रेंडली क्लीनिक डॉ० सबीहा रहमानी के संयोजन में आयोजित की गई ।

सर्वप्रथम कार्यशाला का शुभारम्भ डॉ० सबीहा रहमानी ने छात्राओं को मानसिक स्वास्थ्य के प्रति संचेतित करते हुए उन्हें इस संवेदीकरण कार्यशाला का उद्देश्य एवं औचित्य बताया । डाॅक्टर रहमानी ने कार्यशाला के स्वरूप और महत्व पर प्रकाश डाला, साथ ही उन्होंंने कहा कि मनुष्य के जीवन में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं लेकिन यदि हम जीवन में प्रबंधन और संतुलन बनाना सीख जाते हैं तो हम अपनी बहुत सारी समस्याओं का स्वत: निदान कर लेते हैं । उन्होंने छात्राओं को मानसिक संवेदीकरण के प्रति संचेतित करते हुए कहा -जान है तो जहान है , “मन चंगा तो कठौती में गंगा” । अत: हमे हमेशा ज़िन्दगी की छोटी-मोटी उलझनों को दूर करते हुए, अपना जीवन मुस्कारते हुए व्यतीत रखना चाहिए । उन्होंने कहा कि -चेहरे को हमेशा खूबसूरत मुस्कान से संवारिए, लेकिन एक बात हमेशा याद रखिए कि किसी को देखकर कभी व्यंगात्मक मुस्कान और किसी को दुखी देखकर कभी मत मुस्कराइए ।

संवेदीकरण कार्यशाला में क्लीनिकल डाॅक्टर रिज़वाना हाशमी ने छात्राओं को करियर, पढ़ाई के साथ अपने लिए खुश रहने और अपनी रुचियों को विकसित करने की बात कही । इस अवसर पर डाॅक्टर आदित्य प्रताप सिंह ने छात्राओं से मानसिक स्वास्थ्य हेतु महत्वपूर्ण अभ्यास और गतिविधियां करवाते हुए एवं कनवर्सेशन के माध्यम से छात्र/छात्राओं को मानसिक स्वास्थ्य बनाये रखने हेतु प्रेरित किया । डाॅक्टर सचिन मिश्रा ने वर्कशाप ने युवा वर्ग की समस्याओं पर प्रकाश डालते हुए मानसिक स्वास्थ्य के विषय में विस्तृत जानकारी प्रदान की । उन्होंने कहा कि डब्ल्यू एच ओ के अनुसार स्वास्थ्य का तात्पर्य है – *मनुष्य का शारिरिक, मानसिक स्वास्थ्य और सामाजिक वेल बीइंग अर्थात खुशहाली होना ।* उसको अपनी हर इच्छा को पूर्ण डाॅक्टर संदीप सामंत सिंह ने वर्कशाप को सम्बोधित करते हुए कहा कि हमें जीवन में संतुलन बनाने की आवश्यकता है । द्वितीय सत्र में डाॅक्टर सबीहा रहमानी ने कहा कि छात्र जीवन / युवाओं के लिए कुछ टिप्स बताए – सर्वप्रथम लक्ष्य निर्धारित करो, कठिन परिश्रम, अध्ययन एवं मनन, अनुशासन, बड़ो का आदर-सम्मान और छोटों से प्रेम करो, खुश रहो और दूसरों को खुश रखो आदि । मानसिक स्वास्थ्य विषय पर बताते हुए छात्राओं को इन्द्रिय निग्रह और अनुशासित एवं संयमित जीवन व्यतीत करने के लिए प्रेरित किया । इस अवसर पर उन्होंने छात्राओं को कार्यशाला के आयोजन के उद्देश्य और लक्ष्यों पर प्रकाश डालते हुए तनाव दूर करने की एक्सरसाइज करने पर बल दिया और निडर होकर अपना जीवन व्यतीत करने पर बल दिया । डॉ० रिज़वाना हाशमी ने छात्राओं को मानसिक स्वास्थ्य के अर्थ और मानसिक स्वास्थ्य के विकास हेतु शारीरिक स्वास्थ्य बनाने हेतु पोषण युक्त भोजन, योगा, निंद्रा के महत्व को समझाने का प्रयास किया। इसी क्रम में अंत में प्राचार्य प्रोफेसर डाॅक्टर दीपाली गुप्ता ने छात्राओं को संवेदीकरण कार्यशाला में युवाओं में मानसिक स्वास्थ्य हेतु प्रोत्साहित किया । वर्कशाप में मानसिक स्वास्थ्य विषय की गूढ जानकारी पी०पी०टी० प्रजटेंशन द्वारा दी गई। छात्राओं को छोटी-छोटी प्रेरक डॉक्यूमेंट्री फिल्म भी दिखाई गई। द्वितीय सत्र में ही स्वास्थ्य विभाग के डाक्टर्स ने वर्कशाप में मादक द्रव्य के सेवन के नुकसान व स्वास्थ्य के प्रति महत्वपूर्ण सुझाव देते हुए छात्राओं को संचेतित किया। वर्कशाप में उपस्थित होकर छात्राओं को क्लीनिकल ढंग से गतिविधियों को आयोजित करवाते हुए व्यवहारिक तथ्यों को विस्तृत रूप से प्रस्तुत करते हुए मानसिक स्वास्थ्य को बनाये रखने की जानकारी प्रदान की । इस अवसर पर छात्रााओं की काउंसलिंग भी करवायी गई । एक्टीविटी प्रदर्शन के पश्चात् डॉ० सबीहा रहमानी के द्वारा कुछ प्रयोगिक अभ्यास करवाते हुए कार्यशाला का समापन किया। कार्यशाला का संचालन डॉ० सबीहा रहमानी के द्वारा किया गया । साथ ही कार्यशाला में खुद को जानने की प्रक्रिया में एक एक्टीविटी करवायी सभी छात्राओं से कहा गया कि वह अपने गुण व दोष एक पेज पर ईमानदारी से लिखें । अंत में डाॅक्टर सबीहा रहमानी ने वर्कशाप में उपस्थित समस्त सम्मानित अतिथियों के प्रति आभार जताया । समस्त महाविद्यालय के मानसिक स्वास्थ्य के में अपने अनुभव और विचार प्रकट कर रहे प्राध्यापकगण के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया । कार्यशाला में अभ्युदय कोचिंग संस्थान के छात्र/छात्राओं ने सहभागिता करी ।

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