राजनीति

चुनाव आयोग के सामने आज अपना पक्ष रखेंगे शरद पवार और डिप्टी सीएम अजित, चाचा-भतीजे में से किसकी होगी NCP?

 नई दिल्ली।राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नाम और चुनाव चिह्न पर दावे को लेकर दो गुटों (शरद पवार और अजित पवार) की तरफ से दायर याचिका पर चुनाव आयोग आज सुनवाई करेगा। सुनवाई से पहले शरद पवार ने कहा कि एनसीपी किसकी है और किसने इसकी स्थापना की, यह सभी लोग जानते हैं। इसके बावजूद पार्टी को हथियाने की साजिश हो रही है। ऐसे में फैसला कुछ भी हो, हमें निराश और चिंतित नहीं होना चाहिए। मैंने कई बार अलग-अलग चुनाव चिह्नों से चुनाव लड़ा है और जीता भी है।

पूरे विवाद की शुरुआत कब हुई?

दरअसल, पूरे विवाद की शुरुआत तब हुई, जब अजित पवार एनसीपी के अधिकांश विधायकों के साथ महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे सरकार में शामिल हो गए। इसके बाद उन्होंने चुनाव आयोग में खुद को अध्यक्ष बताते हुए पार्टी पर दावा ठोंक दिया। इसके बाद शरद पवार ने अपनी बात आयोग के सामने रखी, जिसके बाद दोनों गुटों को आज अपना-अपना पक्ष रखने के लिए बुलाया गया है।

चुनाव आयोग ने पवार गुट को जारी किया कारण बताओ नोटिस

चुनाव आयोग ने जुलाई में अजित पवार गुट की तरफ से दायर याचिका के बाद शरद पवार के नेतृत्व वाले गुट को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया था। याचिका में कहा गया था कि अजित को एनसीपी अध्यक्ष घोषित किया जाना चाहिए और उन्हें चुनाव चिह्न (आरक्षण एवं आवंटन) आदेश, 1968 के प्रावधानों के अनुसार पार्टी का प्रतीक आवंटित कर देना चाहिए।

‘एनसीपी का मतलब ही शरद पवार है’

एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले ने इस महीने की शुरुआत में कहा था कि एनसीपी में कोई लड़ाई नहीं है… पार्टी की स्थापना 25 साल पहले शरद पवार ने की थी। कश्मीर से कन्याकुमारी तक हर कोई जानता है कि एनसीपी का मतलब शरद पवार है। एनसीपी की स्थापना शरद पवार ने की थी, इसलिए चुनाव चिह्न उनके पास ही रहना चाहिए।

‘चुनाव आयोग के अंतिम फैसले को स्वीकार करेंगे’

वहीं, अजित पवार का कहना है कि वह चुनाव आयोग के अंतिम फैसले को स्वीकार करेंगे। अजित ने 30 जून को चुनाव आयोग के समक्ष याचिका दायर की थी। उन्होंने दो जुलाई को उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली। उनका नोटिस पांच जुलाई को चुनाव आयोग कार्यालय पहुंचा। अजित पवार ने अपने दावे के समर्थन में सांसदों, विधायकों और एमएलसी के हलफनामों के साथ याचिका दायर की थी।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button