खतरनाक बना सीतामऊ फाटक ओवरब्रिज: सांकेतिक बोर्ड तथा स्पीड ब्रेकर के अभाव में हो रहे जानलेवा हादसे

मन्दसौर:-मन्दसौर से सीतामऊ तथा रतलाम हाइवे को जोड़ने वाला शहर का प्रमुख मार्ग सीतामऊ फाटक ओवरब्रिज इन दिनों हादसों के लिए जाना जा रहा है। आए दिन यहां हादसे हो रहे हैं। इस पुल पर आज भी एक सड़क हादसे में बस व बाइक की भिड़ंत में बाइक सवार की दर्दनाक मौत हो गई। इस बड़ी घटना के बाद दुर्घटना में मौत से पुल खून से लाल हो गया। दुर्घटना के कारणों पर गौर करें तो सबसे पहले यहां सांकेतिक चिन्ह का अभाव है। पुल के पास मालवाहक वाहनों का स्पीड से चलाना तथा ओवरटेक करना दुर्घटना के प्रमुख कारण है।
सांकेतिक बोर्ड व स्पीड ब्रेकर का अभाव
पुल के दोनों साइड में सांकेतिक चिह्न का अभाव है, न ही स्पीड ब्रेकर ही बना हुआ है। जबकि पुल से गुजरने वाला रास्ता भी थोड़ा सा टर्न है। थोड़ी सी तेज गति होने के कारण चालक अनियंत्रित होकर दुर्घटनाग्रस्त हो जाते हैं। इस स्थान पर सांकेतिक चिन्ह व स्पीड ब्रेकर का निर्माण हो जाए तो दुर्घटना में कमी आएगी।
चालान व जुर्माना करने तक सीमित:
पुलिस की तरफ से जुगाड़ से चलने वाले वाहनों के चालकों के लाइसेंस चेक करने के लिए कोई विशेष अभियान नहीं चलाया जाता है। कभी कभार विशेष निर्देश पर स्थानीय प्रशासन के द्वारा वाहनों की जांच जरूर होती है, पर उन्हें भी देर शाम तक कम से कम जुर्माना वसूल कर छोड़ दिया जाता है। जिससे वाहन मालिकों के हौसले बुलंद हैं। जुगाड़ से दौड़ रहे अधिकांश वाहन
वर्तमान समय हजारों की संख्या में जुगाड़ से ट्रैक्टर व ट्रालियां खुलेआम मार्गों पर दौड़ रहे हैं। जबकि ऐसे वाहनों पर पूरी तरह से प्रतिबंध है, लेकिन परिवहन व यातायात विभाग की मिलीभगत से ट्रैक्टर व्यावसायिक वाहन बन गया है। यह वाहन अक्सर रात को दुर्घटनाओं के कारण भी बनते हैं, क्योंकि इन वाहनों के पीछे रिफेलेक्टर लाइट, बैक लाइट, फाग लाइट, पार्किंग आदि लाइट नहीं होती है़, लेकिन, इन पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। सीतामऊ फाटक ओवरब्रिज पर आने जाने वाले को स्पीड पर नियंत्रण हेतु स्पीड ब्रेकर की प्रमुख आवश्यकता हो गयी है जिससें हादसों पर नियंत्रण पाया जा सके।