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PhD स्कॉलर के मर्डर की कहानी:मकान मालिक ने लाश के 3 टुकड़े कर 3 जगह फेंके

उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में PHD स्कॉलर अंकित खोखर की हत्या करने वाला मकान मालिक और मुंहबोला जीजा उमेश शर्मा बेहद शातिर निकला। बिजनेस के नाम पर उधार लिए 60 लाख रुपए वापस न लौटाने के लिए पहले मर्डर किया। फिर अंकित के खाते से ऑनलाइन ट्रांजैक्शन और डेबिट कार्ड के जरिए 54 बार में करीब 35 लाख रुपए निकाल लिए। अंकित जिंदा है, ये प्रूफ करने के लिए वो उसका मोबाइल इस्तेमाल करता रहा, लोकेशन बदलता रहा और दोस्तों को वॉट्सऐप पर जवाब भी देता रहा।

60 किमी. के रेडियस में उसने टुकड़े ठिकाने लगाए
मकान मालिक उमेश ने सोच लिया था कि अंकित को मार देना है। इसलिए उसने कत्ल से 10 दिन पहले ही अंकित को राधा एन्क्लेव वाले मकान में शिफ्ट किया। इससे पहले उमेश और उसकी पत्नी के साथ ही अंकित देवेंद्रपुरी वाले मकान में रहता था। 6 अक्टूबर की दोपहर 12 बजे अंकित पढ़ रहा था। तभी उमेश वहां पहुंचा, उसने उसकी गला घोंटकर हत्या कर दी। लाश को घर में ही रखकर वह बाजार गया। क्योंकि, वह कपाउंडर था ऐसे में सर्जिकल आरी खरीदी।

वापस घर आने के बाद सिर, धड़ और टांगों के टुकड़े किए। उन्हें 3 पॉलीथिन में पैक किया। इसके बाद रात होने का इंतजार किया। फिर कार की पिछली सीट और डिक्की में शव के टुकड़े रखने के बाद वो खतौली पहुंचा। यहां उसने सबसे पहले धड़ को फेंक दिया। फिर वो गंगनगर पहुंचा। यहां टांगों को फेंक दिया। सबसे आखिरी में वो पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे पहुंचा। यहां उसने सिर को फेंक दिया। इसके बाद वो घर लौट आया था। करीब 60 किमी. के रेडियस में 3 जगह पर शव के टुकड़ों को ठिकाने लगाया।

12 दिसंबर 2022 को अंकित के छह दोस्त मोदीनगर थाने पर पहुंचे और उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई।

7 अक्टूबर को अंकित लापता, 12 दिसंबर को मिसिंग दर्ज
39 वर्षीय अंकित खोखर बागपत जिले में मुकंदपुर गांव का निवासी था। अंकित लखनऊ के डॉक्टर भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय से PHD कर रहा था। तीन महीने पहले ही उसने यूनिवर्सिटी में अपनी फाइल सब्मिट की थी फिर गाजियाबाद आ गया। वो यहां पर कस्बा मोदीनगर स्थित राधा एन्क्लेव कॉलोनी में उमेश शर्मा के मकान में किराए पर रह रहा था।

दोस्तों के मुताबिक, 7 अक्टूबर 2022 से अंकित लापता है। इससे पहले ही उनकी फोन पर आपस में बातचीत हुई थी। 12 दिसंबर 2022 को छह दोस्तों ने हत्या का शक जताते हुए थाना मोदीनगर पर पर गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी।

किराए के मकान में मिली मोबाइल लोकेशन, खाते से भी निकलते रहे पैसे
पुलिस ने अपनी जांच में सबसे पहले दो काम किए। अंकित के बैंक खातों की डिटेल्स और उसके मोबाइल की लोकेशन निकलवाई। इससे अहम जानकारी मिली। वो ये कि अंकित के दो बैंक खाते थे। एक पीएनबी और दूसरा केनरा बैंक में। दोनों खातों से अंकित के लापता होने के दो महीने बाद तक रकम निकाली गई। टोटल ट्रांजैक्शन 52 पाई गईं।

13 बार में 13 लाख रुपए पीएनबी से केनरा बैंक में ट्रांसफर किए और फिर रकम निकाली गई। जबकि करीब 22 लाख रुपए सीधे पीएनबी से डेबिट कार्ड और नेट बैंकिंग के जरिए निकाले गए। पीएनबी अकाउंट में 17 अक्टूबर से पहले 44 लाख रुपए थे, जो अब सिर्फ 9.40 लाख रुपए बचे हैं।

यानी दोनों खातों से अक्टूबर से दिसंबर के बीच करीब 35 लाख रुपए निकले। टेलिकॉम कंपनी से जो जानकारी आई, वो और भी चौंकाने वाली थी। अंकित के मोबाइल की लोकेशन लगातार उसके मकान मालिक उमेश शर्मा के घर में मिलती रही।

गला घोंटकर मारा, आरी से तीन टुकड़े किए, पॉलिथिन में पैक करके फेंका
बस फिर क्या, पुलिस ने उमेश शर्मा को उठा लिया। कड़ाई से पूछताछ की तो उसने सब कुछ उगल दिया। बकौल उमेश, उसने 6 अक्टूबर की शाम को ही गला घोंटकर अंकित खोखर को मार दिया था। उस वक्त वो पढ़ रहा था और पढ़ते-पढ़ते ही गला घोंट डाला। फिर उमेश बाजार गया।

आरी लेकर आया। लाश के तीन टुकड़े किए। उन्हें सफेद रंग की पॉलीथिन में पैक किया। एक टुकड़ा खतौली नहर, दूसरा टुकड़ा मसूरी नहर और तीसरा टुकड़ा ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे के नजदीक फेंक दिया। एक और खास बात सामने आईं कि उमेश एक हड्‌डी वाले डॉक्टर के पास कम्पाउंडर था। उसको पता था कि सर्जिकल आरी से शव आसानी से कट सकता है। इसलिए उसने सर्जिकल आरी ही खरीदी।

अंकित के खाते में डेढ़ करोड़ आते ही मुंहबोले जीजा को आ गया लालच
उमेश ने अंकित का कत्ल क्यों किया, ये भी उसने विस्तार से बताया। उमेश की ससुराल अंकित के गांव मुकंदपुर में है। अंकित का दोस्त है प्रदीप, जो उमेश का सगा साला है। इस नाते अंकित खोखर भी उमेश शर्मा को अपना जीजा मानता था। इतना ही नहीं, उमेश की पत्नी अंकित को भाई मानकर राखी बांधती थी। इसी नाते तीन महीने पहले अंकित मोदीनगर कस्बे में आकर उमेश के मकान में रहने लगा।

चूंकि वो उमेश को बहुत मानता था, इसलिए पुश्तैनी प्रॉपर्टी बिकने और खाते में करीब डेढ़ करोड़ रुपए आने की बात बता दी। बस यहीं से उमेश ने हत्या की प्लानिंग शुरू कर दी। उमेश ने बिजनेस के नाम पर अंकित से 60 लाख रुपए उधार लिए। फिर ये रुपए वापस न करने पड़े, इस इरादे से 6 अक्टूबर 2022 को अंकित की गला घोंटकर हत्या कर दी। इसके बाद अंकित का डेबिट-क्रेडिट कार्ड और मोबाइल नेट बैंकिंग हथियाकर करीब 35-36 लाख रुपए और निकाल लिए।

अंकित का मोबाइल ऑन करके यूपी से उत्तराखंड तक निकाला गया पैसा
नेट बैंकिंग के लिए अंकित का मोबाइल चालू रखना जरूरी था, इसलिए उमेश ने उस पर कॉल सेवाएं बंद कर दीं। इस फोन पर सिर्फ वॉट्सऐप और नॉर्मल टेक्स्ट मैसेज सेवाएं चालू रखीं, ताकि OTP आता रहे। बड़ा अमाउंट निकालने के बाद उमेश ने डेबिट कार्ड अपने दोस्त प्रवेश शर्मा निवासी छिपयाना (नोएडा) को दे दिया और कहा कि वो ये पैसा उत्तराखंड जाकर निकाले।

प्रवेश ने ठीक वैसा ही किया। एक दिसंबर 2022 को हरिद्वार के ATM, दो दिसंबर को ऋषिकेश के ATM और 12 दिसंबर को रुड़की के ATM से 40-40 हजार रुपए निकाले। प्रवेश अपना फोन नोएडा में घर पर रखकर गया था, ताकि उसकी लोकेशन उत्तराखंड न आए। इतना ही नहीं, प्रवेश ने उत्तराखंड में अंकित का मोबाइल चालू रखा, जिससे सबको ये पता रहे कि अंकित उत्तराखंड में मौजूद है और अपने खातों से पैसे निकाल रहा है।

दोस्त बोले- कॉल नहीं लग रही थी, अंकित के मैसेज कीवर्ड से हुआ शक
दोस्तों को शक क्यों हुआ, इस बारे में अंकित खोखर के साथी रूपेश कुमार और डॉ. विशाल शर्मा से बातचीत की। रूपेश ने बताया, वो अंकित का करीब 20 साल पुराना दोस्त है, जब सभी ने CCSU कैंपस में एडमिशन लिया था। इस दिवाली के आसपास रूपेश ने अंकित को विश करने के लिए फोन किया, लेकिन नंबर लगातार कई दिन तक ‘दिस टेलीफोन नंबर डज नॉट एक्जिस्ट’ जाता रहा। रूपेश को ऐसा लगा कि अंकित ने उसको ब्लॉक कर दिया है।

इस पर रूपेश ने बाकी साथियों से बातचीत की। पता चला कि सभी के साथ ऐसा हो रहा है। इसके बाद रूपेश को लखनऊ के PHD स्कॉलर्स ग्रुप से ये बात पता चलती है कि उन्हें अंकित के वॉट्सऐप नंबर से कुछ मैसेज आ रहे हैं और मैसेज के कीवर्ड से उन्हें शक है कि वो अंकित नहीं है। इस पर रूपेश और विशाल शर्मा का शक गहराया।

उन्होंने इंटरनल जांच शुरू की। ये बात पता चली कि अंकित ने कुछ दिनों पहले ही बागपत जिले में पुश्तैनी प्रॉपर्टी बेची है, जिसके करीब एक करोड़ रुपए से ज्यादा उसके बैंक खाते में आए हैं। दोस्तों ने जब अंकित के मकान मालिक उमेश शर्मा से उसके बारे में पूछा तो वो टाल-मटोल जैसा जवाब देने लगा। बस फिर क्या, दोस्त इकट्ठा होकर 12 दिसंबर को मोदीनगर थाने पर आ गए और एप्लिकेशन दे दी। इसके बाद पुलिस ने तीन दिन में सारा केस खोल दिया।

DCP बोले- दो आरोपी गिरफ्तार, लाश रिकवर के प्रयास जारी
गाजियाबाद पुलिस कमिश्नरेट के DCP (ग्रामीण) डॉ. ईरज राजा ने बताया, इस हत्याकांड में उमेश शर्मा और उसका दोस्त प्रवेश शर्मा गिरफ्तार हैं। उमेश के घर से फोरेंसिक टीम ने खून और बाल बरामद किए हैं, जो संभवत: अंकित खोखर के हो सकते हैं। उसका डेबिट-क्रेडिट कार्ड, बैंक पासबुक, हत्या में प्रयुक्त आरी, जले हुए कपड़े भी घर से रिकवर हुए हैं।

लाश के टुकड़ों को खोजने के लिए कई टीमें सर्च ऑपरेशन चला रही हैं। पुलिस अभी ये भी पता कर रही है कि इस हत्याकांड में कोई और तो नहीं है। इस मामले में उमेश की पत्नी को भी गिरफ्तार किया जा सकता है, क्योंकि घर में कत्ल हुआ और उसको पूरी जानकारी थी।

पहले मां-बाप की मृत्यु, अब इकलौता बेटा भी चल बसा
अंकित के पिता प्रिंसिपल पद से साल-2013 में रिटायर हुए थे। इसके कुछ दिन बाद ही अंकित की मां और पिता दोनों की मृत्यु हो गई। कोई और संतान नहीं होने की वजह से घर में सिर्फ अंकित बचा था। वो गांव में नहीं रहना चाहता था। इसलिए पुश्तैनी प्रॉपर्टी भी एक करोड़ रुपए से ज्यादा कीमत में बेच दी।

मुंहबोले जीजा उमेश शर्मा को ये बात पता थी कि अंकित के लापता होने के बाद कोई उसके बारे में खैर-खबर रखने वाला नहीं होगा। यदि कोई पूछेगा तो वो ये कह देता कि अंकित बिना बताए कहीं चला गया है।

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