देश

बच्चे ने ए फोर अडानी बोल दिया, फिर तो जो हुआ कार्टून देख लीजिए

नई दिल्ली: कहते हैं हजारों शब्दों का काम कभी-कभार एक तस्वीर कर देती है। कई बार संकेतों का संदेश काफी मारक होता है। देश के विशालकाय औद्योगिक समूह अडानी ग्रुप के मुखिया गौतम अडानी के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार के रिश्तों को लेकर काफी हंगामा मचा है। अमेरिकी शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग की रिसर्च रिपोर्ट प्रकाशित होने के बाद अडानी ग्रुप को बड़ा नुकसान हुआ है, दूसरी तरफ सरकार से सवाल पूछे जा रहे हैं। खासकर कांग्रेस पार्टी अपने नेता राहुल गांधी के नेतृत्व में अडानी-मोदी के संबंधों पर स्पीष्टकरण को लेकर बेताब दिख रही है। राष्ट्रपति के अभिभाषण को लेकर धन्यवाद प्रस्ताव पर बहस के दौरान कांग्रेस पार्टी की तरफ से इसी बात पर जोर दिया गया। खासकर राहुल गांधी ने तो अपने पूरे भाषण को अडानी-मोदी संबंध पर ही केंद्रित रखा। उन्होंने पीएम मोदी से अडानी को लेकर कुछ सवाल भी रख छोड़े, लेकिन पीएम मोदी की बारी आई तो उन्होंने अडानी का नाम तक नहीं लिया। हमारे सहयोगी अखबार द टाइम्स ऑफ इंडिया (ToI) में इन्हीं हालात पर एक जबर्दस्त कार्टून है जो आपका भी दिल छू लेगा।

बच्चे ने ए फोर अडानी बोल दिया!


इस कार्टून में एक बच्चा मार खाकर जमीन पर औंधे मुंह लेटा है। उसके बगल में एक किताब है और सोफे पर बैठे टीचर हाथ में डंडा लिए काफी गुस्से में दिख रहे हैं। वो चिल्लाकर बोल रहे हैं- आखिर तुमने इतनी हिम्मत कैसे कर ली! ए से सिर्फ ऐपल होगा और कुछ भी नहीं।’ ‘लाइन ऑफ नो कंट्रोल’ शीर्षक वाले इस कार्टून में टीचर के सामने दीवार पर टीवी लगा है जिसमें एंकर संसद की खबर बता रही है। कार्टूनिस्ट संदीप अध्वर्यु ने अपनी इस कला से वो बात कह दी है जिसके लिए हजार-डेढ़ हजार शब्दों का लेख लिखा जाता है। चूंकि अडानी पर सवालों के बाद भी पीएम मोदी बिल्कुल चुप्पी साधे हुए हैं, इसलिए कार्टून के जरिए जताया जा रहै है कि कैसे सरकार चाहती है के अडानी पर कोई सवाल हो ही नहीं, बल्कि अडानी की चर्चा ही नहीं हो। इसलिए बताया जा रहा है कि ए से सिर्फ ऐपल तक समीति रहो, शब्द ढूंढते-ढूंढते अडानी तक मत पहुंच जाओ। कार्टून से ऐसा लगता है कि बच्चे ने ‘ए फोर अडानी’ बता दिया, इस कारण उसके शिक्षक गुस्से में लाल हो गए हैं और वो कह रहे हैं कि आखिर तुमने यह हिम्मत कैसे कर ली! निश्चित तौर पर सरकार को टीचर जबकि विपक्ष और खासकर कांग्रेस पार्टी को उस बच्चे के रूप में दिखाया जा रहा है जो जमीन पर पेट के बल पड़ा है।


अमेरिकी रिसर्च और शॉर्ट सेलिंग फर्म हिंडनबर्ग की रिपोर्ट से भारतीय उद्योग के साथ-साथ राजनीति में भी हंगामा बरपा है। एक तरफ अडानी ग्रुप की कंपनियों के शेयरों के भाव बहुत ज्यादा गिर गए हैं, तो दूसरी तरफ विपक्ष सरकार को संसद में घेर रही है। मजे की बात है कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट आई भी संसद के बजट सत्र से ठीक पहले है। इस कारण विपक्ष को सरकार घेरने का अच्छा मौका हाथ लग गया। गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव को लेकर अपना बयान दे रहे थे तब विपक्षी नेताओं ने जोरदार नारेबाजी की। पीएम जब तक बोलते रहे, संसद के उच्च सदन में नारेबाजी नहीं थमी। उससे पहले लोकसभा में भी बुधवार को पीएम के भाषण के दौरान कांग्रेस सांसदों ने अडानी-अडानी के नारे लगाए। उम्मीद की जा रही थी कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विपक्ष को इस मुद्दे पर जवाब देंगे, लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं हुआ।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button