दुनिया

76 साल में घुटनों पर आया जिन्ना के सपनों का देश, कंगाली के बीच मना रहा पाकिस्तान दिवस

इस्लामाबाद: आज पाकिस्तान दिवस है। आज ही के दिन ब्रिटिश भारत में मुसलमानों के लिए एक अलग मातृभूमि की स्थापना का ऐतिहासिक प्रस्ताव पारित हुआ था। 1940 में 22 से 24 मार्च तक चले अखिल भारतीय मुस्लिम लीग के लाहौर सत्र को आज 83 साल पूरे हो चुके हैं। उस दिन कायद-ए-आजम मोहम्मद अली जिन्ना ने कहा था कि हिंदू और मुसलमान दो सभ्यताओं से संबंधित हैं जो परस्पर विरोधी विचारों और अवधारणाओं पर आधारित हैं। यह जिन्ना के द्विराष्ट्र सिद्धांत का सबसे शक्तिशाली तर्क था, जो पाकिस्तान की नींव बनकर उभरा। लेकिन, जिन्ना को भी यह नहीं पता था कि उनके सपनों का देश कभी तानाशाहों और भ्रष्ट राजनेताओं के चंगुल में फंसकर बर्बाद हो जाएगा। आज पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति इतनी खराब है कि वो चाहकर भी पाकिस्तान दिवस पर भव्य आयोजन नहीं कर सकता।

विदेशों से मलाई काटी, पर अब हुआ कंगाल

एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में शुरू में तो पाकिस्तान को भरपूर विदेशी मदद मिली। आजादी के बाद ही पाकिस्तान अमेरिका और ब्रिटेन की गोद में जाकर बैठ गया। इसका सीधा फायदा पाकिस्तानी अवाम को हुआ, क्योंकि इन दोनों देशों से भारी मात्रा में फंड और हथियार मिले। इन्हीं हथियारों और पैसों के दम पर पाकिस्तान ने कई बार भारत पर हमले की हिमाकत भी, लेकिन हर बार मुंह की खानी पड़ी। आजादी के दो दशक बीतते ही पाकिस्तान की माली हालत खस्ता होने लगी और वह फिर उन्हीं देशों का शरणागत बन गया, जिन्होंने कभी 200 साल तक उन पर हुकूमत की थी।

जिन्ना के सपनों का देश फेल हुआ

पाकिस्तानी भी मानते हैं कि उनका देश कायदे आजम के सपनों को पूरा करने में फेल रहा है। पाकिस्तान न तो राजनीतिक तौर पर परिपक्व हुआ और न ही आर्थिक तौर पर। रही-सही कसर पाकिस्तान के सैन्य शासकों ने पूरी कर दी। पाकिस्तान में सेना की सर्वोच्च है। सेना की मंजूरी के बिना न तो कोई पाकिस्तान का प्रधानमंत्री बन सकता है और ना ही राष्ट्रपति। सेना जब चाहे, जिसे चाहे देश की गद्दी पर बैठा दे और जब चाहे तब उतार दे। लियाकत अली खान से लेकर शहबाज शरीफ तक सभी राजनेता सेना के आशीर्वाद से ही पाकिस्तानी प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बैठे। कौन नहीं जानता कि बेनजीर भुट्टो की हत्या के आरोप पाकिस्तानी सेना पर लगे थे। हमले के ठीक पहले बेनजीर की सुरक्षा अचानक घटा दी गई थी।

पाकिस्तान में सेना ही सब कुछ

नवाज शरीफ दनियाभर में चिल्ला-चिल्ला कर पाकिस्तानी सेना के खिलाफ जगह उगलते रहे हैं। 1999 के युद्ध के समय पाकिस्तान के प्रधानमंत्री रहे नवाज को यह नहीं पता था कि उनकी सेना भारत के खिलाफ जंग का ऐलान कर चुकी है। 2018 में इमरान खान को प्रधानमंत्री बनाने के लिए नवाज शरीफ को जेल भेज दिया गया और यह सब सेना के चमत्कार से ही हुआ। इसके बाद इमरान खान को भी 2022 में पाकिस्तानी सेना के इशारों पर उनके ही पार्टी के सांसदों ने बगावत कर प्रधानमंत्री पद से हटा दिया।

आर्थिक संकट में पाकिस्तान, हो सकता है कंगाल

पूरी दुनिया में पाकिस्तान इकलौता देश है, जिसने कंगाली से उबरने के लिए आईएमएफ की 23 बार मदद ली है। अब भी पाकिस्तान गंभीर आर्थिक संकट का सामना कर रहा है। अगर आईएमएफ से पाकिस्तान को जल्द मदद नहीं मिली तो जिन्ना का यह देश कंगाल घोषित हो सकता है। पाकिस्तानी अवाम पहले से ही महंगाई के बोझ तले दबी हुई है। ऐसे में पाकिसतान कंगाल हुआ तो उन पर आर्थिक बोझ और ज्यादा बढ़ जाएगा। पाकिस्तान में बढ़ते आतंकी हमले अवाम और सुरक्षा बलों के लिए गंभीर खतरा बने हुए हैं। तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान ने तो पाकिस्तान के खिलाफ जंग का ऐलान किया हुआ है। उधर स्वात घाटी में तो आतंकवादियों का पूरा नियंत्रण हो चुका है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button