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रूस से महायुद्ध का खतरा, नाटो देश शीतयुद्ध के बाद पहली बार करेंगे सबसे बड़ा युद्धाभ्‍यास, जानें प्‍लान

ब्रुसेल्स. रूस और यूक्रेन के बीच करीब दो साल से जारी जंग के बीच नाटो (The North Atlantic Treaty Organization) ने कोल्ड वार के बाद के सबसे बड़े युद्धाभ्यास का ऐलान किया है. जिसमें लगभग 90 हजार जवान शामिल होंगे. अगले सप्ताह शुरू होने जा रहे इस युद्धाभ्यास के जरिए सैन्य गठबंधन रूस को दिखाना चाहता है कि वह अपनी सीमाओं समेत सभी क्षेत्रों की रक्षा करने में सक्षम है. समाचार एजेंसी रायरटर के अनुसार, नाटो सैन्य गठन के एक कमांडर क्रिस कैवोली ने बताया कि युद्धाभ्यास स्टीडफ़ास्ट डिफेंडर 2024 मई तक चलेगा. इसमे लगभग 90,000 सैनिक शामिल होंगे. इसमें 50 से अधिक एयरक्रॉफ्ट करियर से लेकर डेस्ट्रॉयर्स तक शामिल होंगे. इस अभ्यास में 31 देशों की सेनाएं शामिल होंगी.

इस युद्धाभ्यास में 80 से अधिक लड़ाकू विमान, हेलिकॉप्टर ड्रोन के साथ 133 टैंक और 533 इन्फेंट्री फाइटिंग वीकल सहित कुल 1100 कॉम्बैट वीकल भी हिस्सा लेंगे. कैवोली ने कहा कि इस युद्धाभ्यास में नाटो अपनी क्षेत्रीय योजनाओं के कार्यान्वयन का अभ्यास करेगा. यह सैन्य गठबंधन द्वारा दशकों में तैयार की गई पहली रक्षा योजना है जिसमें विस्तार से बताया जाएगा कि रूसी हमले का जवाब किस तरह देना है. इसके साथ ही अमेरिका और अन्य सैन्य सहयोगियों की सेनाओं को तेजी से तैनात करने की क्षमता का भी प्रदर्शन किया जाएगा.

1988 में हुआ था इस लेवल का युद्धाभ्यास

नाटो के अनुसार इस लेवल का युद्धाभ्यास इससे पहले 1988 में कोल्ड वार के समय में हुआ था. जिसमें 125,000 हजार सैनिक शामिल हुए थे. इसके बाद 2018 में हुआ था. जिसमें 50,000 सैनिक शामिल हुए थे.

ब्रिटेन भेजेगा 20 हजार सैनिक

नाटो के इस युद्धाभ्यास में ब्रिटेन ने अपने 20 हजार सैनिक भेजने का वादा किया है. ब्रिटेन के रक्षा मंत्रालय के अनुसार इस अभ्यास में सैनिकों के साथ युद्धपोत और लड़ाकू विमान भी भेजेगा.

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