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बजट सत्र से पहले ‘ब्रह्मास्त्र’ फेंक मुस्कुरा दिए PM मोदी, अब क्या करेगा विपक्ष?

नई दिल्ली: संसद के बजट सत्र में बीबीसी डॉक्युमेंट्री और गौतम अडानी के मुद्दे पर सरकार को घेरने की रणनीति बना रहे विपक्ष पर पीएम मोदी ने शब्दों का ‘ब्रह्मास्त्र’ फेंका है। सत्र शुरू होने से पहले पीएम मोदी ने विपक्षी सदस्यों से कहा कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का यह पहला उद्बोधन है, इसलिए सदन की उस परंपरा को निभाया जाना चाहिए, जो एक नए सांसद के पहले भाषण पर किया जाता रहा है। इस तरह से देखें तो पीएम ने विपक्ष को नैतिकता के दायरे में बांध दिया है। हालांकि देखना यह होगा कि विपक्षी दलों का संसद में क्या रुख होता है। यह बजट सत्र ऐसे समय में शुरू हो रहा है जब कुछ घंटे पहले ही राहुल गांधी के नेतृत्व में पांच महीने तक चली कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा कश्मीर में पूरी हुई है।

पीएम ने संसद पहुंचने के बाद मीडिया के सामने अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि नए साल में आज बजट सत्र का प्रारंभ हो रहा है और शुरू में ही अर्थ जगत के… जिनकी आवाज को मान्यता होती है, वैसी आवाज चारों तरफ से सकारात्मक संदेश लेकर आ रही है, आशा की किरण लेकर आ रही है, उमंग का आगाज लेकर आ रही है। इस तरह से देखें तो पीएम ने कल पेश होने वाले बजट के बारे में भी कुछ इशारे भी कर दिए हैं।

नारी सम्मान की बात कह विपक्ष को बड़ा संदेश

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज एक महत्वपूर्ण अवसर है। भारत के वर्तमान राष्ट्रपति जी आज पहली बार संयुक्त सदन को संबोधित करने जा रही हैं। राष्ट्रपति जी का भाषण भारत के संविधान का गौरव है। भारत के संसदीय प्रणाली का गौरव है और विशेष रूप से आज नारी सम्मान का भी अवसर है और दूर-सुदूर जंगलों में जीवन बसर करने वाले हमारे देश के महान आदिवासी परंपरा के सम्मान का भी अवसर है।

दरअसल, पिछले कुछ वर्षों से ऐसा देखा जा रहा है कि सदन में विपक्ष लगातार विरोध कर रहा है। हंगामे और शोरगुल की स्थिति बनने से पहले ही पीएम ने नारी सम्मान और आदिवासी गौरव की चर्चा कर विपक्षी रणनीति को फेल करने की कोशिश की है।

परंपरा का जिक्र और कसौटी की बात

मोदी ने कहा कि न सिर्फ सांसदों के लिए बल्कि पूरे देश के लिए गौरव का पल है कि भारत की वर्तमान राष्ट्रपति जी का आज पहला उद्बोधन हो रहा है। हमारे संसदीय कार्य में 6-7 दशक से जो परंपराएं विकसित हुई हैं, उन परंपराओं में देखा गया है कि अगर कोई भी नया सांसद जब पहली बार सदन में बोलने के लिए खड़ा होता है तो किसी भी दल का क्यों न हो, जब वह पहली बार बोलता है तो पूरा सदन उन्हें सम्मानित करता है। उनका आत्मविश्वास बढ़े, उस प्रकार से एक अनुकूल वातावरण तैयार करता है। यह उत्तम परंपरा है। आज राष्ट्रपति जी का उद्बोधन भी पहला उद्बोधन है। सभी सांसदों की तरफ से उमंग, उत्साह और ऊर्जा से भरा हुआ आज का ये पल हो, यह हम सबका दायित्व है। पीएम ने कहा कि मुझे विश्वास है कि हम सभी सांसद इस कसौटी पर खरे उतरेंगे।

तकरीर… और मुस्कुराए पीएम मोदी

पीएम ने आगे कहा कि हमारे देश की वित्त मंत्री भी महिला हैं, वह कल एक और बजट लेकर देश के सामने आ रही हैं। आज की वैश्विक परिस्थिति में भारत के बजट की तरफ पूरे विश्व का ध्यान है। डांवाडोल विश्व की आर्थिक परिस्थिति में भारत का बजट भारत के सामान्य लोगों की आशाओं-आकांक्षाओं को पूरा करने का प्रयास करेगा ही, लेकिन विश्व जो आशा की किरण देख रहा है… मुझे पूरा भरोसा है कि निर्मला जी इन अपेक्षाओं को पूर्ण करने का पूरा प्रयास करेंगी।

उन्होंने आगे कहा कि भाजपा के नेतृत्व में एनडीए सरकार का एक ही मकसद रहा है- इंडिया फर्स्ट, सिटिजन फर्स्ट। सबसे पहले देश, सबसे पहले देशवासी। उसी भावना को आगे बढ़ाते हुए तकरार भी रहेगी लेकिन तकरीर भी तो होनी चाहिए। यह कहते हुए मोदी मुस्कुरा दिए।

पीएम ने आगे कहा कि मुझे विश्वास है कि हमारे विपक्ष के सभी साथी बड़ी तैयारी के साथ, बहुत बारीकी से अध्ययन करके सदन में अपनी बात रखेंगे। सदन देश के नीति निर्धारण में बहुत अच्छी तरह से चर्चा करके अमृत निकालेगा, जो देश के काम आएगा।

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