इन फिल्मों से ‘सिनेमा की शान’ बनीं वहीदा रहमान, कागज के फूल’ से लेकर ‘रंग दे बसंती’ तक
नई दिल्ली। लीजेंड्री एक्ट्रेस वहीदा रहमान (Waheeda Rahman) को दादासाहब फाल्के लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार से नवाजा जाएगा। फिल्म इंडस्ट्री में अहम योगदान के लिए उन्हें यह सम्मान दिया जा रहा है।
सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने मंगलवार को दादासाहब फाल्के अवॉर्ड दिए जाने का एलान किया है। यह सम्मान देने के साथ ही अनुराग ठाकुर ने उनके काम की तारीफ भी की।
अनुराग ठाकुर ने की वहीदा रहमान की तारीफ
वहीदा रहमान ने एक लंबे समय तक फिल्म इंडस्ट्री में काम किया। उन्होंने ‘प्यासा’, ‘कागज के फूल’, ‘चौदहवीं का चांद’ जैसी कई फिल्मों में शानदार और बेजोड़ अभिनय किया है। उनके काम की तारीफ में अनुराग ठाकुर ने लिखा-
उन्होंने आगे लिखा, ”पद्मश्री और पद्म भूषण अवॉर्ड से सम्मानित, वहीदा जी ने भारतीय नारी के डेडिकेशन, कमिटमेंट और ताकत का ऐसा उदाहरण दिया है, जो अपनी मेहनत के बल पर प्रोफेशनल एक्सीलेंस अचीव कर सकती हैं।”
शानदार रहा वहीदा रहमान का फिल्मी करियर
वहीदा रहमान ने कई फिल्मों में काम किया है। 50 के दशक में डेब्यू करने वाली वहीदा रहमान आज तक अभिनय के क्षेत्र में एक्टिव हैं। उन्होंने 2017 में आई फिल्म ‘सन ऑफ स्कॉर्पियन’ में भी दमदार काम कर साबित किया था कि उम्र के इस पड़ाव में भी उनकी एक्टिंग में कोई कमी नहीं आई है।
इन फिल्मों में किया उम्दा काम
वहीदा रहमान ने तमिल फिल्म ‘अलीबाबवम 40 थिरूदरगालुम’ (Alibabavum 40 Thirudargalum) से एक्टिंग करियर की शुरुआत की थी, लेकिन तेलुगु मूवी ‘रोजूलो मरयायी’ पहले रिलीज हुई थी। इसके कुछ समय बाद वहीदा ने हिंदी फिल्मों की ओर रुख किया।
फिल्ममेकर गुरू दत्त के साथ उनकी जोड़ी खूब जमी। दोनों ने रोमांटिक ड्रामा प्यासा, चौदहवीं का चांद, साहब बीवी और गुमाम, कागज के फूल जैसी फिल्मों में काम किया। जहां गुरु दत्त की ये फिल्में हिट हो रही थीं, वहीं वहीदा का करियर भी ऊंचाई पर पहुंचता जा रहा था।
पर्दे पर रोमांस करना हो या कॉमेडी, हर रोल को वहीदा ने इतनी शिद्दत से निभाया कि फैंस आज भी उनके आइकॉनिक रोल्स की मिसाल देते हैं।
वहीदा रहमान की बेस्ट फिल्में
‘प्यासा’ वहीदा रहमान की फिल्मी यात्रा का माइलस्टोन मानी जाती है। यह क्लासिक लव ट्रायएंगल पर आधारित फिल्म है, जिसमें वहीदा रहमान ने गुरु दत्त और माला सिन्हा के साथ काम किया था।
कागज के फूल
‘प्या
सा’ के बाद 1959 में वहीदा रहमान की दूसरी हिंदी फिल्म ‘कागज के फूल’ रिलीज हुई। इसकी कहानी डायरेक्टर और उसकी सुपरस्टार हीरोइन के इर्द-गिर्द घूमती है। फिल्म में एक वहीदा ने उस न्यूकमर एक्ट्रेस का रोल प्ले किया था, जिसके अभिनय की वजह से उसके डायरेक्टर के बेजान करियर को जान मिलती है।