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भारत का दिल खोलकर स्‍वागत, पाकिस्‍तान को नहीं दी ‘भीख’, सऊदी प्रिंस ने शहबाज को दिया बड़ा झटका

रियाद: कंगाल पाकिस्‍तान से अब उसके सबसे करीबी मुस्लिम दोस्‍त सऊदी अरब ने मुफ्त में कर्ज देने से किनारा कर लिया है। यही नहीं सऊदी अरब यह भी चाहता है कि पाकिस्‍तान आईएमएफ की शर्तों को माने। अब तक पाकिस्‍तान सऊदी अरब से दर्जनों बार कर्ज ले चुका है लेकिन अब पहली बार उसे निराशा हाथ लगी है। बार-बार कर्ज की भीख मांग रहे पाकिस्‍तान से जहां दोस्‍त सऊदी अरब ने किनारा कर लिया है, वहीं सोमवार को रियाद ने भारत का दिल खोलकर स्‍वागत किया। मौका था सऊदी अरब की राजधानी रियाद में भारत-गल्‍फ कोऑपरेशन काउंसिल की बैठक का। बताया जा रहा है कि इस बैठक के बाद अब मुक्‍त व्‍यापार समझौते का जल्‍द ही रास्‍ता साफ हो सकता है।

    भारत और खाड़ी देशों के बीच रियाद में हुई बैठक में व्‍यापार और निवेश की दिशा में हुई प्रगति पर खुशी जताई गई। इस बैठक में भारत और खाड़ी देशों के बीच मुक्‍त व्‍यापार समझौते को जल्‍दी अंतिम रूप देने पर सहमति बनी। भारत ने इस दौरान ऊर्जा, खाद्यान सुरक्षा, स्‍वास्‍थ्‍य, हेल्‍थ, आईटी सेक्‍टर और आतंकवाद निरोधक क्षेत्र में सहयोग को बढ़ाने का आह्वान किया। दोनों पक्षों ने खास क्षेत्रों में काम करने के लिए संयुक्‍त वर्किंग ग्रुप बनाने पर सहमति जताई। जीसीसी के अंतर्गत खाड़ी के 6 प्रमुख देश बहरीन, कुवैत, ओमान, कतर, सऊदी अरब और संयुक्‍त अरब अमीरात आते हैं।

    मैं फोन करता हूं तो लोग समझते हैं लोन मांग लूंगा: शहबाज

    जीसीसी के कई देश तेल से समृद्ध हैं और वे अपनी अर्थव्‍यवस्‍था में विविधता लाने के लिए भारत के साथ अपने रिश्‍ते को मजबूत कर रहे हैं। भारत के साथ इस बैठक में जीसीसी के सभी 6 देशों ने हिस्‍सा लिया। जीसीसी देश भारत के लिए इसलिए भी अहम हैं क्‍योंकि इन देशों में 85 लाख भारतीय काम करते हैं और वे अरबों डॉलर की विदेशी मुद्रा हर साल भारत भेजते हैं। भारत और खाड़ी देशों के बीच साल 2021-22 में 154 अरब डॉलर का व्‍यापार हुआ था। यूएई और सऊदी अरब तो भारत में अरबों डॉलर का निवेश कर रहे हैं।
    वहीं पाकिस्‍तान की बात करें तो सऊदी अरब ने साफ कह दिया है कि वह अब मुफ्त में पैसा नहीं देगा। पाकिस्‍तान को ब्‍याज देना होगा या फिर अपनी संपत्ति में हिस्‍सा देना होगा। सऊदी अरब लंबे समय से पाकिस्‍तान को लंबे समय के कर्ज के रूप में तेल देता रहा है। बार-बार कर्ज मांग रहे पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने पिछले साल एक सम्‍मेलन में पाकिस्‍तान की इस भीख मांगने की आदत को स्‍वीकार किया था। शहबाज ने कहा था कि जब वह किसी दोस्‍त देश के राष्‍ट्राध्‍यक्ष को फोन करते हैं तो उन्‍हें लगता है कि मैंने पैसा मांगने के लिए फोन किया है।

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