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क्‍या कन्फ्यूजन है! मल्लिकार्जुन खरगे कर रहे केजरीवाल को फोन, अजय माकन की अपील न दें समर्थन

नई दिल्ली: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अजय माकन ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर तीखा हमला बोला है। उन्‍होंने रविवार को कहा कि ‘भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों’ का सामना कर रहे आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक और उनके सहयोगियों को कोई सहानुभूति या समर्थन नहीं दिया जाना चाहिए। पूर्व केंद्रीय मंत्री माकन का यह रुख कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व के बिल्कुल विपरीत है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने शनिवार को केजरीवाल को फोन कर आप नेता के साथ एकजुटता दिखाई थी। माकन का यह बयान ऐसे समय में आया है जब विपक्षी दलों को एकजुट करने और उन्हें एक मंच पर लाने की कोशिश की जा रही है।
सूत्रों के अनुसार खरगे ने केजरीवाल को फोन कर 2024 के आम चुनावों से पहले विपक्षी दलों को भाजपा के खिलाफ एकजुट होने की आवश्यकता पर बल दिया था।


अजय माकन ने क‍िया ट्वीट
माकन ने ट्वीट किया, ‘मेरा मानना है कि केजरीवाल जैसे लोगों और उनके साथियों को, जिन पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे हैं, किसी तरह की सहानुभूति या समर्थन नहीं दिया जाना चाहिए।’

कांग्रेस की दिल्ली इकाई के पूर्व अध्यक्ष ने कहा, ‘शराब घोटाले के आरोपों की गहन जांच होनी चाहिए और दोषी पाए जाने वालों को सजा मिलनी चाहिए। कांग्रेस सहित सभी राजनीतिक दलों के नेताओं के लिए यह पहचानना महत्वपूर्ण है कि केजरीवाल द्वारा भ्रष्ट तरीकों से अर्जित धन का उपयोग पंजाब, गोवा, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और दिल्ली सहित कई राज्यों में कांग्रेस पार्टी के खिलाफ किया गया है।’

माकन ने कहा कि अन्ना हजारे आंदोलन के बाद केजरीवाल ने 2013 में भ्रष्टाचार से लड़ने के उद्देश्य से आम आदमी पार्टी (आप) की स्थापना की थी, जिसने लोकपाल विधेयक को लागू करने का वादा किया था, जिसे विपक्षी दलों ने भ्रष्टाचार के समाधान के रूप में देखा था।

उन्होंने कहा, ‘हालांकि, केजरीवाल ने सत्ता में आने के 40 दिन बाद फरवरी 2014 में एक मजबूत लोकपाल बिल की मांग करते हुए अपनी ही सरकार को भंग कर दिया। इसके बावजूद, दिसंबर 2015 में केजरीवाल ने लोकपाल विधेयक का कमजोर संस्करण पेश किया, जो 2014 में प्रस्तावित मूल विधेयक से बहुत अलग था।’


उन्होंने कहा कि इससे केजरीवाल के असली चरित्र और मंशा का पता चलता है।

माकन ने कहा कि मूल विधेयक, जिसने केजरीवाल की 40 दिन की सरकार को भंग करने का आधार बनाया था, अभी तक लागू नहीं किया गया है।

मजबूत लोकपाल विधेयक को आगे बढ़ाने में विफल रही
माकन ने कहा, ‘वर्ष 2015 के बाद से, केजरीवाल और उनकी पार्टी एक मजबूत लोकपाल विधेयक को आगे बढ़ाने में विफल रही है। इसके बजाय, वे केवल अधिक शक्ति की मांग के लिए अपने विरोध प्रदर्शन, मार्च और आरोप-प्रत्यारोप के लिए जाने जाते हैं।’

माकन ने वरिष्ठ अधिवक्ताओं और वरिष्ठ संचालन समिति के सदस्यों से अपील की कि वे अदालत में केजरीवाल या उनकी सरकार का प्रतिनिधित्व करने से बचें।

गौरतलब है कि कांग्रेस संचालन समिति के सदस्य और अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने पहले भी आम आदमी पार्टी का प्रतिनिधित्व किया है और केजरीवाल ने उनसे कानूनी सलाह की मांग की है।

आबकारी नीति मामले में रविवार को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल से पूछताछ की।

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