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डिजिटल संसद से क्या बदलने वाला है? आपने कभी सोचा भी नहीं होगा

नई दिल्ली: मॉर्डन सुविधाओं से लैस नए संसद भवन के उद्घाटन को लेकर देशवासियों में एक अलग उत्साह और जोश है। हालांकि अभी इसके उद्घाटन की कोई अधिकारिक घोषणा नहीं हुई है। लेकिन हाई टेक संसद को लेकर चर्चाएं गर्म हैं। इस बीच नए संसद भवन को लेकर एक नई जानकारी सामने आई है। जानकारी के मुताबिक, अत्याधुनिक नए संसद भवन का उद्घाटन ‘डिजिटल संसद’ के लॉन्च के साथ होने की संभावना है। लोकसभा सचिवालय का यह पहला डिजिटल प्लेटफॉर्म ना केवल संसद सदस्यों के संसदीय रिकॉर्डों तक पहुंचने की प्रक्रिया को आसान बनाएगा बल्कि 22 अनुसूचित क्षेत्रीय भाषाओं में सदन की कार्यवाही के रीयल टाइम ट्रांसक्रिप्शन के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित तकनीक का भी उपयोग करेगा।


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिसंबर 2020 में नए संसद भवन की आधारशिला रखी थी। 64500 स्क्वायर मीटर में बनकर तैयार हो रहा यह नया संसद भवन चार मंजिला है। इसकी लागत करीब 971 करोड़ रुपये है। संसद की नई बिल्डिंग में कुल 1224 सांसदों के बैठने की सुविधा है। इनमें 888 लोकसभा सदस्य बैठ सकेंगेस जबकि राज्यसभा चैंबर में 384 सांसदों के बैठने का इंतजाम होगा।


‘स्पीच टु टेक्स्ट’ इंजन करेगा तुरंत अनुवाद

नई संसद में AI पर आधारित ‘स्पीच टु टेक्स्ट’ इंजन संसदीय कार्यवाही के दौरान तुरंत अनुवाद करेगा। अभी संसद सचिवालय की रिपोर्टिंग ब्रांच के जरिए इसका ट्रांसक्रिप्ट तैयार किया जाता है। लेकिन AI के कारण अब सदन की कार्यवाही का सटीक अनुवाद साथ के साथ ही होता चला जाएगा।

क्या है मकसद?

‘वन नेशन, वन एप्लीकेशन’ प्लेटफॉर्म का उद्देश्य सांसदों को पोर्टल के ‘नॉलेज मैनेजमेंट सिस्टम’ के जरिए हाई टेक करने से है। इससे सांसदों के संसद के संसाधनों तक त्वरित पहुंच बढ़ेगी। वहीं सचिवालय सूचना का ऑनलाइन प्रसार करने में सक्षम होगा। पोर्टल मंत्रालयों और संसद के बीच शुरू से अंत तक डिजिटल संचार की सुविधा प्रदान करेगा और नागरिकों के लिए यह संसदीय व्यवसाय और अन्य संबंधित जानकारी तक आसान पहुंच की सुविधा प्रदान करेगा।

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