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भारत-पाक मैच में रिजर्व-डे का सच क्या है? अलग-अलग बात कर रहे बांग्लादेश-श्रीलंका के कोच और बोर्ड

नई दिल्ली. एशिया कप में भारत और पाकिस्तान के बीच 10 सितंबर को होने वाले सुपर-4 राउंड के मैच के लिए रिजर्व-डे रखने पर शुरू हुआ बवाल अचानक से थम गया है. पहले इस फैसले पर नाराजगी जताने वाले बांग्लादेश और श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड के अब सुर बदल गए हैं औऱ दोनों क्रिकेट बोर्ड का ये रुख महज आधा घंटे में बदल गया. फैंस के साथ-साथ क्रिकेट के जानकार दोनों क्रिकेट बोर्ड के यू-टर्न से हैरान हैं.

बता दें कि एशियन क्रिकेट काउंसिल ने 10 सितंबर को एशिया कप में भारत और पाकिस्तान के बीच होने वाले सुपर-4 राउंड के मैच के लिए रिजर्व डे रखा था. ये फैसला इस मुकाबले के भी बारिश में धुलने की वजह से लिया गया था. दोनों देशों के बीच ग्रुप-स्टेज का मैच भी बारिश के कारण रद्द हो गया था.

कोलंबो में 10 सितंबर, जिस दिन भारत और पाकिस्तान का मैच होना है, उस दिन बारिश की 90 फीसदी आशंका है. हालांकि, सुपर-4 राउंड के सिर्फ इसी मैच के लिए रिजर्व डे रखने पर बवाल खड़ा हो गया था. जबकि कोलंबो में 5 मैच खेले जाने हैं. श्रीलंका और बांग्लादेश क्रिकेट टीम के कोच ने एसीसी के इस फैसले पर नाराजगी जाहिर की थी. हालांकि, एक दिन में ही श्रीलंका और बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड के सुर बदल गए और वो एसीसी के इस फैसले के साथ खड़े नजर आ रहे.

सबकी सहमति से रिजर्व डे का फैसला हुआ: बांग्लादेश बोर्ड

इस मामले पर एक दिन पहले बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ट ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर अपनी सफाई में लिखा, “एशिया कप में भारत-पाकिस्तान के बीच होने वाले सुपर-4 राउंड के मैच के लिए रिजर्व डे रखा गया है और प्लेइंग कंडीशन में बदलाव हुआ है. इस मामले पर स्थिति साफ करने के बता दें कि ये फैसला सभी चार टीमों और एसीसी की सहमति से लिया गया था.” इसके 30 मिनट के भीतर श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड ने भी इसी तरह का ट्वीट किया.

श्रीलंका क्रिकेट ने लिखा, “भारत-पाकिस्तान मैच के लिए रिजर्व डे का प्रावधान सुपर-4 राउंड में पहुंचीं सभी टीमों के क्रिकेट बोर्ड की सहमति से लिया गया था.” इसी मुताबिक, टूर्नामेंट की प्लेइंग कंडीशन में भी बदलाव होगा.” अब दोनों क्रिकेट बोर्ड के इस बदले हुए रुख से हर कोई हैरान है.

श्रीलंका-बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड ने क्यों लिया यू-टर्न?

बता दें कि श्रीलंका और बांग्लादेश के क्रिकेट कोच ने इस फैसले पर कड़ी नाराजगी और हैरानी जताई थी. श्रीलंका के कोच क्रिस सिल्वरवुड ने कहा था, जब मैंने पहली बार ये सुना तो मैं चौंक गया था.हालांकि, हम आयोजक नहीं हैं, ऐसे में इसे लेकर बहुत कुछ कर नहीं सकते. बांग्लादेश के कोच चंडिका हथुरासिंघा ने कहा था कि यह फैसला सभी की सहमति से नहीं लिया गया. यह सही नहीं है. हमें भी एक अतिरिक्त दिन चाहिए. अब सवाल ये खड़ा हो रहा है कि आखिर ऐसा क्या हो गया? कोच को जिस फैसले पर आपत्ति थी, उसपर दोनों क्रिकेट बोर्ड ने एकदम से यू-टर्न ले लिया.

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