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भारत अपनी युवा आबादी का फायदा उठा पाएगा? चीन को पीछे छोड़ने के लिए क्या करना होगा

नई दिल्ली : 2023 के मध्य में चीन को पछाड़कर भारत दुनिया में सबसे ज्यादा आबादी वाला देश बन जाएगा। संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट बताती है कि 0-14 आयु वर्ग, 10-19 और 10-24 आयु वर्ग में सबसे ज्यादा युवा भारत में है। भारत युवा आबादी वाला भी देश है। विशेषज्ञ कहते हैं कि युवा आबादी भारत के लिए सबसे बड़ी पॉजिटिव चीज है। सवाल यह है कि भारत इसका सकारात्मक उपयोग कैसे कर सकता है? युवा देश होने के क्या-क्या लाभ हैं और देश की पॉलिसी को अगले कुछ वर्षों के लिए कैसे तैयार किया जा सकता है?

पॉलिसी की जरूरत

माना जाता है कि अधिक आबादी ह्यूमन रिसोर्स की भी अधिकता का साधन बनती है। इसी मानव संसाधन का इस्तेमाल कर चीन ने पहली बार अपनी ग्लोबल उपस्थिति दर्ज कराई थी। हालांकि, यह भी सही है कि ऐसी सूरत लंबे समय तक बनी नहीं रह सकती है। यूथ इन इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 2014 में कुल आबादी का लगभग 35 फीसदी हिस्सा 15 से 24 साल का था। 2030 तक इसके 31 फीसदी तक चले जाने की उम्मीद है। यानी 2030 तक इनकी हिस्सेदारी कम होने लगेगी और फिर उम्रदराजों की संख्या बढ़ने लगेगी। ऐसे में युवा आबादी के लिहाज से अगले 10 साल भारत के लिए बहुत महत्वपूर्ण होंगे और सरकार को युवाओं से जुड़ी पॉलिसी के जरिए यह सुनिश्चित करना होगा कि देश अपने युवाओं को कैसे हुनरमंद बनाए। साथ ही उनकी प्रतिभा का इस्तेमाल कर देश को विकास के नए पथ पर लेकर जाया जा सके।

स्किल डिवेलपमेंट पर हो फोकस

जाने-माने शिक्षाविद् और युवा शिक्षा की विभिन्न योजनाओं से जुड़े डॉ. एस. के. गर्ग कहते हैं कि भारत इस समय दुनिया का सबसे युवा देश है। इसका अर्थ है कि भारत में युवाओं का अनुपात वृद्धों और बच्चों से अधिक है। जैसे-जैसे समय बीतेगा, आज के युवा प्रौढ़ होंगे और बच्चे युवा। यह अनुपात लगभग 10 वर्ष में बिगड़ जाएगा। ऐसे में यह आवश्यक है कि अपनी युवा शक्ति का समय रहते सदुपयोग करें। सबसे जरूरी है कि हम युवा देश होते हुए स्वावलंबी भी बनें। अभी हमें रक्षा उपकरण, हवाई जहाज से लेकर मोबाइल फोन और कंप्यूटर भी विदेशों से आयात करना पड़ता है।


जरूरत इस बात की है कि हम अपने युवाओं के स्किल डिवेलपमेंट पर जोर दें, जिससे हमारा देश मैन्युफैक्चरिंग में आगे रहे। देश में अब वर्क फोकस की कमी नहीं है और युवा देश होने का फायदा यह है कि कामकाजी लोगों की संख्या ज्यादा है। देश की 68 प्रतिशत आबादी कामकाजी है। 2011 में 10-24 आयु वर्ग के 36.5 करोड़ लोग थे, जो 2023 में 37.9 करोड़ होने का अनुमान है। इस कामकाजी आबादी का फायदा उनकी स्किल डिवेलपमेंट ट्रेनिंग पर ध्यान देकर उठाया जा सकता है। इससे देश स्टार्टअप, मैन्युफैक्चरिंग के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ेगा।

देश में ही मिले मौका

दिल्ली यूनिवर्सिटी के लेडी श्रीराम कॉलेज में सांख्यिकी विभाग के असोसिएट प्रोफेसर डॉ. वझला रवि कहते हैं कि युवा देश होने का ज्यादा फायदा उस स्थिति में मिलेगा, जब हम अपने होनहार युवाओं को अपने देश में ही जॉब्स, स्टार्टअप के ज्यादा मौके देंगे। देखने में आता है कि भारत में IIT, IIM जैसे टॉप संस्थानों से पढ़ने के बाद छात्र विदेशों में जाकर वहां की कंपनियों को आगे बढ़ाते हैं। इसका फायदा विदेशों को मिलता है जबकि यह फायदा भारत को मिलना चाहिए। ऐसे में जरूरी है कि कैंपस प्लेसमेंट पर ज्यादा से ज्यादा जोर हो।


रवि का कहना है कि स्टार्टअप के लिए सरकार की नीतियां सरल हों, छात्रों की मदद की जाए। विदेश में जाकर काम करने वाला होनहार भारतीय छात्र जब बड़ी विदेशी कंपनियों के हेड बनकर उस कंपनी को आगे बढ़ाते हैं तो युवा अपने देश में भी ऐसी कंपनी शुरू कर सकते हैं। बशर्ते उन्हें मौका मिले। देश को युवाओं के टैलंट का फायदा उठाना होगा। अकैडमिक, टेक्निकल और बिजनेस के क्षेत्र में युवाओं की प्रतिभा को और निखारा जाना चाहिए। जिस संस्थान में युवाओं को पढ़ाई का मौका मिले, उसी संस्थान में ही ऐसी शुरुआत हो कि युवाओं को नई दिशा मिले।

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