Yamunanagar News: बेटी से दुष्कर्म के दोषी पिता को कोर्ट ने सुनाई उम्रकैद

जगाधरी : 16 वर्षीय बेटी के साथ दुष्कर्म व 13 वर्षीय बेटी से छेड़छाड़ करने के दोषी पिता 38 वर्षीय मनोज कुमार को कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। साथ ही दोषी पर एक लाख 81 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया है। फैसला फास्ट ट्रैक कोर्ट ने सुनाया है। दोषी मनोज बिहार के जिला अरवाल के एक गांव का रहने वाला है। जो कि परिवार के साथ यमुनानगर में किराए पर रह रहा था। फैक्ट्री में मजदूरी करता था।
31 मार्च 2022 को किया था केस दर्ज
गांधी नगर पुलिस ने दोषी मनोज की बेटी की शिकायत पर 31 मार्च 2022 को मारपीट व दुष्कर्म का केस दर्ज किया था। केस की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि पिता बेटियों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए है। अगर वह ही ऐसा घिनौना कृत्य करेगा, तो बेटियों की सुरक्षा की उम्मीद किस से की जा सकती है।
पीड़िता को डेढ लाख रुपये मुआवजा भी दिया जाएगा
दोषी को सख्त सजा देकर ही समाज को सही संदेश दिया जा सकता है। कोर्ट के आदेश पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से दुष्कर्म पीड़िता को चार लाख व छेड़छाड़ पीड़िता को डेढ लाख रुपये मुआवजा भी दिया जाएगा। पुलिस को दी शिकायत में पीड़िता ने कहा कहा था कि वे तीन बहन-भाई हैं। वह दसवीं कक्षा में पढ़ती है, 13 वर्षीया छोटी बहन आठवीं व भाई पांचवीं में पढता है। उसका पिता अक्सर उसकी मां के साथ मारपीट करता है।
पिता कई साल से कर रहा था गलत काम
जिस कारण परिवार के सभी लोग डरे सहमे रहते थे। पीड़िता के मुताबिक उसका पिता कई साल से उसके साथ गलत तरीके से छेड़छाड़ कर रहा था। डर की वजह से उसने इस बात को किसी से नहीं बताया। मार्च 2020 में जब लाकडाउन लगा हुआ था उसके पिता ने कई बार उसके साथ दुष्कर्म किया। पिता की मारपीट के डर की वजह से उसने दुष्कर्म की बात को किसी को नहीं बताया।
तंग आकर चली गई थी दादा-दादी के पास
पिता की हरकतों से तंग आकर वह दादा-दादी के पास गांव चली गई थी। लेकिन जनवरी में उसका पिता उसे जबदस्ती वापिस ले आया। पीड़िता के मुताबिक 28 मार्च 2022 को उसका पिता उसकी चारपाई के पास आकर लेट गया और गलत हरकतें करने लगा। पिता को धक्का देकर वह बाहर भाग गई।
सारी बात मकान मालकिन को बताई। 31 मार्च को जब वह परीक्षा देकर घर आई तो छोटी बहन ने उसे बताया कि पिता ने उसके साथ छेड़छाड़ की है। साथ ही गलत काम करने की कौशिश की। इसके बाद उन्होंने पुलिस को सूचित किया। सूचना मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंच गई और केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी।
यह बना सजा का आधार
केस की सुनवाई के दौरान पीड़िता के बयान को कोर्ट ने सबसे ज्यादा अहमियत दी। इसके अलावा डॉक्टर के बयान से पता चला कि पीड़िता के साथ गलत काम हुआ है। पीड़िता की मां व मकान मालिक ने भी अपने बयान में कहा कि दोषी ने बच्चियों के साथ गलत काम किया है। जिसके आधार पर कोर्ट ने मनोज को अंतिम सांस तक उम्रकैद की सजा सुनाई है।