बिहार

10वीं पास कर सकेंगे आवेदन; घर पर उपलब्ध होगी पशुओं के कृत्रिम गर्भाधान की सुविधा, 3 महीने तक होगी ट्रेनिंग

समस्तीपुर। अब पंचायतों में पशुओं के कृत्रिम गर्भाधान की सुविधा पशुपालकों को घर पर ही मिल सकेगी। इसके लिए जिले में पंचायत स्तर पर कृत्रिम गर्भाधानकर्ता बहाल होंगे। कृत्रिम गर्भाधानकर्ता की तैनाती मैत्री यानी चलंत स्वावलंबी कृत्रिम गर्भाधान केंद्रों पर होगी।

जिला पशुपालन पदाधिकारी डॉ. नवीन चंद्र प्रसाद ने कहा कि राष्ट्रीय गोकुल मिशन के तहत कृत्रिम गर्भाधान का आच्छादन बढ़ाने के लिए चलंत स्वावलंबी कृत्रिम गर्भाधान केंद्रों (मैत्री) का गठन किया जाएगा। इन केंद्रों पर तैनाती के लिए कृत्रिम गर्भाधानकर्ता के चयन की प्रक्रिया चल रही है।

उन्होंने कहा कि पंचायत में पशुपालकों के घरों तक पहुंचकर पशुओं के लिए कृत्रिम गर्भाधान की सुविधा देनी है। जिले में कुल 384 पंचायत है। प्रथम चरण में 99 पंचायत में मैत्री केंद्रों का गठन करने का लक्ष्य रखा गया है। समस्तीपुर प्रखंड अंतर्गत दो पंचायत का चयन किया गया है। इसमें जितवारपुर निजामत व जितवारपुर चौथ शामिल है।

इसके अलावा विभूतिपुर व कल्याणपुर में 10-10, रोसड़ा में 7, पूसा, सिंघिया व शिवाजीनगर में 6-6, खानपुर, वारिसनगर, उजियारपुर, सरायरंजन, हसनपुर, मोरवा व पटोरी में 5-5, ताजपुर, दलसिंहसराय व विद्यापतिनगर में 4-4, बिथान में 3 और मोहनपुर में 2 शामिल है।

मैट्रिक पास को आवेदन करने का मौका

कृत्रिम गर्भाधानकर्ता के रूप में बहाल होने के लिए शैक्षणिक योग्यता मैट्रिक पास या समतुल्य रखी गई है। न्यूनतम उम्र 18 वर्ष होनी चाहिए। आवेदक अपने पंचायत में बहाल होने के लिए ही आवेदन कर सकते हैं। कृत्रिम गर्भाधानकर्ता के रूप में बहाल होने के लिए पशुपालन विभाग की वेबसाइट पर 8 नवंबर तक आवेदन कर सकते हैं।

सरकारी स्तर पर चलाए जाने वाले पशु टीकाकरण व डीवर्मिंग कार्यक्रम में कार्य अनुभव रखने वाले व्यक्ति जिसे जिला पशुपालन कार्यालय से अनुभव प्रमाण पत्र हो सहित अन्य कई तरह के अनुभव व सरकारी सर्टिफिकेट वालों को चयन में प्राथमिकता दी जाएगी।

तीन महीने के मुफ्त प्रशिक्षण के बाद मिलेगी 50 हजार रुपये की सामग्री

चयनित कृत्रिम गर्भाधानकर्ता को तीन माह का मुफ्त प्रशिक्षण दिया जाएगा जिसमें एक माह का आवासीय और दो माह का क्षेत्र प्रशिक्षण होगा। कृत्रिम गर्भाधानकर्ता से प्रशिक्षण से पहले जमानत की राशि के रूप में 10 हजार रुपये की राशि ली जाएगी। प्रशिक्षण के बाद उन्हें 50 हजार रुपये की सामग्री दी जाएगी। कृत्रिम गर्भाधान के लिए सामग्री देने से पहले एक हजार रुपये के नान ज्यूडिशियल स्टाम्प पर त्रिपक्षीय एकरारनामा किया जाएगा।

नस्ल सुधार की योजना

पंचायत स्तर पर पशुपालकों के घरों तक कृत्रिम गर्भाधान की सुविधा देने का उद्देश्य पशुओं के नस्ल में सुधार करना है। गुणवत्तापूर्ण सिमेन के उपयोग से पशुओं के नस्ल सुधार के अलावा संवर्धन करने की योजना है।

विभाग नहीं देगा वेतन, पशुपालक से मिलेगी राशि

कृत्रिम गर्भाधानकर्ता को पशुपालन विभाग कोई मासिक वेतन या मानदेय नहीं देगा। ना ही उन्हें भविष्य में नियमित रोजगार या वेतन देने की सरकार की योजना है। चयन के लिए निकाले गए पत्र में स्पष्ट कर दिया गया है कि पशुपालकों के यहां कृत्रिम गर्भाधान करने में मिली राशि ही उनकी आय होगी। हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि पशुपालक के घर तक पहुंचकर कृत्रिम गर्भाधान करने की राशि कितनी लेनी है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button