दुनिया

एवरेस्ट के रास्ते में 59 साल की भारतीय महिला की मौत, चोटी पर पहुंच जातीं तो बन जाता अनोखा रिकॉर्ड

काठमांडू: नेपाल में माउंट एवरेस्ट के बेसकैंप में बीमार पड़ने के बाद 59 वर्षीय एक भारतीय पर्वतारोही की बृहस्पतिवार को मृत्यु हो गयी जो दुनिया की इस सबसे ऊंची चोटी को फतह करने वाली एशिया की पेसमेकर वाली पहली महिला बनने का विश्वरिकार्ड कायम करना चाहती थीं। नेपाल के पर्यटन विभाग के निदेशक युवराज खातिवादा ने बताया कि माउंट एवरेस्ट बेसकैंप में अनुकूलन अभ्यास के दौरान मुश्किलें होने पर सुजान्ने लियोपोल्डिना जीसस (59) को सोललुखुंबू जिले के लुकला इलाके के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां बृहस्पतिवार को उनकी मौत हो गयी। खातिवादा ने बताया कि बेसकैंप में अनुकूलन अभ्यास के दौरान सामान्य रफ्तार नहीं बनाये रख पाने तथा चढ़ने में परेशानी होने पर सुजाने को माउंट एवरेस्ट फतह करने की कोशिश छोड़ देने को कहा गया था।


सुजाने को पेसमेकर लगा था। निदेशक ने बताया कि सुजाने ने यह सलाह मानने से इनकार कर दिया और कहा कि वह 8,848.86 मीटर ऊंची चोट पर चढ़ेगी ही क्योंकि वह इस चोटी पर चढ़ने की अनुमति पाने के लिए पहले ही शुल्क दे चुकी हैं। पर्वतारोहण आयोजक ग्लेशियर हिमालयन के अध्यक्ष डेंडी शेरपा ने कहा कि सुजाने को 5800 मीटर तक चढ़ाई करनी थी किंतु उन्हें बुधवार को जबरन हेलीकॉप्टर से लुकला शहर ले जाया गया और अस्पताल में भर्ती कराया गया। उन्होंने कहा, ‘हमने पांच दिन पहले ही उनसे यह पर्वतारोहण छोड़ देने को कहा था लेकिन वह एवरेस्ट फतह करने पर अड़ी हुई थी।’


चढ़ने में आ रही थी दिक्कत

उन्होंने कहा कि अनुकूलन के दौरान पाया गया कि सुजाने और चढ़ने के लिए फिट नहीं है। शेरपा ने कहा , ‘वह पेसमेकर के साथ एवरेस्ट फतह करने वाली पहली एशियाई महिला बनने और ऐसा कर नया विश्व रिकार्ड बनाना चाहती थी।’ उन्होंने कहा कि उनके गले में दिक्कत थी और वह आसानी से खाना भी नहीं निगल पा रही थी। उन्होंने कहा कि सुजाने का शव बृहस्पतिवार दोपहर को काठमांडू और फिर पोस्टमार्टम के लिए महाराजगंज नगरपालिका में त्रिभुवन विश्वविद्यालय अध्यापन अस्तपाल ले जाया गया। शेरपा के अनुसार उनके परिवार के सदस्यों को सूचना दी गयी है और शुक्रवार शाम तक उनके काठमांडू पहुंचने की संभावना है।

भारतीय पर्वतारोही को बचाया गया

दुनिया की पांचवी सबसे ऊंची चोटी मकालू पर चढ़ाई करने वाली भारतीय पर्वतारोही पियाली बसाक को पर्वत शिखर से नीचे उतरते समय कुछ कठिनाई का सामना करने के बाद बचा लिया गया है। आयोजनकर्ताओं ने यह जानकारी दी। पायनियर एडवेंचर के चेयरमैन पसंग शेरपा ने कहा कि वह कैंप-4 के पास मुसीबत में फंस गई थी। पियाली ने पूरक ऑक्सीजन के बिना बुधवार को माउंट मकालू को फतह किया था। पासंग ने कहा, "पियाली को 7,800 मीटर की ऊंचाई से तीन कुशल शेरपाओं की एक टीम ने सफलतापूर्वक बचा लिया है।" उन्होंने बताया, "वह होश में है और बातचीत कर रही है।"

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button