उत्तर प्रदेश

निपटने की योजना पर मुख्य सचिव और डीएम समेत एक दर्जन अधिकारियों से मांगा जवाब इलाहाबाद HC ने बंदरों के आतंक से

मथुरा। मथुरा-वृंदावन में बंदरों की समस्या को लेकर इलाहाबाद हाई कोर्ट गंभीर है। समाजसेवी मधुमंगल शुक्ल की याचिका पर हाई कोर्ट ने मुख्य सचिव और डीएम समेत एक दर्जन अधिकारियों से जवाब मांगा है। 15 दिन में उनसे पूछा है कि बंदरों के आतंक से निपटने के लिए आपके पास क्या योजना है।

मधु मंगल शुक्ल ने 2017 में इसे लेकर हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। तब उन्होंने मुख्य सचिव, डीएम, एसएसपी, नगर विकास विभाग, नगर आयुक्त समेत अन्य अधिकारियों को पार्टी बनाया था। अब हाई कोर्ट ने इसका संज्ञान लिया है। मधु मंगल शुक्ल ने बताया कि अधिकारियों को 15 दिन में ये बताना होगा कि उन्होंने बंदरों के आतंक से लोगों को निजात दिलाने के लिए अब तक क्या-क्या व्यवस्था की है।

ठेका उठाने के बाद भी नहीं लगा अंकुश, नसबंदी होगी

पिछले दिनों नगर निगम ने बंदरों को पकड़ने का ठेका उठाया था। एक बंदर पर 95 रुपये खर्च करने की कार्ययोजना बनी। कुछ दिन बंदर पकड़े गए, लेकिन ठेकेदार को धनराशि का भुगतान नहीं हुआ तो उसने बंदर पकड़ने का काम बंद कर दिया। अब नगर निगम फिर से बंदर पकड़ने का अभियान शुरू कराएगा। नगर निगम ने वेटेरिनरी विवि से बंदरों की नसबंदी को लेकर एमओयू साइन किया है। दिसंबर में एनिमल बर्थ कंट्रोल सेंटर वेटेरिनरी विवि में खुलेगा। यहां बंदर और कुंत्तों की नसबंदी किए जाने की योजना है।

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