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जीजा बन गया साली का हसबैंड, असली दूल्हा रह गया घर, दीदी को मिल गया धोखा?

यूपी के झांसी में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जहां दूल्हे की गैरमौजूदगी में दुल्हन ने जीजा संग सात फेरे ले लिए. लेकिन जब इसकी पोल खुली तो आनन-फानन में दुल्हन ने अपनी मांग में भरा सिंदूर पोंछ डाला. वहीं, इसको लेकर समाज कल्याण अधिकारी ललिता यादव का कहना है कि मामला संज्ञान में आया है, जांच कराई जाएगी.

दरअसल, पूरा मामला झांसी के पॉलिटेक्निक कॉलेज मैदान का है. यहां बीते मंगलवार को सामूहिक विवाह योजना के तहत कई जोड़ों की शादी कराई गई. लेकिन इस दौरान जब एक दूल्हा मौके पर नहीं पहुंचा तो दुल्हन के साथ आए उसके शादीशुदा जीजा से ही उसकी शादी करवा दी गई. शादी के तुरंत बाद दुल्हन ने मांग में भरा सिंदूर पोंछ डाला. बाद में जब दूल्हा-दुल्हन से अलग-अलग बात की गई तो उन्होंने इस बात को स्वीकार किया.

जानिए पूरा मामला  

बता दें कि 27 फरवरी को मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह सम्मेलन था. इस सम्मेलन में दूर-दूर से कई सारे वर-वधु शादी करने पहुंचे थे. तभी एक जोड़े पर नजर पड़ी तो मामला कुछ संदिग्ध नजर आया. इसके बारे में जब पता किया गया तो हकीकत सामने आ गई.

झांसी के बामोर निवासी खुशी की शादी छतरपुर मध्यप्रदेश के बृषभान के साथ तय हुई थी और सामूहिक विवाह समारोह में उसका रजिस्ट्रेशन नंबर 36 था. खुशी ने फेरे लेते ही मांग से सिंदूर व बिंदी पोंछ डाली. वहीं, दूल्हे बृषभान से जब बात की गई तो उसने कुबूल किया कि असल में उसका नाम दिनेश है और वह छतरपुर नहीं बल्कि बामोर का रहने वाला है.

 

दिनेश ने बताया कि बृषभान से शादी होनी थी लेकिन वह नहीं आया तो विभाग के ही कुछ लोगों के कहने पर वह बृषभान की जगह दूल्हा बन गया. दिनेश ने यह भी बताया कि वह पहले से शादीशुदा है और खुशी का रिश्ते में जीजा लगता है.

इस घटना पर सूत्रों का कहना है कि विवाह समारोह में सरकार की ओर से मिलने वाली आर्थिक मदद हड़पने के लिए ये खेल किया गया था. इस खेल में विभागीय अधिकारी व कर्मचारी भी शामिल बताये जा रहे हैं. ऐसा ही एक मामला बलिया से सामने आया था. जिसमें कई अधिकारियों पर एक्शन लिया गया था.

दुल्हन ने क्या कहा? 

वहीं, इस मामले में दुल्हन खुशी कभी अपना नाम छवि बताती है तो कभी कुछ और. उसका कहना था कि होने वाला पति (दूल्हा) मौके पर नहीं आ पाया था. क्योंकि, बारिश हो रही थी और वो काफी दूर था. इस कारण जीजा जी से शादी कर ली. बकौल खुशी- मालूम है कि यह गलत है लेकिन हमारी भी समस्या थी. फॉर्म भर चुका था, सबकुछ ऑनलाइन दर्ज हो चुका था. मैं मंडप भी पहुंच गई थी. इसलिए शादी करनी पड़ी.

उधर, इस फर्जीवाड़े को लेकर विवाह समारोह में मौजूद समाज कल्याण अधिकारी ललिता यादव ने अपना पल्ला झाड़ते हुए कहा कि यह मुमकिन नहीं है. यदि ऐसा हुआ है और शिकायत मिलती है तो जांच कर कार्यवाही की जाएगी.

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