राजनीति

सभी भारतीयों का DNA एक- इंद्रेश कुमार, मुसलमानों को आत्ममंथन करने की जरूरत

नई दिल्ली। मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के संरक्षक इंद्रेश कुमार ने कहा है कि देश के मुसलमानों को आत्ममंथन की जरूरत है। 99 प्रतिशत मुसलमानों के पूर्वज हिंदू हैं। जागरण प्रकाशन समूह के उर्दू अखबार इन्किलाब के संपादक वदूद साजिद के साथ विशेष बातचीत में इंद्रेश कुमार ने कहा कि सभी 142 करोड़ भारतीयों का डीएनए एक ही है। वह मुस्लिम नेतृत्व से शिकायत दर्ज कराते हुए कहते हैं कि अनुचित व्यवहार और आपत्तिजनक नारों की आलोचना की जानी चाहिए। यदि सभी एक होकर रहें तो इस देश से दंगे और छुआछूत समाप्त हो जाए।

‘मुसलमानों में आ रही जागरूकता’

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के आनुषांगिक संगठन मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के प्रमुख के तौर पर इंद्रेश कुमार कहते हैं कि बड़ी संख्या में मुसलमान उनके करीब आ रहे हैं। मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के बैनर तले चल रहे आंदोलन में इमाम, विद्वान, मुफ्ती और बुद्धिजीवी शामिल हो रहे हैं। हमारे प्रयासों को हिंदुओं का भी समर्थन है।

बीती एक अक्टूबर को हमने ‘तिरंगा फार पीओके’ रैली निकाली, जिसमें भारी संख्या में मुसलमानों ने हिस्सा लिया। अनुच्छेद 370 हटाने के हस्ताक्षर अभियान में आठ लाख मुसलमानों ने दस्तखत किए। गोवध के खिलाफ हस्ताक्षर अभियान में भी 10 लाख 35 हजार मुसलमान शामिल हुए। मदरसों में गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस के कार्यक्रम आयोजित करने के अभियान में हमें भारी समर्थन मिला।

देश में सभी एक

सभी के एक होने की बात कहते हुए इंद्रेश कुमार बताते हैं कि देश में रहने वाले सभी वर्गों का निर्माता एक ही है। वह ब्रह्मांड का योजनाकार और स्वामी है। हम पूरी दुनिया में भारतीय कहलाते हैं। मैंने लाखों मुसलमानों और अन्य वर्गों से यह तथ्य हजारों बार बताया है और सभी ने स्वीकार किया है कि हम सब पुरखों, देश, शक्ल-सूरत और रचयिता की ²ष्टि से एक हैं। हमारे सिद्धांत की स्वीकार्यता बढ़ रही है।

क्यों लगते हैं आपत्तिजनक नारे?

मुसलमानों को पाकिस्तान जाने की धमकी देने वालों के बारे में संघ के वरिष्ठ नेता ने कहा कि यह सब इसलिए होता है, क्योंकि पाकिस्तान मैच हारता है, तब पत्थर फेंके जाते हैं, और जीतता है तब भी। नारे लगाए जाते हैं। आज भी कुछ लोग सार्वजनिक जुलूसों में पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाते हैं। क्या भारत के मुसलमानों ने एक आवाज से इसकी निंदा की। यदि आपको हिंदुस्तान जिंदाबाद’ नहीं कहना है, ‘भारत माता की जय’ नहीं कहना है तो फिर जो स्थान पसंद है, वहां चले जाओ।

पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी के देश में दम घुटने वाले बयान का उल्लेख आने पर इंद्रेश कुमार ने कहा कि हमने आपको दो बार उपराष्ट्रपति बनाया, उसके बाद भी आप घुटन की बात करते हैं। इसका मतलब है कि आप बहादुर शाह जफर, अशफाकउल्ला खान और मौलाना आजाद के बलिदान को भी स्वीकार नहीं करते। वह कहते हैं कि यदि पवित्र कुरान की बातें मानी जातीं तो 1947 में विभाजन नहीं होता, लेकिन उन्होंने कुरान के आदेश की अवहेलना की।

दूसरों से उम्मीद करते हैं मुसलमान

मॉब लिंचिंग पर इंद्रेश कुमार ने कहा कि आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत कह चुके हैं कि मॉब लिंचिंग ‘पाप’ है। इस विषय पर हमारी स्थिति बिल्कुल स्पष्ट है। यदि गाय की तस्करी और व्यापार समाप्त हो जाए तो देश अपने आप लिंचिंग मुक्त’ हो जाएगा। मुसलमान दूसरों से हर चीज की उम्मीद करते हैं, लेकिन खुद कुछ करना नहीं चाहते। ‘सर तन से जुदा’ नारा किसने लगाया? कौन सी बड़ी हस्तियां इसके विरोध में आगे आईं? कुछ लोग जहरीले शब्दों का भी इस्तेमाल करते हैं तो लोग उन्हीं की बात सुनते हैं। मुस्लिम नेतृत्व को कट्टर प्रतिक्रियाओं और ऐसे लोगों पर लगाम लगानी चाहिए।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button