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ऊपर टापू, नीचे सुरंग… चीन का वो सीक्रेट मिलिट्री बेस, जहां से उड़ते हैं जासूसी गुब्बारे, भारत भी है शिकार

बीजिंग: चीनी जासूसी गुब्बारों ने दुनियाभर में तहलका मचाया हुआ है। इन जासूसी गुब्बारों से चीन ने अपने हर दु्श्मन देश की जासूसी की है, चाहें वह अमेरिका हो या भारत। जापान ने भी दावा किया है कि चीनी जासूसी गु्ब्बारों को उनके देश के आसमान में देखा जा चुका है। चीन शुरू से ही इन गुब्बारों को मौसम की जानकारी जुटाने वाले गुब्बारे होने का दावा किया है, लेकिन अमेरिका में शूट डाउन के बाद बीजिंग के खतरनाक इरादों के बारे में दुनिया को पता चला। अमेरिका ने ही पहली बार बताया कि यह चीन का कोई मौसम की जानकारी वाला गुब्बारा नहीं था, बल्कि इसका इस्तेमाल जासूसी के लिए इस्तेमाल किया जा रहा था। अमेरिका ने ही बताया कि इस गुब्बारे को चीन के हैनान द्वीप में स्थित एक मिलिट्री बेस से चीनी सेना ऑपरेट कर रही थी। इसमें दिशा बदलने वाले प्रोपेलर और आम गुब्बारों की अपेक्षा कहीं शक्तिशाली सोलर प्लेट लगे हुए थे। ऐसे में जानिए चीन के उस मिलिट्री बेस के बारे में, जहां से इन जासूसी गुब्बारों को ऑपरेट किया जाता है।

अमेरिका के हवाई द्वीप के जैसा है चीन का हैनान

हैनान द्वीप को चीन के हवाई के रूप में भी जाना जाता है। यहां अमेरिका के हवाई की तरह चीन का प्रमुख सैन्य अड्डा स्थित है। यह द्वीप दक्षिण चीन सागर में काफी रणनीतिक जगह पर स्थित है। इस द्वीप के रेतीले समुद्र तट, पांच सितारा रिसॉर्ट्स और शुल्क मुक्त लक्जरी खरीदारी बड़ी संख्या में पर्यटकों को आकर्षित करती है। यहां चीन का सबसे बड़ा मुक्त-व्यापार बंदरगाह भी है। इसी द्वीप पर चीन बोआओ फोरम जैसे अंतरराष्ट्रीय बैठक की मेजबानी करता है, इसमें एशियाई देशों के राष्ट्राध्यक्ष शामिल होते हैं। बोआओ फोरम को ही एशिया का दावोस कहा जाता है।

 
 

चीन के निगरानी कार्यक्रम का हिस्सा हैं ये जासूसी गुब्बारे

जैसे ही अमेरिकी अधिकारियों ने चीनी गुब्बारे के बारे में जानकारी साझा की, वैसे ही हैनान द्वीप के बारे में लोगों की दिलचस्पी बढ़ गई। हालांकि, चीन ने अमेरिकी दावों को खारिज किया है कि गुब्बारा एक निगरानी उपकरण था। बीजिंग ने कहा है कि यह एक नागरिक अनुसंधान एयरशिप था जिसे अमेरिकी लड़ाकू विमान ने जो बाइडेन के आदेश पर उड़ा दिया था। सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी खुफिया अधिकारियों का मानना है कि चीनी गुब्बारा चीनी सेना द्वारा हैनान के बाहर चलाए जा रहे एक व्यापक निगरानी कार्यक्रम का हिस्सा है।

लॉन्चिंग से गुब्बारे पर थी अमेरिका की नजर

अमेरिकी अधिकारियों ने न्यूयॉर्क टाइम्स को बताया कि वे जनवरी के अंत में हैनान से उड़ान भरने के बाद से गुब्बारे पर नजर रख रहे थे। CNN ने पहले बताया था कि अलास्का के हवाई क्षेत्र में प्रवेश करने से बहुत पहले ही अमेरिका ने गुब्बारे पर नजर रखना शुरू कर दिया था। हालांकि, अमेरिकी अधिकारियों ने हैनान पर कथित बैलून लॉन्च साइट का विस्तृत स्थान के बारे में जानकारी नहीं दी है। ऐसे में यह ज्ञात नहीं है कि बैलून को सैन्य प्रतिष्ठान से लॉन्च किया गया था या नहीं। लेकिन, दक्षिण चीन सागर के उत्तरी किनारे पर स्थित इस द्वीप का चीनी सेना की नजर में बड़ा सामरिक महत्व है।

हैनान में चीनी नौसेना का बड़ा अड्डा

हैनान का दक्षिणी किनारा पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) नौसेना का एक प्रमुख बेस है। इसे यूलिन नेवल बेस के नाम से जाना जाता है। यह चीनी नौसेना के दक्षिण सागर बेड़े का हिस्सा है। यूलिन नेवल बेस न केवल पीएलए नौसेना को दक्षिण चीन सागर में विवादित जल तक पहुंचने की अनुमति देता है, बल्कि एशिया-प्रशांत क्षेत्र को भारत और मध्य पूर्व के साथ जोड़ने वाली महत्वपूर्ण समुद्री लेन पर भी नजर रखता है। हैनान द्वीप पर स्थित यूलिन नेवल बेस के कंपाउंड में चीन ने अपने दूसरे विमानवाहक पोत शेडोंग को 2019 में कमीशन किया था। यह चीन का पहला विमानवाहक पोत है, जिसे घरेलू स्तर पर बनाया गया है।

हैनान में चीन ने बना रहा रखा है अंडरवॉटर बेस

यूलिन नेवल बेस चीन की अंडरवॉटर फ्लीट का भी घर है। यहां परमाणु ऊर्जा से चलने वाली बैलिस्टिक मिसाइल और हमलावर पनडुब्बियों को तैनात किया गया है। यूलिन नेवल बेस ने 2020 में तब सुर्खियां बटोरी थीं, जब सैटेलाइट्स ने पीएलए नौसेना की पनडुब्बियों को द्वीप पर बने अंडरग्राउंड डॉकिंग फैसिलिटी की ओर जाने वाली सुरंग में प्रवेश करते हुए पकड़ा था। हैनान के पास पीएलए फिक्स्ड-विंग एयरक्राफ्ट और हेलीकॉप्टर के अड्डे भी हैं।

हैनान से दुनिया की निगरानी कर रहा चीन

इसके अलावा पश्चिमी विशेषज्ञों का कहना है कि चीन ने हैनान में मैरिटाइम मिलिशिया की यूनिट्स को भी तैनात कर रखा है। ये मिलिशिया कथित तौर पर मछलियां पकड़ने वाली नावों से मिलकर बनी हुई है, जो हैनान से बाहर काम करती हैं। 2021 के अंत में, सेंटर फॉर स्ट्रैटेजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज की रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन हैनान पर नए इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर, कम्युनिकेशन और खुफिया जानकारी एकत्र करने की फैसिलिटी का निर्माण कर रहा है। हाल ही में सितंबर 2022 तक, उपग्रह की तस्वीरों ने दिखाया कि चीन हैनान पर अपने पनडुब्बी बेस का विस्तार कर रहा था। यूलिन नेवल बेस में चार मौजूदा पियरों में दो नए पियर जोड़ रहा था।

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