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इजरायल में नेतन्याहू को बचाने वाला कानून किया गया पारित, सड़कों पर उतरे लोग, क्यों हो रहा है विरोध?

तेल अवीव: इजराइल की संसद ने बृहस्पतिवार को न्यायपालिका में आमूल-चूल परिवर्तन के लिए प्रस्तावित कई विवादित कानूनों में से पहले कानून को पारित कर दिया। संसद से उक्त कानून ऐसे समय में पारित हुआ है जब सड़कों पर इसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि देश इनसे अधिनायकवाद की ओर बढ़ेगा। प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की गठबंधन सरकार ने विधेयक को मंजूरी दी जो भ्रष्टाचार और हितों से टकराव के मामले में सुनवाई का सामना कर रहे इजराइली नेता को शासन करने से अयोग्य करार दिए जाने से बचाएगा।

    आलोचकों का कहना है कि यह कानून नेतन्याहू के लिए बनाया गया है और इससे भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलेगा और न्यायपालिका में बदलाव को लेकर जनता के बीच खाई और चौड़ी होगी। कानूनी बदलावों को लेकर देश दो धड़ों में बंट गया है। एक वर्ग का मानना है कि नयी नीतियां इजराइल को उसके लोकतांत्रिक मूल्यों से दूर कर रही हैं जबकि दूसरे धड़े का मानना है कि उदार न्यायपालिका सीमा से परे जाकर देश चला रही है। न्यायपालिका में बदलाव संबंधी सरकार की योजना से देश 75 साल में पहली बार सबसे बुरे लोकतांत्रिक संकट से घिर गया है।

    नेतन्याहू को बचाने वाला कानून!

    कानूनों में बदलाव का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों में शामिल पूर्व विदेश मंत्री जिपी लिवनी ने कहा, ‘या तो इजराइल यहूदी , लोकतांत्रिक, प्रगतिशील देश रहेगा या धार्मिक, अधिनायकवादी, असफल, अलग-थलग और सबसे कटा हुआ देश होगा और वे हमें उसी ओर ले जा रहे हैं।’ इस बीच, बृहस्पतिवार को 120 सदस्यीय नेसेट (संसद) ने नेतन्याहू को अयोग्य करार देने से बचाने के लिए लाए गए कानून को 47 के मुकाबले 67 मतों से पारित कर दिया। कानून में प्रावधान किया गया है कि प्रधानमंत्री को केवल स्वास्थ्य या मानसिक स्थिति के आधार पर ही पद के लिए अयोग्य करार दिया जा सकता है और यह फैसला भी उनकी सरकार (मंत्रिमंडल) लेगी। यह कानून ऐसे समय लाया गया है जब नेतन्याहू के विरोधी देश के अटॉर्नी जनरल से उन्हें सत्ता में कायम रहने के लिए अयोग्य करार देने की मांग कर रहे हैं।

    लोगों ने किया प्रदर्शन

    अटॉर्नी जनरल ने पहले ही नेतन्याहू को कानूनी सुधार की प्रक्रिया में शामिल होने से यह कहते हुए रोक दिया है कि उनके खिलाफ जारी भ्रष्टाचार के मामलों की सुनवाई से हितों का टकराव हो सकता है। देश में गुणवत्तापूर्ण सरकार के लिए आंदोलन कर रहे गुड गवर्नेंस ऑर्गेनाइजेशन ने कहा कि वह कानून को अदालत में चुनौती देंगे जिससे यह न्यायाधीशों और सरकार के बीच कानूनी बदलाव को लेकर पहला शक्ति प्रदर्शन हो सकता है। इस बीच, बृहस्पतिवार को प्रदर्शनकारियों से चौथा मध्य सप्ताह प्रदर्शन किया। उन्होंने सड़कों को बाधित कर दिया और बंदरगाह पर पहिये जलाकर विरोध जताया। कुछ प्रदर्शनकारियों ने पुराने यरुशलम में विशाल इजराइली झंडे और देश के स्वतंत्रता घोषणा पत्र के साथ प्रदर्शन किया। पुलिस ने बताया कि प्रदर्शनों के आरोप में देशभर में कई लोगों की गिरफ्तारी की गई है जिनमें से कम से कम तीन विरोध प्रदर्शनों के आयोजक हैं।

    विपक्षी नेताओं पर बरसे नेतन्याहू

    प्रदर्शनकारियों ने तेल अवीव के मुख्य राजमार्ग को बाधित कर दिया और पुलिस को शहर और हाइफा में प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पानी की बौछारें छोड़नी पड़ी। नेतन्याहू ने कृषि मंत्री अवी डिचर पर हुए हमले के बाद विपक्षी नेताओं से ‘अराजकता तुरंत बंद करने’ को कहा है। सोशल मीडिया में प्रसारित वीडियो में दिख रहा है कि प्रदर्शनकारी डिचर की ओर ध्वज स्तंभ करते हैं जो एक बार उनके सिर पर लगता है, लेकिन प्रतीत हो रहा है कि इससे डिचर को चोट नहीं आई और वह आगे निकल गए।

    डिचर के प्रवक्ता ने बताया कि ध्वज स्तंभ उनके सिर पर लगा और प्रदर्शनकारियों ने उनके कार को भी क्षतिग्रस्त कर दिया। बृहस्पतिवार के प्रदर्शनकों के अलावा हजारों लोग गत दो महीने से अधिक समय से प्रत्येक शनिवार रात को साप्ताहिक प्रदर्शन कर रहे हैं। नेतन्याहू सरकार ने इस महीने के शुरुआत में समझौता प्रस्ताव को खारिज कर दिया था। उसने कहा कि वह इस प्रक्रिया को धीमा कर सकती है और अधिकतर कानून अप्रैल की संसदीय छुट्टी के बाद पारित कराने का प्रयास करेगी।

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