देश

चमत्कार! चारों तरफ बर्फ ही बर्फ, गला देने वाली ठंड में खुले बदन तपस्या कैसे कर रहे साधु

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में जब पिछले दिनों पारा 0 डिग्री के करीब आया तो लोग ‘कश्मीर जैसी ठंड’ की बातें करने लगे। राजस्थान में तो पारा कई बार माइनस से नीचे गया। ऐसे में अगर हम आपसे कहें कि बर्फ के बीच बैठकर कोई तपस्या कर रहा है तो शायद आपको यकीन न हो। यह देखने के लिए आपको देवभूमि उत्तराखंड चलना होगा। बाबा केदारनाथ धाम में एक साधु बर्फ की मोटी चादर पर साधना करते दिख जाएंगे। इस सीजन में भी बर्फबारी शुरू हो गई है। कुछ ही दिनों में नंदी की मूर्ति पूरी तरह से बर्फ से ढक जाएगी लेकिन ललित महाराज बिल्कुल सामान्य तरीके से साधना करते रहते हैं। आपको लगेगा कि शायद जैकेट पहनकर या शॉल ओढ़कर बर्फ में साधना की जा सकती है। जी नहीं, ललित महाराज के शरीर पर पूरे कपड़े नहीं होते हैं। तस्वीरें देख लीजिए। कई तस्वीरें तो ऐसी देखने को मिलती हैं जब बर्फबारी हो रही होती है और बाबा खुले आसमान के नीचे ‘ऊं नम: शिवाय’ का जाप करते रहते हैं। हालांकि ललित रामदास महाराज अकेले नहीं हैं। कई ऐसे साधु-संत हैं जो इस बर्फीली वादियों में धुनी रमाए दिख जाएंगे।

बर्फ की मोटी चादर में साधना

दरअसल, बाबा केदार के कपाट बंद होने के बाद दर्शनार्थी नहीं आते। ऐसे समय में गिने चुने साधु-संत ही रहते हैं, जो सुबह-शाम बाबा केदार की पूजा करते हैं। बर्फबारी में कई बार 6 से 7 फीट मोटी बर्फ जम जाती है। जिधर देखो उधर सफेदी ही दिखाई देती है। लेकिन बर्फबारी और कंपकंपाती ठंड में भी महादेव के भक्त यह ‘अजूबे’ साधु तपस्या में लीन दिखाई देते हैं। यह कोई इस साल या पिछले साल की बात नहीं है, ललित महाराज का पिछले कई वर्षों से यही रूटीन बन चुका है। मौसम की सख्ती का उनके शरीर पर कोई असर नहीं दिखता। खून जमा देने वाली ठंड भी जैसे उनकी साधना के आगे ‘नतमस्तक’ हो जाती है।

इसे ललित महाराज का हठ कहें या भक्ति की पराकाष्ठा, चाहे कितनी भी बर्फ पड़े वह धाम से नीचे नहीं आते हैं। जब लोगों की भीड़ जुटती है तो वह भोलेनाथ के भक्तों के लिए रहने और खाने की व्यवस्था भी करते हैं। बर्फबारी के समय बर्फ को पिघलाकर पानी का इस्तेमाल किया जाता है। देखने वाले भी हैरान रह जाते हैं कि आधे कपड़े पहनकर कोई इस सर्दी में कैसे साधना करने बैठा है।
आस्था या चमत्कार
केदारनाथ धाम की ऊंचाई 11 हजार फीट है। यहां माइनस में तापमान हो जाता है। ललित महाराज बेजुबान कुत्तों के खाने-पीने का भी इंतजाम करते हैं। ललित महाराज 2013 में आई आपदा के बाद से इसी तरह कपाट बंद होने के बाद भी केदारनाथ धाम में रहते आ रहे हैं। कुछ तस्वीरें देखकर तो आप हैरान रह जाएंगे। एक तस्वीर में केदारनाथ धाम बर्फ से ढका दिखाई देता है और ठीक सामने उनका आधा शरीर बर्फ में होता है। इसे ‘आस्था का चमत्कार’ कह सकते हैं। ललित महाराज को उत्तराखंड के लोग ‘बाबा बर्फानी’ भी कहते हैं। मंदिर से करीब एक किमी दूर ललित महाराज का अपना आश्रम है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button