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दुनिया भर को रुला रहीं प्याज़ की कीमतें, वैश्विक संकट की आहट

ई दिल्लीः प्‍याज की बढ़ीं कीमतें दुनियाभर के लोगों को रुला रही हैं। कीमतें आसमान छू रही हैं, ऐसे में लोगों को इसे अपनी थाली से हटाना पड़ा है। कई देशों ने प्‍याज के निर्यात पर रोक लगा दी है। लैलाइन बासा मनीला के उत्तर में अपने खानपान व्यवसाय में स्प्रिंग रोल बनाने के लिए एक किलो प्याज खरीदती थीं, लेकिन फिलिपींस में बढ़ती कीमतों के कारण अब उन्‍होंने प्‍याज की आधी मात्रा का इस्तेमाल करने के लिए अपनी रेसिपी का नुस्खा बदल दिया है। मोरक्कन की राजधानी रबात में, फातिमा अब प्याज और टमाटर नहीं खरीदती हैं, क्योंकि वे बहुत महंगे हैं।

 

मुद्दा क्यों है अहम

ब्‍लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, 12,000 किलोमीटर से ज्यादा की दूरी पर दो महिलाओं के अनुभव से पता चलता है कि कैसे खाद्य आपूर्ति पर वैश्विक संकट खतरनाक मोड़ ले रहा है। दुनिया के पोषण के लिए महत्वपूर्ण सामग्री का उपभोग करने पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। हाल के महीनों में गेहूं और अनाज की कीमतों में गिरावट आई है, जिससे कुछ हद तक चिंता कम हुई है, लेकिन सब्जी बाजार में चीजों के बढ़ते दामों से लोग परेशान हैं, जो एक स्वस्थ, स्थायी आहार की रीढ़ है और उसके स्‍वाद को बढ़ाने में प्याज का अहम रोल है।

UN और वर्ल्ड बैंक दी थी चेतावनी

कीमतें बढ़ रही हैं, इंफलेशन को बढ़ावा दे रही हैं और देशों को आपूर्ति सुरक्षित करने के लिए कई कदम उठाने के लिए प्रेरित कर रही हैं। मोरक्को और तुर्की ने कजाकिस्तान की तरह कुछ इम्पोर्ट रोक दिए हैं। फिलीपींस ने उत्‍पादक संघ की जांच के आदेश दिए हैं। संयुक्त राष्ट्र और विश्व बैंक ने इस महीने चेतावनी दी थी कि गाजर, टमाटर, आलू और सेब के साथ प्‍याज पर प्रतिबंध भी रिकॉर्ड स्‍तर पर पहुंच गए हैं, जिससे दुनिया भर में इसकी उपलब्धता में बाधा आ रही है। यूरोप में, दक्षिणी स्पेन और उत्तरी अफ्रीका में कमजोर फसल के बाद खाली अलमारियों ने ब्रिटेन के सुपरमार्केट को कुछ फलों और सब्जियों की राशन खरीद के लिए मजबूर कर दिया है।

प्याज हर व्यंजन का है अहम हिस्सा

रोम में संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन के एक वरिष्ठ अर्थशास्त्री सिंडी होलेमैन ने कहा कि सिर्फ उचित कैलोरी ही काफी नहीं है। आहार की क्वॉलिटी खाद्य सुरक्षा और पोषण के बीच एक अहम कड़ी है। आहार की खराब गुणवत्ता से कई प्रकार के कुपोषण हो सकते हैं। टमाटर (तकनीकी रूप से एक फल) के बाद प्याज दुनिया भर के व्यंजनों का प्रमुख हिस्सा है। यह सबसे ज्यादा खपत वाली सब्जी है। सालाना लगभग 106 मिलियन मीट्रिक टन का उत्पादन होता है, जो मोटे तौर पर गाजर, शलजम, मिर्च और लहसुन के बराबर।

ये हैं सब्जियों की कीमत बढ़ने के कारण

कीमतों में उछाल पाकिस्तान में विनाशकारी बाढ़, सेंट्रल एशिया में पाले से नुकसान और यूक्रेन में रूस के युद्ध का प्रभाव है। इस बीच, उत्तरी अफ्रीका में किसानों ने गंभीर सूखे और बीजों और उर्वरकों की कीमतों में बढ़ोतरी का सामना किया है। खराब मौसम ने मोरक्को के उत्पादकों को विशेष रूप से प्रभावित किया है। मध्य रबात के एक बाजार में फातिमा ने कहा कि इस महीने सरकार द्वारा पश्चिम अफ्रीका में प्याज और टमाटर के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने के बावजूद सब्जियों की कीमतें बहुत अधिक बनी हुई हैं। 51 वर्षीय रिटायर्ड सरकारी कर्मचारी ने कहा कि उसकी कमाई अब महीने के अंत तक नहीं चलती। रमजान के दौरान उस आर्थिक संकट को और भी कठिन महसूस किया जाएगा, जब मुसलमान पारंपरिक रूप से ईद की छुट्टी मनाने से पहले एक बड़े भोजन के साथ अपना दैनिक उपवास तोड़ते हैं। उन्‍होंने कहा कि हम अधिक दाल, सफेद बीन्स और फवा बीन्स खा रहे हैं और जल्द ही हम चावल के लिए समझौता करेंगे।

एक टमाटर, एक प्याज, एक आलू खरीद रहे लोग

सब्जी विक्रेता ब्राहिम 30 से अधिक वर्षों से महासागर बाजार में काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कारोबार मंदा है। मुझे लगाता था कि सिर्फ अकेले रहने वाले ही एक-दो पीस के रूप में सब्जियां खरीदते हैं। लेकिन अब हर दूसरा शख्‍स एक टमाटर, एक प्याज, एक आलू की आवाज लगाता है। ये बेहद मुश्किल समय है। फिलीपींस में, प्याज की कमी ने पिछले कुछ महीनों में नमक से लेकर चीनी तक हर चीज की कमी कर दी है। कीमतें बेतुके रूप से ऊंची हो गईं कि इनकी तुलना में मांस सस्‍ता हो गया है। उनकी कीमत कुछ समय के लिए मांस से ज्यादा हो गई। कुछ लोगों को फ्लाइट अटेंडेंट ने मध्य पूर्व से तस्करी करते हुए पकड़ा गया। राष्ट्रपति फर्डिनेंड मार्कोस जूनियर की सरकार ने 14 वर्षों में सबसे ऊंचे इंफलेशन पर काबू पाने के लिए आयात को बढ़ावा दिया है।

बढ़ा सकता है अशांति

कजाकिस्तान में कीमतों में वृद्धि ने अधिकारियों को रणनीतिक भंडार का दोहन करने के लिए प्रेरित किया है, जबकि इसके व्यापार मंत्री ने स्थानीय सुपरमार्केट में आपूर्ति सुरक्षित करने के लिए भगदड़ के बीच लोगों से बोरी से प्याज नहीं खरीदने का आग्रह किया है। रोटी की तरह प्याज ने भी नागरिक अशांति को भड़काने की क्षमता दिखाई है। भारत जिसने वर्षों से प्‍याज के निर्यात पर प्रतिबंध रखा है, 1998 में दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के हारने के लिए प्‍याज की बड़ी कीमतों की अहम भूमिका रही थी। इसके दो दशक बाद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फिर से चुनाव जीतने के अपने अभियान में, कहा कि किसान उनकी टॉप प्राथमिकता हैं।

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