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कोई कमिश्नर तो कोई कलेक्टर पर रास न आई सरकारी नौकरी, इन IAS अफसरों ने जॉब छोड़कर खड़ी कर दी करोड़ों की कंपनी

नई दिल्ली: सरकारी नौकरी किसे पसंद नहीं होती। टाइम से ऑफिस आना-जाना, अच्छी सैलरी, रिटायरमेंट के लिए पेंशन और सबसे बड़ी बात नौकरी न जाने का खतरा। यहीं वजह है कि लोग सरकारी नौकरी के लिए तरसते हैं, लेकिन कुछ लोग ऐसे भी हैं, जो अपने जुनून को पूरा करने के लिए किसी भी हद से गुजरने को तैयार होते हैं। जुनून ऐसा कि लोग IAS की नौकरी को छोड़ने से भी परहेज नहीं करते। हम आपके ऐसे ही पांच आईएएस अधिकारियों से मिलवा रहे हैं, जिन्होंने अपनी सरकारी नौकरी छोड़कर अपना कारोबार शुरू करने का फैसला किया।

​रोमन सैनी​

रोमन सैनी पहले डॉक्टर बने। AIIMS मेडिकल की कठिन परीक्षा पास की। MBBS की डिग्री हासिल की। 6 महीने प्रैक्टिस करने के बाद यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी। पहली ही प्रयास में उन्होंने UPSC की परीक्षा पास की और IAS अधिकारी बन गए। साल 2014 में उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा पास की और डिप्टी कलेक्टर बन गए। रोमन को ये सरकारी नौकरी रास नहीं आई और दो साल बाद ही उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। सरकारी नौकरी छोड़कर उन्होंने एडुटेक कंपनी अनएकेडमी (Unacademy) की शुरुआत की।

​प्रवेश शर्मा​

1982 बैच में मध्य प्रदेश कैडर के आईएएस अधिकारी प्रवेश वर्मा ने 34 साल तक सरकारी नौकरी करने करने के बाद नौकरी छोड़ने का फैसला किया। उन्होंने साल 2016 में रिटायरमेंट ले ली। आप हैरान होंगे कि IAS की नौकरी छोड़ने के बाद उन्होंने ऑनलाइन फ्रेश फल और सब्जियां बेचने का अपना कारोबार ‘सब्जीवाला’ की शुरुआत की। 34 साल सरकारी नौकरी करने के बाद उन्होंने स्टार्टअप शुरू किया। ‘सब्जीवाला’ एक ऐसा प्लेटफार्म है , जहां किसान से सीधा फल और सब्जी सीधे कस्टमर तक पहुंचाया जाता है। लोग उन्हें सुनाते थे कि सरकारी नौकरी छोड़कर सब्जी बेच रहे हैं, लेकिन आज वो करोड़ों मे कमाई कर रहे हैं।

​राजन सिंह​

पहले IIT और फिर UPSC की परीक्षा पास करने के बाद राजन सिंह तिरुवनंतपुरम के पुलिस कमिश्नर बने। 8 सालों तक उन्होंने इस पद पर काम किया। बाद में उन्होंने अपना काम शुरू करने का फैसला किया। शुरुआत से ही उनका झुकाव पढ़ाई-लिखाई में था, इसलिए साल 2016 में उन्होंने ऑनलाइन कोचिंग क्लास ConceptOwl की शुरुआत की। राजन ने एक इंटरव्यू में कहा कि मैं कई बिजनेसमैन से मिला, सबमें एक ही चीज कॉमन थी कि वह लोग जोखिम लेना जानते थे। बस यही वजह थी, जो मुझे नौकरी छोड़कर अपना कारोबार करने की हिम्मत देता है।

​डॉ सैयद सबाहत अजीम​

साल 2000 बैच के आईएएस अधिकारी डॉ सैयद ने नौकरी छोड़कर हेल्थकेयर सेक्टर में अपना स्टार्टअप शुरू किया। दरअसल सैयद के पिता की मृत्यु वक्त पर सही इलाज नहीं मिल पाने की वजह से हुई। इसी वजह से उन्होंने सरकारी नौकरी छोड़कर अपने तरीके से हेल्थ केयर सेक्टर में सुधार लाने के लिए अपना स्टार्टअप की शुरुआत की। Glocal Healthcare Systems के जरिए आज वो लाखों कमा रहे हैं।

​संजय गुप्ता​

संजय गुप्ता 1985 बैच के IAS अधिकारी है। उन्होंने 22 साल की उम्र में यूपीएससी, सिविल सेवा परीक्षा पास की थी। साल 2002 में उन्होंने स्वैच्छिक रूप से रिटायरमेंट ले लिया। पहले उन्होंने अडानी समूह में सीईओ के तौर पर काम किया और फिर अपना काम शुरू किया। उन्होंने अपनी खुद की लग्जरी होटल चेन कॉम्बो लॉन्च किया। संजय गुप्ता की इस वक्त दर्जनों कंपनियां बाजार में अपनी उपस्थिति दर्ज करा रही हैं। 2011 में उन्हें गुजरात के पहले मेट्रो रेल के निर्माण के लिए चुना गया था।

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