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हर बॉल पर करोड़ों का खेल, IPL मैचों के दौरान स्टेडियम में गंदा खेल, ये तो सटोरियों के भी बाप निकले

नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस का दावा है कि 4 अप्रैल को अरुण जेटली स्टेडियम में आईपीएल मैच के दौरान ऑनलाइन सट्टा खिलाने वाले 25 बुकी छोटे सटोरियों को करोड़ों का चूना लगा रहे थे। बुकी नेटवर्क स्टेडियम में लाइव मैच और टीवी प्रसारण के बीच एक बॉल की देरी होने का फायदा उठा रहा था। पुलिस अफसरों ने बताया कि दिल्ली कैपिटल और गुजरात टाइटंस के बीच 4 अप्रैल के मैच के दौरान अरुण जेटली स्टेडियम में बुकी के ऑनलाइन सट्टा ऑपरेट करने की खबर मिली थी। इसलिए आईपी एस्टेट के एसएचओ संजीव कुमार की निगरानी में एंटी ऑटो थेफ्ट स्क्वॉड (AATS) अखिल चौधरी की लीडरशिप में एसआई नवीन, कैलाश, एचसी राहुल, राकेश और सिपाही आशीष की एक टीम बनाई गई।

गेट नंबर 10 से 14 से एंट्री वाले स्टैंड के सेकंड और थर्ड फ्लोर पर 25 बुकियों को पकड़ा गया। ये सभी बुकी कान में ब्लूटूथ लगा कर दांव लगवा रहे थे, जबकि दूसरी तरफ मैच के दौरान बॉल-टू-बॉल गतिविधि की जानकारी हाथ में लिए फोन का बटन दबाकर दे रहे थे। मैदान और प्रसारण में एक बॉल का अंतर होने का फायदा उठाने के लिए ये स्टेडियम में आए थे। मैदान पर जो होता, उसके उलट के 10 रुपये लगाने पर 100 रुपये देने की बात कहते। सटोरिये लालच में आकर दांव लगा देते। जो मैदान पर हो चुका होता, उस पर 10 रुपये लगाने पर 20 का भाव देते। इस पर सटोरिये कम पैसा लगाते।

नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस का दावा है कि 4 अप्रैल को अरुण जेटली स्टेडियम में आईपीएल मैच के दौरान ऑनलाइन सट्टा खिलाने वाले 25 बुकी छोटे सटोरियों को करोड़ों का चूना लगा रहे थे। बुकी नेटवर्क स्टेडियम में लाइव मैच और टीवी प्रसारण के बीच एक बॉल की देरी होने का फायदा उठा रहा था। पुलिस अफसरों ने बताया कि दिल्ली कैपिटल और गुजरात टाइटंस के बीच 4 अप्रैल के मैच के दौरान अरुण जेटली स्टेडियम में बुकी के ऑनलाइन सट्टा ऑपरेट करने की खबर मिली थी। इसलिए आईपी एस्टेट के एसएचओ संजीव कुमार की निगरानी में एंटी ऑटो थेफ्ट स्क्वॉड (AATS) अखिल चौधरी की लीडरशिप में एसआई नवीन, कैलाश, एचसी राहुल, राकेश और सिपाही आशीष की एक टीम बनाई गई।

गेट नंबर 10 से 14 से एंट्री वाले स्टैंड के सेकंड और थर्ड फ्लोर पर 25 बुकियों को पकड़ा गया। ये सभी बुकी कान में ब्लूटूथ लगा कर दांव लगवा रहे थे, जबकि दूसरी तरफ मैच के दौरान बॉल-टू-बॉल गतिविधि की जानकारी हाथ में लिए फोन का बटन दबाकर दे रहे थे। मैदान और प्रसारण में एक बॉल का अंतर होने का फायदा उठाने के लिए ये स्टेडियम में आए थे। मैदान पर जो होता, उसके उलट के 10 रुपये लगाने पर 100 रुपये देने की बात कहते। सटोरिये लालच में आकर दांव लगा देते। जो मैदान पर हो चुका होता, उस पर 10 रुपये लगाने पर 20 का भाव देते। इस पर सटोरिये कम पैसा लगाते।

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