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सुखोई, राफेल, F-16… एक साथ गरजेंगे भारत-ग्रीस के फाइटर जेट, पाकिस्‍तानी दोस्‍त तुर्की तक मचेगी दहशत

एथेंस: अगले 10 दिनों तक ग्रीस और भूमध्य सागर के भारतीय वायुसेना (IAF) के ताकतवर फाइटर जेट्स सुखोई-30 के साथ ग्रीक एयरफोर्स के F-16 और राफेल गरजते हुए नजर आएंगे। आईएएफ यहां पर एक ज्‍वॉइन्‍ट एक्‍सरसाइज को पूरा करेगी। इस एक्‍सरसाइज को इनिओचोस 23 नाम दिया गया है। वहीं यह साझा युद्धाभ्‍यास तुर्की के लिए सिरदर्द साबित हो सकता है। बुल्गेरिया की मिलिट्री की तरफ से बताया गया है कि यह अभ्यास ग्रीक वायु सेना और रक्षा मंत्रालय के ग्रीक एयर टैक्टिक्स सेंटर के नेतृत्व में पूरा किया जाएगा। ज्‍वॉइन्‍ट एक्‍सरसाइज 18 अप्रैल से शुरू होकर 28 अप्रैल को खत्‍म होगी।

ग्रीस के राफेल और एफ-16
भारत और ग्रीस के बीच पिछले कई सालों से बेहतर रक्षा संबंध हैं। दोनों देश रक्षा सहयोग को और आगे बढ़ाने के मकसद से इस अभ्‍यास को आय‍ोजित करा रहे हैं। भारतीय वायुसेना अभ्यास में हिस्सा लेने के लिए पांच सुखोई-30एमकेआई फाइटर जेट्स को रवाना करने का मन बनाया है। कहा जा रहा है कि से जेट्स ग्रीस और भूमध्यसागर पर कई जटिल अभियानों को अंजाम देंगे।

इस एक्‍सरसाइज का अहम मकसद ज्‍वॉइन्‍ट ऑपरेशन को और बेहतर बनाना है। जहां भारत की तरफ से सुखोई इस अभ्‍यास में करतब दिखाएगा तो वहीं ग्रीस ने F-16 और राफेल फाइटर जेट्स को रेडी किया है। इन जेट्स के ग्रीक वायुसेना की रीढ़ की हड्डी कहा जाता है। ये जेट्स अपने भारतीय समकक्षों के साथ जमीन और समंदर पर कठिन चुनौतियों को पूरा करते हुए नजर आएंगे।
पाकिस्‍तान और तुर्की को जवाब
इनिओचोस 23 हर साल आयोजित होने वाली एक वॉर एक्‍सरसाइज है। इसमें जेट्स कठिन ऑपरेशन और भीड़भाड़ वाले वातावरण में मिशन को पूरा करते हुए नजर आते हैं। भारतीय और ग्रीक पायलट जमीन पर मौजूद दुश्‍मन के एयर डिफेंस सिस्‍टम को तबाह करने की रणनीति बनाते हुए नजर आएंगे। आईएएफ की इस एक्‍सरसाइज से कहीं न कहीं तुर्की को जरूर परेशानी होगी। लेकिन विशेषज्ञों की मानें तो तुर्की को हैरान होने की जरूरत नहीं है। साल 2020 से ही तुर्की और पाकिस्तान की सैन्‍य रणनीति का जवाब देने के लिए ही भारत और ग्रीस ने इस तरह की एक्‍सरसाइज के अलावा सैन्य उत्पादन और ज्‍वॉइन्‍ट मिलिट्री ट्रेनिंग की डील पर साइन किए थे।
तुर्की का बड़ा कदम
ग्रीस और भारत तब साथ आए जब तीन साल पहले तुर्की ने अपनी सीमा के करीब कई मोर्चों को खोल दिया। लीबिया, सीरिया और नागोर्नो-काराबाख जैसी सीमाओं के पूरी तरह से खोलने के फैसले ने ग्रीस को चिंतित कर दिया था। वहीं पाकिस्तान ने तुर्की का समर्थन किया था। तुर्की और ग्रीस पिछले कई सालों से आमने-सामने हैं और सीमा को लेकर इनके बीच में भी विवाद जारी है। ग्रीस ने इस एक्‍सरसाइज से पहले दिए गए तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन की राष्ट्रवादी टिप्पणियों को भी ध्यान में रखा है।

भारत बनेगा ग्रीस का साथी
भारत और ग्रीस के बीच यह ज्‍वॉइन्‍ट एक्‍सरसाज सैन्य सहयोग को और गहरा करेगी। दोनों देशों को आपसी से सैन्य उत्पादन में लाभ होगा और साथ ही अहम जानकारियों और टेक्‍नोलॉ‍जी का भी आदान-प्रदान किया जा सकेगा। विशेषज्ञ मानते हैं कि तुर्की और पाकिस्तान के बीच गठजोड़ से तुर्की को दुश्‍मन के खिलाफ फायदा हुआ है। वहीं ग्रीस ने भारत के रूप में ऐसा साथी तलाशा है जो एकदम सही है और इस क्षेत्र में संतुलन को कायम करने में मदद करेगा। बुल्गारियाई मिलिट्री .कॉम के मुताबिक ग्रीस के प्रति तुर्की के इसी रवैये की वजह से उसे अभी तक एफ -16 ब्लॉक 70 फाइटर जेट खरीदने की अनुमति नहीं मिली है। अमेरिका का कहना है कि वह ऐसे फाइटर जेट्स की बिक्री को मंजूरी नहीं देगा जो ग्रीस की संप्रभुता का उल्लंघन करे।

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