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लोन लेना हुआ और महंगा, EMI भी बढ़ेगी, एसबीआई ने इस साल दूसरी बार बढ़ाई ब्याज दरें

नई दिल्ली: देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई ने एक बार फिर लोन (SBI interest rate) महंगे कर दिया है। बैंक ने ने सभी टेन्योर के लिए मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड्स बेस्ड लेंडिंग रेट्स यानी एमसीएलआर (MCLR) में 0.10 फीसदी का इजाफा किया है। इससे होम लोन और ऑटो लोन समेत सभी तरह के लोन महंगे हो जाएंगे। बैंक ने इस साल दूसरी बार MCLR में इजाफा किया है। इससे पहले जनवरी में भी बैंक ने एमसीएलआर में 10 बेसिस अंक की बढ़ोतरी की थी। बढ़ी हुई दर आज यानी 15 फरवरी से लागू हो गई है। आरबीआई (RBI) ने हाल में छठी बार रेपो रेट में बढ़ोतरी की है। इसके बाद कई बैंकों ने लोन महंगा कर दिया है। बैंकों से लोन लेने पर ब्याज दर निर्धारित करने के लिए अप्रैल 2016 में आरबीआई ने एमसीएलआर की शुरुआत की थी। इसका इस्तेमाल कमर्शियल बैंक लोन का इंटरेस्ट रेट तय करने के लिए करते हैं।


एसबीआई ने ओवरलाइट एमसीएलआर रेट को 7.85 फीसदी से बढ़ाकर 7.95 फीसदी कर दिया है। इसी तरह एक महीने के टेन्योर के लिए इसे 8.10 फीसदी कर दिया गया है। इससे पहले यह 8.00 फीसदी था। तीन महीने का एमसीएलआर भी अब 8.10 फीसदी कर दिया गया है जबकि छह महीने के टेन्योर के लिए यह रेट अब 8.30 फीसदी से बढ़कर 8.40 फीसदी पहुंच गया है। एक साल की मैच्योरिटी के लिए नया रेट 8.50 फीसदी कर दिया गया है। इसी तरह दो साल लिए इसे 8.60 फीसदी और तीन साल के लिए 8.70 फीसदी कर दिया गया है।


किस पर पड़ेगा असर

एमसीएलआर में बढ़ोतरी से होम लोन (Home Loan), पर्सनल लोन (Personal Loan) और ऑटो लोन (Auto Loan) महंगे हो जाएंगे। साथ ही इससे आपकी किस्त यानी ईएमआई पर भी सीधा असर पड़ेगा। RBI ने 2016 में MCLR सिस्टम को पेश किया था। यह किसी वित्तीय संस्थान यानी फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन के लिए एक इंटरनल बेंचमार्क है। MCLR प्रोसेस में लोन के लिए मिनिमम ब्याज दर तय की जाती है। MCLR एक न्यूनतम ब्याज दर है, जिस पर बैंक लोन दे सकता है।

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