मुख्य समाचार

B 32 Muthal 44 vare को लेकर क्‍यों मचा है शोर, ब्रा की साइज देखने वालों के मुंह पर तमाचा है ये मलायलम फिल्‍म

हमारे समाज में लड़की का पैदा होना सौभाग्य की बात कही जाती है। लेकिन इसी समाज का एक काला सच यह भी है कि वह ताउम्र उस लड़की को अपने हिसाब से चलाने की कोश‍िश करता है। इतना ही नहीं, हर लड़की को उसके शरीर के हिसाब से जज क‍िया जाता है। शायद ही कोई ऐसी लड़की हो, ज‍िसे हर दिन बॉडी शेमिंग जैसी घिनौनी चीज का शिकार नहीं होना पड़ता हो। खासकर, जब ब्रेस्ट के आकार की बात आती है, तो बॉडी शेमिंग आम बात हो जाती है। साउथ फिल्मों की फेमस डायरेक्टर श्रुति शरण्यम एक फिल्म लेकर आई हैं, जिसका टाइटल है ‘बी 32 मुथल 44 वरे’। यानी ‘फ्रॉम बी 32 टू 44’, सीधे शब्‍दों में समझें तो यह ब्रेस्ट के साइज से जुड़ा है। श्रुति की यह फिल्‍म 28 मार्च को र‍िलीज हुई है और यह लगातार चर्चा में बनी हुई है।

 
श्रुति कहती हैं, ‘मैंने औरतों को उनके ब्रेस्ट के कारण बहुत कुछ झेलते देखा है, उन्‍हें इस बात का खामियाजा भुगतना पड़ता है कि उनका शरीर समाज के तय मापदंड के अनुसार नहीं है। हमारे समाज में महिलाओं के शरीर के बारे में कुछ धारणाएं और मानक हैं। यदि आप उन मानकों को पूरा नहीं करते हैं, तो आपके साथ अलग तरह से व्यवहार किया जाता है।’

बचपन से खुद भी ऐसे कमेंट्स झेल चुकी हैं श्रुति

Shruthi Sharanyam ने फ‍िल्‍म में अपने अनुभव के साथ-साथ आसपास के लोगों को देखकर भी उनकी बात बड़े पर्दे तक पहुंचाई है। श्रुति बताती हैं कि बचपन के दिनों में जब वह डांस करती थीं, तो उन्हें अक्सर कम वजन वाली और बदसूरत लड़की कहा जाता था। इस पर उन्होंने कहा, ‘फंक्शन्स में मुझे टीचर और दोस्तों से भी बहुत कुछ सुनना पड़ता था। वे मुझे गालियां देते थे, मेरा मजाक उड़ाते थे। मुझे परफॉर्मेंस के लिए एक्स्ट्रा पैडिंग पहननी पड़ती थी। यहां तक कि जब केरल फिल्म विकास निगम मेरी फिल्म की समीक्षा कर रही थी, तब भी मैं ऐसे ही तैयार हुई थी।’

क्‍या है फिल्‍म B 32 Muthal 44 vare की कहानी

श्रुत‍ि हालांकि, यह भी मानती हैं क‍ि सिर्फ महिलाएं ही नहीं, बल्‍क‍ि पुरुषों को भी बॉडी शेमिंग का श‍िकार होना पड़ता है। यह समाज उन्‍हें भी नहीं बख्शता है। फिल्म B 32 Muthal 44 vare की कहानी के केंद्र में पांच अहम क‍िरदार हैं, ज‍िसमें से चार महिलाएं हैं और एक ट्रांस पुरुष है। उन्हें अलग-अलग ब्रेस्ट साइज के साथ समाज अपने मानकों पर आंकता है। फिल्‍म में अनारकली मारीकर ने ‘ट्रांस मैन’ जिया का किरदार निभाया है। उसके नितंब का आकार उसके लिए बोझ की तरह है। जबकि इमान के किरदार में जरीन श‍िहाब को अपने बेढ़ंग शरीर के कारण नौकरी में मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। राम्‍या नाम्‍बेसन ने फिल्‍म में मालिनी का रोल प्‍ले किया है, वह मास्टेक्टॉमी करवा चुकी है और पति के साथ मतभेद के कारण हालात से जूझ रही है। यह फ‍िल्‍म इस बात की पड़ताल करती है कि कैसे क‍िसी को सिर्फ इसलिए कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ता है कि वह औरत है।

 

बच्चों को भी देखनी चाहिए फिल्म

फ‍िल्‍म समीक्षाओं ने मलयालम फिल्म ‘बी 32 मुथल 44 वरे’ की खूब तारीफ की है। फिल्‍म को मिले रिव्‍यूज में कहा गया है कि एक दुनियाभर में महिलाओं के अनुभव को स्पष्ट रूप से द‍िखाती है और ब‍िना कोई उपदेश द‍िए अपनी बात कह जाती है। डायरेक्‍टर जियो बेबी ने बकायदा सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट कर सभी से फिल्म देखने का आग्रह किया है। वीडियो में फिल्म ‘द ग्रेट इंडियन किचन’ (2021) के डायरेक्‍टर कहते हैं, बच्चों को भी इसे देखना चाहिए, क्योंकि यह दिखाता है कि हमें बच्चों को क्या और कैसे सिखाना चाहिए।’

 

फिल्म को लेकर भद्दे कमेंट्स भी

फिल्म ‘बी 32 मुथल 44 वरे’ को सोशल मीडिया पर कुछ नेगेटिव कमेंट्स भी मिले हैं। लेकिन श्रुत‍ि शरण्यम का कहना है कि वह इससे हैरान नहीं हैं। वह कहती हैं, ‘पहली बात तो यह है कि लोग एक महिला को डायरेक्टर के तौर पर जल्‍दी स्वीकार नहीं करते हैं। ऊपर से वह यह बर्दाश्‍त नहीं कर पा रहे हैं कि कोई महिला निर्देशक औरतों के शरीर के बारे में बात कर रही है। वह एक औरत को लेकर मर्दों की सोच पर बात कर रही है। जाहिर है वो ये सब नहीं सुन सकते हैं।’

 
 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button