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बॉलीवुड छोड़ क्यों स्वामी नित्यानंद गिरी बन गईं एक्ट्रेस नीता मेहता? संजीव कुमार से होने वाली थी शादी

बॉलीवुड में ऐसी कई हीरोइनें रही हैं, जिन्होंने कभी फिल्मी पर्दे पर राज किया था, लेकिन बाद में किसी ने एक्टिंग छोड़कर आध्यात्म की राह पकड़ ली तो कोई साध्वी बन गई। उन हीरोइनों के अचानक लिए गए इस फैसले ने फैन्स को भी करारा झटका दिया था। एक्टर विनोद खन्ना भी एक बाद फिल्म इंडस्ट्री छोड़कर संन्यासी बनने चले गए थे। हालांकि बाद में वह लौट आए। पर कुछ हीरोइनें तो वापस लौट ही नहीं पाईं और हर तरह का सांसारिक सुख, मोह-माया और परिवार का त्याग कर साध्वी बन गईं। ‘ट्यूज्डे तड़का’ सीरीज में हम आपको एक ऐसी एक्ट्रेस के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसने 70 और 80 के दशक में बॉलीवुड में तहलका मचा दिया था। वह उस दौर की सबसे खूबसूरत एक्ट्रेस मानी जाती थीं। लेकिन बाद में साध्वी बन गईं। यह हैं एक्ट्रेस नीता मेहता। वही नीता मेहता, जो कभी एक्टर संजीव कुमार से शादी करना चाहती थीं।

आखिर नीता मेहता एक्टिंग छोड़कर साध्वी क्यों बनीं? जो एक्ट्रेस परिवार के खिलाफ जाकर फिल्मों में आई थी, बाद में उसी ने सबकुछ क्यों त्याग दिया? अब नीता मेहता कहां और किस हाल में हैं? इन तमाम सवालों के जवाब यहां दे रहे हैं।

परिवार से बगावत कर बनीं हीरोइन

नीता मेहता का जन्म 1956 में एक गुजराती परिवार में हुआ था। उनके पिता एक वकील, जबकि मां डॉक्टर रहीं। परिवार में दूर-दूर तक न तो कोई फिल्मी माहौल था, न ही कोई इस दुनिया में आना चाहता था। लेकिन नीता मेहता ने तो हीरोइन बनने का ही ख्वाब देखा। नीता मेहता की दिलचस्पी पढ़ाई में बिल्कुल भी नहीं थी। वह तो एक्ट्रेस ही बनना चाहती थीं। नीता मेहता पर हीरोइन बनने का जुनून इस कदर सवार था कि वह अपने परिवार के खिलाफ ही चली गई थीं।


पहला ब्रेक और यादगार फिल्में

नीता मेहता ने मुंबई के एक स्कूल से पढ़ाई की और फिर पुणे के फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टिट्यूट में एडमिशन ले लिया। यहां से दो साल कोर्स करने के बाद नीता मेहता को फिल्मों में बड़ी आसानी से ब्रेक मिल गया। उनकी पहली फिल्म ‘पोंगा पंडित’ थी, जो 1975 में आई थी। इस फिल्म में नीता मेहता के ऑपोजिट रणधीर कपूर थे। इसके बाद नीता मेहता ने ‘ईंट का जवाब पत्थर’, ‘मंगल पांडे’, ‘ये है जिंदगी’, ‘आखिरी इंसाफ’, ‘कामचोर’, ‘रिश्ता कागज का’, ‘जानी दुश्मन’, ‘हीरो’ और ‘सल्तनत’ समेत कई फिल्में कीं।

संजीव कुमार से प्यार, शादी की शर्त

नीता मेहता ने विनोद खन्ना से लेकर राजेश खन्ना, धर्मेंद्र और संजीव कुमार तक के साथ काम किया। संजीव कुमार के साथ नीता मेहता ने चार-पांच फिल्में की थीं। साथ में काम करते-करते नीता मेहता और संजीव कुमार एक-दूसरे से प्यार करने लगे। दोनों शादी भी करना चाहते थे। लेकिन संजीव कुमार की एक शर्त ने सब खराब कर दिया।

संजीव कुमार से होनी थी शादी

बताया जाता है कि संजीव कुमार चाहते थे कि नीता मेहता शादी के बाद फिल्मों में काम नहीं करेंगी। लेकिन नीता मेहता को यह मंजूर नहीं था। नीता ने तो फिल्मों में आने के लिए परिवार से भी बगावत कर दी थी, फिर भला वह संजीव कुमार की कैसे सुनतीं? नीता मेहता ने इनकार कर दिया और फिर संजीव कुमार और उनकी शादी नहीं हो पाई। नीता मेहता ने फिर अपने करियर पर ही फोकस शिफ्ट कर दिया।

लीड रोल बंद तो करने लगीं बहन-भाभी के रोल

लेकिन धीरे-धीरे नीता को फिल्मों में लीड रोल मिलना बंद हो गए। यह 80 के दशक की बात है। तब उन्होंने सपोर्टिंग किरदार निभाने शुरू कर दिए। किसी फिल्म में नीता मेहता बड़ी बहन तो किसी फिल्म में हीरोइन या फिर हीरो की भाभी के रोल में नजर आने लगीं। सपोर्टिंग किरदारों में नीता मेहता ने करीब 40 फिल्मों में काम किया। इनमें ‘हमसे बढ़कर कौन’, ‘नौकर बीवी का’ और ‘स्वर्ग से सुंदर’ जैसी फिल्में शामिल हैं। लेकिन फिर ऐसा भी दौर आया जब नीता मेहता को सपोर्टिंग रोल भी नहीं मिल रहे थे। तब नीता मेहता ने हमेशा के लिए फिल्में छोड़ दीं और जूलरी बिजनेस शुरू किया।

जूलरी का बिजनेस किया, फिर साध्वी बन गईं

नीता मेहता का यह जूलरी बिजनेस काफी अच्छा चल रहा था। उन्होंने कुछ साल तक इसमें अच्छे से अपना समय लगाया और काफी कमाई की। लेकिन अचानक ही नीता मेहता को महसूस हुआ कि फिल्में या फिर बिजनेस उनकी जिंदगी का मकसद नहीं है। वह तो किसी और चीज की तलाश में हैं। वह फिर सबकुछ छोड़कर एक साध्वी या कहें कि संन्यासिन बन गईं। यही नहीं, नीता मेहता ने अपना नाम भी बदल लिया। अब उनका नाम स्वामी नित्यानंद गिरी है। उनका यूट्यूब चैनल भी है, जहां वह अपनी जिंदगी के अनुभव शेयर करती रहती हैं।

ऐसे बनीं स्वामी नित्यानंद गिरी

नीता मेहता ने यह भी बताया कि वह कैसे नीता मेहता से स्वामी नित्यानंद गिरी बनीं। नीता मेहता ने अपने यूट्यूब चैनल पर यह भी बताया कि गुरु मां आनंदमयी के कारण साध्वी बनीं और उन पर एक किताब भी लिखी है। नीता के मुताबिक, उन्हें साध्वी बनने में 30-40 साल लगे। वह हमेशा से ही गुरु मां आनंदमयी से जुड़ी हुई थीं। नीता मेहता का परिवार भी गुरु मां आनंदमयी का फॉलोअर रहा। वह बचपन से ही उनके आश्रम जाती थीं। नीता मेहता यानी स्वामी नित्यानंद गिरी अब सिर्फ सात्विक खाना ही खाती हैं।

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