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क्या पीएम किसान की रकम में होगा इजाफा? बजट से बड़ी उम्मीद लगाए हैं अन्नदाता, जानिए क्या है अपडेट

नई दिल्ली : सरकार को आगामी बजट 2023-24 में पीएम-किसान योजना (PM Kisan Yojana) के तहत किसानों को दी जाने वाली नकद सहायता को बढ़ाना चाहिए। उद्योग विशेषज्ञों ने यह सलाह दी ही। इस समय पीएम-किसान योजना के तहत सालाना 6,000 रुपये दिए जाते हैं। उन्होंने कहा कि कृषि प्रौद्योगिकी स्टार्टअप को टैक्स में छूट की पेशकश करनी चाहिए और आयात शुल्कों को कम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारतीय कृषि क्षेत्र में एआई, सटीक खेती और ड्रोन जैसी तकनीकों को तेजी से अपनाने के लिए किसानों के साथ-साथ कृषि प्रौद्योगिकी स्टार्टअप्स के लिए कुछ इंसेंटिव की घोषणा करने की भी जरूरत है। पीएम किसान सम्मान निधि योजना (PM Kisan Samman Nidhi Scheme) की 13वीं किस्त जल्द ही किसानों के खातों में ट्रांसफर होगी।

कृषि रसायन कंपनी धानुका समूह के चेयरमैन आर जी अग्रवाल ने कहा, ‘किसानों को पीएम-किसान कार्यक्रम के तहत अधिक राशि दी जानी चाहिए, ताकि वे पर्याप्त मात्रा में बीज, उर्वरक और कीटनाशक खरीद सकें। पीएम किसान योजना के तहत, केंद्र सरकार तीन समान किस्तों में सालाना कुल 6,000 रुपये देती है। अग्रवाल ने कृषि क्षेत्र में अनुसंधान एवं विकास गतिविधियों और विस्तार सेवाओं को बढ़ावा देने के लिए कुछ इंसेंटिव की भी मांग की।

खाद्य तेलों पर शुरू हो राष्ट्रीय मिशन

खाद्य तेल उद्योग के निकाय एसईए (SEA) ने तिलहन उत्पादन बढ़ाने और खाद्य तेल के आयात को कम करने के लिए एक राष्ट्रीय मिशन शुरू करने की मांग की। सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष अजय झुनझुनवाला ने कहा, ‘तिलहन उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए पर्याप्त वित्तीय सहायता के साथ ‘खाद्य तेलों पर राष्ट्रीय मिशन’ शुरू करने की तत्काल आवश्यकता है।’

सालाना 140 लाख टन खाद्य तेलों का हो रहा आयात

मौजूदा समय में भारत सालाना करीब 140 लाख टन खाद्य तेलों का आयात कर रहा है। उन्होंने कहा कि साल 2026 तक आयातित खाद्य तेलों पर हमारी निर्भरता कम करने के लिए मिशन को 25,000 करोड़ रुपये के वार्षिक परिव्यय की जरूरत है।

खेती में बढ़ी है लागत

सिंजेंटा इंडिया के मुख्य वहनीयता अधिकारी (CSO) के सी रवि ने कहा कि कृषि क्षेत्र में लागत बढ़ गई है। उन्होंने कहा, ‘पीएम-किसान के लिए अधिक खर्च से यह सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी कि किसानों को खेती करने के लिए अधिक नकदी मिले।’

ड्रोन खरीदने के लिए मिले सब्सिडी

कृषि-ड्रोन विनिर्माता आईओटेकवर्ल्ड एविगेशन के सह-संस्थापक और निदेशक दीपक भारद्वाज ने कहा, ‘सरकार को ड्रोन खरीद के लिए एक लाख करोड़ रुपये के एग्रीकल्चर मैन्युफैक्चरिंग फंड से कुछ फंड अलग रखना चाहिए। इसके अलावा आईओटेकवर्ल्ड के सह-संस्थापक अनूप उपाध्याय ने सुझाव दिया कि किसानों को ड्रोन खरीदने के लिए सब्सिडी दी जानी चाहिए।

नई टेक्नोलॉजी को अपनाएं किसान

ग्राम उन्नति के संस्थापक अनीश जैन ने कहा कि किसानों को नई फसलों और प्रौद्योगिकियों को अपनाने की जरूरत है, जिनमें पैदावार और उपज में भारी सुधार करने की क्षमता है। इसी तरह जैव-ईंधन और जैव उर्वरक क्षेत्र की कंपनी सीईएफ समूह के संस्थापक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (CEO) मनिंदर सिंह ने कहा कि सरकार को किसानों के बीच जैविक खाद को बढ़ावा देने के लिए सब्सिडी देने पर विचार करना चाहिए।

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