खेल

कच्चे तेल पर विंडफॉल टैक्स हुआ जीरो, क्या कम होंगे पेट्रोल-डीजल के दाम

नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने मंगलवार से घरेलू स्तर पर उत्पादित कच्चे तेल (क्रूड) पर विंडफाल टैक्‍स घटाकर शून्य कर दिया है। पहले क्रूड पर विंडफाल टैक्‍स 3,500 रुपये प्रति टन था, जो अब शून्य हो गया है। डीजल पर विंडफॉल टैक्स पहले के एक रुपये प्रति लीटर से घटाकर 0.5 रुपये प्रति लीटर कर दिया गया है, जबकि पेट्रोलियम और ATF पर कोई विंडफॉल टैक्स नहीं है। यह फैसला ऐसे समय में आया है जब ओपेक प्लस देशों ने उत्पादन में कटौती करने का फैसला किया है। इस कदम से सोमवार को ब्रेंट क्रूड करीब छह फीसदी बढ़कर 84.58 डॉलर प्रति बैरल हो गया। देश में विंडफाल टैक्‍स पहली बार पिछले साल 1 जुलाई को लगाया गया था, क्योंकि एनर्जी की ज्यादा कीमतों के चलते तेल उत्पादकों के लिए मुनाफा कई गुना बढ़ गया था। उस समय पेट्रोल और एटीएफ पर छह रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 13 रुपये प्रति लीटर का निर्यात शुल्क लगाया गया था। घरेलू कच्चे तेल के उत्पादन पर 23,250 रुपये प्रति टन विंडफॉल टैक्स लगाया गया था।

जुलाई में लगाया गया था टैक्स

बता दें कि भारत ने 1 जुलाई 2022 को कच्चे तेल उत्पादकों पर अप्रत्याशित कर और गैसोलीन, डीजल व विमानन ईंधन के निर्यात पर शुल्क लगाया था। उस दौरान सरकार ने यह फैसला इसलिए लिया था क्योंकि निजी रिफाइनर इसे घरेलू स्तर पर बेचने के बजाय विदेशी बाजारों में मजबूत मार्जिन के साथ बेचकर लाभ कमाने चाहते थे।

रोसनेफ्ट समर्थित नायरा एनर्जी देश में ईंधन का सबसे बड़ा निर्यातक है। भारत ने पहली बार पिछले साल 1 जुलाई को अप्रत्याशित लाभ कर लगाया था। इसके साथ ही यह ऊर्जा कंपनियों के सुपर मुनाफे पर कर लगाने वाले देशों की लिस्ट में शामिल हो गया था।

क्या है विंडफॉल टैक्स

विंडफॉल टैक्स ऐसी कंपनियों या इंडस्ट्री पर लगाया जाता है जिन्हें किसी खास तरह के हालात से तत्काल काफी फायदा होता है। यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमत में काफी तेजी आई थी। इससे तेल कंपनियों को काफी फायदा मिला था।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button