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इसरो ने दोबारा कराई विक्रम लैंडर की सॉफ्ट लैंडिंग, 40 सेमी तक ऊपर उठा, भविष्य के लिए अहम प्रयोग

नई दिल्ली। विक्रम लैंडर ने चंद्रयान-3 मिशन के उद्देश्यों को पूरा कर लिया है। सोमवार को इसरो ने एक वीडियो जारी कर बताया कि विक्रम लैंडर ने अपना ‘हॉप एक्सपेरिमेंट’ सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है।

दोबारा से हुई लैंडर की सॉफ्ट लैंडिंग

इसरो ने बताया कि रोवर के स्लीप मोड पर जाने के बाद कंट्रोल रूम के कमांड पर, विक्रम लैंडर के इंजन को दोबारा से चालू किया गया और उसे 40 सेमी ऊपर उठाया गया, इसके बाद अपनी जगह से 30 – 40 सेमी की दूरी पर सुरक्षित रूप से दोबारा सॉफ्ट लैंडिंग कराई।

ISRO का ‘हॉप एक्सपेरिमेंट ‘

इस सफलतापूर्वक ‘हॉप एक्सपेरिमेंट ‘ से भविष्य में चांद से सैंपल को वापस लाने और मानव मिशन को पूरा करने के उद्देश्य में सफलता हासिल की है। इसरो ने बताया कि सभी सिस्टम सही रूप से काम कर रहे है। इस ‘हॉप एक्सपेरिमेंट’ के जरिए Ramp, ChaSTE और ILSA को वापस मोड़ा गया और सफलतापूर्वक पुन: चांद की सतह पर तैनात किया गया।

स्लीप मोड पर गया रोवर

इसरो ने 3 सितंबर को बताया कि चंद्रयान-3 के रोवर ‘प्रज्ञान’ के 10 दिन चंद्रमा की सतह पर पहला टास्क पूरा करने के बाद स्लीप मोड में चला गया है।

दरअसल, चांद के साउथ पोल पर अब रात हो गई है और ऐसे में रोवर का काम करना नामुमकिन है। इस समय चांद के साउथ पोल का तापमान माइनस 200 डिग्री के नीचे है। अब चांद के इस हिस्से पर सूरज की किरणें दोबारा पड़ेंगी, तब रोवर ‘प्रज्ञान’ को स्लीप मोड से वर्क मोड में चालू कर दिया जाएगा।

23 अगस्त को भारत ने रचा था इतिहास

23 अगस्त को इसरो ने चांद के दक्षिणी ध्रुव पर विक्रम लैंडर की सॉफ्ट लैंडिंग कराकर कीर्तिमान रचा। विक्रम लैंडर की सॉफ्ट लैंडिंग के बाद से इसरो की तरफ से चांद की कई रोचक तस्वीरें और वीडियो साझा किए गए।

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