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Meerut : एसडीएम के सामने रो पड़े बेबस पिता, पूरा मामला सुन, जागा प्रशासन

सरधना : मिलक गांव में 15 अगस्त को आंगनबाड़ी केंद्र में ध्वजारोहण के दौरान डोर के साथ पिलर गिर गया था। जिसमें चार बच्चे सहित छह घायल हो गए थे। इस दौरान दो वर्षीय मासूम गंभीर घायल हो गई थी। ग्रामीणों ने घायल को कस्बे के निजी अस्पताल में भर्ती करवाया था।

इसके बाद चिकित्सकों ने उसे मेरठ रेफर कर दिया था। शुक्रवार शाम दर्जनों ग्रामीणों के साथ पिता अपनी बेटी का कटा पैर लेकर तहसील परिसर में पहुंचे। जहां उन्होंने एसडीएम से जांच कर कार्रवाई की गुहार लगाई। जिस पर उन्होंने कार्रवाई का आश्वासन दिया। वहीं, ग्रामीणों ने चार दिन तक अधिकारियों के सुध ना लेने पर नाराजगी जताई।

15 अगस्त को हुआ था हादसा

15 अगस्त को मिलक गांव में स्थित आंगनबाड़ी केंद्र पर ध्वजारोहण का कार्यक्रम था। जहां पर आंगनबाड़ी केंद्र की छत पर रखे पिलर पर झंडा लगवाया गया था। वहां पर दो वर्षीय प्रियांशी पुत्री कुलदीप, 18 माह तेजस पुत्र सचिन, तीन वर्ष आर्यन पुत्र रवि, 2.6 वर्ष रीयानश सैनी पुत्र सचिन सैनी अपने स्वजन के साथ थे। जब आंगनबाड़ी कार्यकत्री बबीता ने ध्वजारोहण करने के लिए डोर खींची थी। तभी पिलर नीचे गिर गया था। जिसमें चारों मासूम सहित आंगनबाड़ी कार्यकत्री बबीता सैनी व सचिन भी घायल हो गए थे।

जान बचाने के लिए डॉक्टरों को काटना पड़ा पैर

वहीं, प्रियांशी के पैर पर पिलर गिरने से गंभीर घायल हो गई थी। इस पर स्वजन और ग्रामीणों ने प्रियांशी को कस्बे के निजी अस्पताल में भर्ती करवाया था। कुछ समय बाद उसे मेरठ के अस्पताल में रेफर कर दिया था। जहां पर उपचार के दौरान मासूम का शुक्रवार सुबह चिकित्सकों को पैर काटना पड़ा।

शुक्रवार शाम को दर्जनों ग्रामीण और कुलदीप अपने बेटी प्रियांशी का कटा हुआ पैर लेकर तहसील परिसर में पहुंचे और एसडीएम पंकज प्रकाश राठौर से जांच कर कार्रवाई की मांग की। बताया कि यह पिलर पूर्व प्रधान ने करीब पांच वर्ष पूर्व बनवाया था। राजपूत चेतना मंच जिलाध्यक्ष ठा. कमल चौहान, कृष्णपाल, सुंदरपाल सैनी, दिनेश सैनी, नरेंद्र सिंह, मूलचंद सैनी, सीता राम सहित अन्य मौजूद रहे।

एसडीएम के सामने रो पड़े बेबस पिता

गंभीर घायल मासूम के पिता कुलदीप एसडीएम के समक्ष फफक कर रो पड़े और कहा साहब न्याय तो दे दो, क्या करू मै। इस दौरान ग्रामीणों ने एक जुट होकर कहा कि अभी तक इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई है। जबकि मामले को चार दिन हो गए।

नहीं रही अधिकारियों में संवेदनशीलता, नहीं ली सुध

एसडीएम के तहसील परिसर में पहुंचने से पहले ग्रामीणों ने अधिकारियों पर आरोप लगाते हुए बताया कि इस प्रकरण को शुक्रवार को चार दिन हो गए है। लेकिन, अभी तक किसी अधिकारी ने सुध नहीं ली।

पूरा मामला सुन, जागा प्रशासन

एक पिता के आंख में आंसू देख मामला सुनने के बाद आखिरकार प्रशासन जाग गया। एसडीएम ने आश्वासन दिया कि तहसील और पीडब्ल्यूडी के एक टीम गठित की जा रही है। वह पूरी बिल्डिंग की जांच करेंगें। रिपोर्ट मिलने के बाद उसी आधार पर कार्रवाई की जाएगी। साथ ही बच्ची का दिव्यांग प्रमाण-पत्र बनेगा और मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष से सहायता दिलाने का आश्वासन दिया।

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