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क्या है अडानी और राफेल का कनेक्शन? संसद में राहुल गांधी के ‘रौद्र रूप’ में दिख गया संकेत

नई दिल्ली: बजट सत्र में राहुल गांधी समेत पूरी कांग्रेस अडानी मामले को लेकर इन दिनों मोदी सरकार को घेरती दिख रही है। जब से अडानी ग्रुप को लेकर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट सामने आई है, तब से कांग्रेस ने इसे आड़े हाथ लिया है। आज संसद में राहुल गांधी ने सरकार से सवाल पूछते हुए कहा कि अडानी ने पिछले 20 सालों में बीजेपी को कितना पैसा दिया। संसद में राहुल के इस रौद्र रूप को देखकर यही पता चलता है कि अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस इसी मुद्दे पर दांव खेलेगी। 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले राहुल गांधी का यही अवतार राफेल मामले को लेकर भी देखने को मिला था। 2019 में कांग्रेस का राफेल वाला मुद्दा 2024 में अडानी पर शिफ्ट होता दिख रहा है।

अडानी को लेकर केंद्र को घेरते दिखे राहुल
संसद में आज अडानी मामले को लेकर राहुल गांधी ने केंद्र पर ताबड़तोड़ हमले किए। उन्होंने कहा कि पहले वे अडानी के विमान में यात्रा करते थे और अब अडानी मोदी जी के साथ उनके विमान में यात्रा करते हैं। पहले मामला गुजरात तक सीमित था और अब वह अंतरराष्ट्रीय हो गया है। राहुल गांधी ने कहा, ‘प्रधानमंत्री ऑस्ट्रेलिया गए और एसबीआई ने जादुई तरीके से अडानी को 1 अरब डॉलर का लोन दे दिया। जब वो बांग्लादेश गए तो बिजली बोर्ड ने अडानी के साथ 25 साल का कांट्रेक्ट साइन किया। उन्होंने पूछा कि अडानी ने पिछले 20 सालों में बीजेपी को कितना पैसा दिया?

अडानी और अंबानी को बताया डबल-ए वैरिएंट
इससे पहले बजट सत्र के दौरान ही राहुल गांधी ने अडानी और अंबानी को ‘डबल-ए’ वैरिएंट बताया था। उन्होंने कहा था कि ‘कोरोना के समय कई वैरिएंट आते हैं, लेकिन ‘डबल ए’ वैरिएंट है, जो देश की अर्थव्यवस्था में फैल रहा है।’ भारत जोड़ो यात्रा के दौरान भी राहुल गांधी ने अडानी को लेकर बीजेपी पर जमकर निशाना साधा था। उन्होंने आरोप लगाया कि भारत जोड़ो यात्रा के दौरान लोगों ने उनसे पूछा कि 2014 से 2022 के बीच एक व्यक्ति अडानी की संपत्ति 8 अरब डॉलर से बढ़कर 140 अरब डॉलर कैसे हो गई और प्रधानमंत्री के साथ उनका क्या रिश्ता है।
राफेल वाला मुद्दा अडानी पर शिफ्ट हो गया
जिस तरह राहुल गांधी अडानी को लेकर बीजेपी पर हमलावर है, ठीक वैसा ही रुख 2019 के चुनाव से पहले राफेल मामले को लेकर था। उस वक्त तो राहुल गांधी पीएम मोदी के खिलाफ बार-बार ‘चौकीदार चोर है’ जैसे नारे भी लगाते दिखे थे। राहुल ने एक रैली को संबोधित करते हुए कहा था कि राफेल डील में देश के चौकीदार की पोल खुल गई है। जब चौकीदार खुद ही चोर हो जाए तो देश तरक्की कैसे करेगा?’

2019 के लोकसभा चुनाव से पहले एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में राहुल गांधी ने कहा था कि राफेल डील का केवल एक ही मकसद है और वो है अंबानी को 30,000 करोड़ रुपए देना। उन्होंने आरोप लगाया था कि मोदी सरकार ने रक्षा क्षेत्र की सार्वजनिक कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) की दावेदारी की अनदेखी कर अंबानी को फायदा पहुंचाया था। हालांकि मोदी सरकार और अंबानी ग्रुप ने इन आरोपों को खारिज किया था।

2024 में अडानी मुद्दे पर दांव खेलेगी कांग्रेस!
पिछले लोकसभा चुनाव में तो कांग्रेस को राफेल मामला उठाने का कोई खास फायदा नहीं मिल पाया। कांग्रेस को चुनाव में सिर्फ 52 सीटें मिल पाईं, वहीं पूरे यूपीए ने 92 सीटें जीतीं। लेकिन एक बार फिर से कांग्रेस को एक नया मुद्दा मिल गया है। इस चुनाव में राहुल गांधी अडानी मुद्दे को भुनाने की पूरी कोशिश करते दिख रहे हैं।

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